जैविक खेती (Organic farming) ही मूल खेती है , सरकारों और किसानों को इसे प्राथमिकता में लेना होगा
मंदसौर से डॉ . घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। विश्व खाद्य दिवस के अवसर शनिवार शाम नूतन विद्यालय के सभागार में तीन सत्रों में आयोजन संपन्न हुए।
” आत्मनिर्भर भारत में किसानों की भूमिका ” विषय पर परिसंवाद में जैविक कृषि(Organic farming) विशेषज्ञ एवं कृषि से जुड़े अंतरराष्ट्रीय स्वयं सेवी संगठन OFAI के संयुक्त सचिव श्री राजेंद्र सिंह राठौर ( रतलाम ) ने कहा कि भारत का किसान तभी आत्मनिर्भर बन सकता है जब सरकारों का रुझान जैविक खेती के प्रति दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ रहे। वर्तमान में किसान जो भी खेती कर रहा है उससे वह दूसरों की आय ज्यादा बढ़ा रहा है स्वयं की आय स्थिर है।
श्री राठौर ने कहा जैविक खेती परम्परागत होकर कृषि का मूल है , केन्द्र और राज्य सरकारें उदासीन हैं । किसानों को जागरूक होकर जैविक खेती को अपनाना होगा तभी खेती लाभ में परिवर्तित होगी ।
वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता श्री हरनाम सिंह ( इंदौर ) ने आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को किसानों के आत्मनिर्भर बने बिना अधूरा बताया उन्होंने कहा कि जब तक किसान समृद्ध नहीं होंगे देश के समृद्ध होने की कोई संभावना नहीं। सरकार की पूरी रीति नीतिOrganic farming को प्रोत्साहित करने की होनी चाहिए।
उप संचालक कृषि डॉ आनंद कुमार बड़ोनिया ( मंदसौर ) ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के अनेक प्रयास किए हैं उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। सरकार की पूरी कोशिश है कि किसान आत्मनिर्भर बने। श्री बड़ोनिया ने कहा कि खेती में रबी और खरीफ़ फसलों के साथ तीसरी उपज भी किसानों को लेना चाहिए । वैकल्पिक उपज भी आवश्यक है ।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नईदिल्ली द्वारा स्थापित मंदसौर ऑउट स्टेशन रिसर्च सेंटर डायरेक्टर एवं प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक श्री नरेंद्र सिंह सिपानी ने अपना मार्गदर्शन वक्तव्य दिया तथा कहा कि हमारे देश की खेती किसानी की प्रक्रिया में आमूलचूल सुधार और नवाचारों को समाहित करने के साथ परिवर्तन की आवश्यकता है।
अतिथि परिचय ब्रजेश जोशी ने दिया संचालन असहद अंसारी ने किया आभार सुनील व्यास ने माना।
परिसंवाद के पूर्व प्रथम सत्र में रंगकर्मी व पत्रकार प्रदीप शर्मा द्वारा लिखित नुक्कड़ नाटक “चोर पुराण ” का मंचन किया गया जिसकी उम्दा प्रस्तुति इप्टा मंदसौर इकाई के कलाकारों ने दी ।
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अंत में विश्व खाद्य दिवस पर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडेय की सदारत में काव्य गोष्ठी हुई । इसमें इंदौर , चित्तौड़गढ़ , रतलाम , नागदा , नीमच , शामगढ़ , सिंगोली के कवियों ने रचना पाठ किया । आकाशवाणी केंद्र पूर्व निदेशक अज़ीज अंसारी एवं प्रमोद रामावत ” प्रमोद ” की रचनाओं को भरपूर दाद मिली ।
कृषि वैज्ञानिक श्री नरेन्द्र सिंह सिपानी के 82 वें जन्मदिन को किसानों , कृषि विद्यार्थियों , गणमान्य और एग्रीकल्चर से जुड़े प्रमुख जनों के साथ मनाया गया ।
कार्यक्रम शिवना एरिया वाटर पार्टनरशिप संस्था , मध्यप्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ मंदसौर इकाई , सिपानी कृषि अनुसंधान फार्म एवं भारतीय नाट्य संघ ( इप्टा ) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया ।