Organ Transplant : जाते-जाते कई को नया जीवन दे गया एक अनमोल! 

17 सितंबर को एक्सीडेंट हुआ, रिस्पांस न मिलने पर 'ब्रेन डेड' घोषित किया 

1706

Organ Transplant : जाते-जाते कई को नया जीवन दे गया एक अनमोल!

Bhopal : एक जीवन समाप्ति के बाद भी कई लोगों को जीवन दे सकता है। अनमोल जैन इसकी मिसाल हैं। यह युवक अब इस दुनिया में नहीं हैं, पर उसका दिल, लिवर, किडनी और लंग्स कई लोगों को जीवन देंगे। 23 साल के ब्रेन-डेड अनमोल जैन के परिवार ने उसके अंगों को दान करने का फैसला किया है। इससे पांच लोगों को नया जीवन मिलेगा। इंदौर से अनमोल भोपाल आया और एमबीए का विद्यार्थी था।

उसके अंगों को जरूरतमंदों तक भेजने के लिए सोमवार सुबह राजधानी में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। अनमोल जैन मूल रूप से सोहागपुर के रहने वाले थे। 17 सितंबर को एक्सीडेंट हुआ था। उन्हें राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने कई दिन इलाज के बाद ब्रेन से रिस्पांस न मिलने पर, उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। अनमोल को जानने वालों का कहना है कि वह प्रतिभाशाली था। क्रिकेट के प्रति समर्पण के चलते उसने इंदौर के यशवंत क्रिकेट क्लब में ट्रेनिंग ली, जहां वह 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकता था। अच्छे फास्ट बॉलर के रूप में चर्चित हो चुका था।

 

बेहद मुश्किल भरा फैसला

उसके अंगों को दान करना परिवार के लिए बेहद मुश्किल था। अनमोल के भाई गौरव जैन ने बताया कि मगर हमें पता था कि हम सही कर रहे हैं। साथ ही परिवार को इस बात की जानकारी थी कि ऐसे मामलों में अंगदान किया जा सकता है। अस्पताल के डॉक्टरों के साथ चर्चा के बाद परिवार ने सहमति जताई। इसके बाद युवक के अंग उन रोगियों को दान किए जा रहे हैं, जिन्हें उनकी सख्त जरूरत है। आवश्यक मंजूरी के बाद प्रत्यारोपण टीम को तुरंत सक्रिय कर दिया गया। सूचना जोनल ट्रांसप्लांट कोर्डिनेशन सेंटर को भेज दी गई।

 

अंग प्रत्यारोपित किए गए

27 नवंबर को किडनी, लंग जैसे अंगों को प्रत्यारोपण के लिए निकाला गया। जानकारी के अनुसार किडनी भोपाल के मरीजों को ही लगाई जानी है। वहीं लिवर इंदौर के मरीज के लिए भेजा गया। इस तरह से गंभीर रूप से बीमार चार से पांच रोगियों को नया जीवन मिल सकेगा। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना हैं कि एक युवा के द्वारा किए गए योगदान ने हमारे विश्वास को मजबूत किया है।

तीन ग्रीन कॉरिडोर बने

सुरक्षित तरीके से अंगों को निकालने के बाद उसे मरीजों को पहुंचाने के लिए भोपाल में सोमवार सुबह तीन ग्रीन कॉरिडोर बने। पहला कॉरिडोर सिद्धांत अस्पताल से एयरपोर्ट तक बनेगा। इसमें हार्ट को अहमदाबाद ले जाया जाएगा। दूसरा ग्रीन कॉरिडोर सिद्धांत अस्पताल से चिरायु अस्पताल तक बनेगा, इसमें किडनी को लेकर जाया जाएगा। वहीं तीसरा कॉरीडोर लिवर के लिए बनेगा। जो सिद्धांत अस्पताल से इंदौर लेकर जाया जाएगा।