संगठन ही जीत का आधार…
कर्नाटक में कांग्रेस की बड़ी जीत में संगठन की भूमिका का महत्व साबित हो चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष के बतौर कर्नाटक में डीके शिवकुमार की कांग्रेस को एकजुट रखने की रणनीति कारगर साबित हुई है। और अब मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी दोनों महत्वपूर्ण राजनैतिक दलों भाजपा और कांग्रेस भी जीत का मंत्र संगठन के इर्द-गिर्द ही महसूस कर रहे हैं। संगठन के रूप में मध्यप्रदेश में भाजपा का पलड़ा भारी है, तो कांग्रेस भी संगठन को साधते हुए ही बार-बार जीत का दावा कर रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में विष्णु दत्त शर्मा भी दीपक जोशी के कांग्रेस का दामन थामने के बाद कुशल संगठक के बतौर असंतुष्ट नेताओं को एकजुट रखने की रणनीति पर अमल कर रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सरकार के साथ संगठन के साथ खड़े हैं। सत्यनारायण सत्तन हों, विक्रम वर्मा हों या अनूप मिश्रा, सरकार और संगठन मिलकर अपने दिग्गजों को एकजुट रखने का संदेश दे रहे हैं। तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कमलनाथ ने यहां तक कह दिया है कि संगठन की मर्जी से ही टिकट का वितरण किया जाएगा। संगठन का कर्नाटक फार्मूला मध्यप्रदेश को कितना उर्वर कर पाएगा, फिलहाल इसमें संशय है। पर संगठन के मामले में विष्णु दत्त शर्मा और शिवराज सिंह चौहान मिलकर मध्यप्रदेश की धरती पर भाजपा को उर्वर बनाए रखने का माद्दा जरूर रखते हैं। संगठन के मामले में कार्यकर्ता आधारित इस दल की काबिलियत पर संशय की गुंजाइश कम ही है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कटनी में बड़वारा चुनाव संचालन समिति एवं कार्यकर्ता बैठक में दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता विषम परिस्थितियों में अपने दायित्वों का जिस जिम्मेदारी से निर्वहन करते हैं वह अनुकरणीय है। विश्व का सबसे बडा राजनैतिक दल बनाने में कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम है। हम अंत्योदय की कल्पना को साकार करने वाले कार्यकर्ता हैं। हमारे संगठन और सत्ता का ध्येय सत्ता के माध्यम से जनता की सेवा करना है। पिछले चुनाव में बड़वारा में मिली असफलता को इस बार कार्यकर्ता अपनी अथक मेहनत और परिश्रम से सफलता में बदलेंगे। कार्यकर्ता मध्यप्रदेश में 51 प्रतिशत वोट शेयर के साथ ‘‘अबकी बार 200 पार’’ के संकल्प को पूरा करेंगे। इसमें खास बात यह है कि हारी हुई इस सीट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इस चुनाव में सफलता के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है। वह कटनी विकास प्राधिकरण के नवनियुक्त अध्यक्ष पीताम्बर टोपनानी के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के हितग्राहियों को लाभ का वितरण भी किया। जिला कार्यालय में बड़वारा विधानसभा की चुनाव संचालन समिति एवं कार्यकर्ता बैठक को संबोधित करने के बाद वह विजयराघवगढ़ महोत्सव में शामिल हुए। कटनी के सिंधी कैंप में हरे माधव दरबार पहुँचकर संतों के दर्शन कर देश व प्रदेश की समृद्धि व प्रगति की कामना की। विजयराघवगढ़ के हरिहर तीर्थ स्थल पहुंचकर भगवान परशुराम जी की प्रतिमा स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार के ऐतिहासिक काम करने का दावा किया। और फिर मुद्दे की बात भी रखी कि प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस को पहले भी आईना दिखाया है और एक बार फिर आईना दिखाएंगे। 2023 का चुनाव भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के बल पर, अपने नेतृत्व के विश्वास पर और गरीबों के जीवन बदलने के अभियान पर लड़ेगी और ऐतिहासिक बहुमत से जीतेगी। विपक्ष को हम अपनी योजनाओं तथा विकास के कार्य से मुहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। कार्यकर्ताओं से आव्हान किया कि इस बार हम बड़वारा में भाजपा का ध्वज लहरायेंगे। बूथ विजय संकल्प अभियान को लेकर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कांग्रेस पर निशाना साधा कि मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह झूठ बोलकर प्रदेश में कितनी भी सीटें जीत सकते हैं। दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में ही मध्यप्रदेश का बंटाधार हुआ था। उन्होंने मध्यप्रदेश को आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ और बीमारू राज्य बना दिया था। दावा किया कि झूठ बोलने वाले, छल करने वाले, देशद्रोहियों के साथ हमेशा खड़े होने वाले दिग्विजय सिंह को प्रदेश की जनता बहुत अच्छे से जानती है। कांग्रेस ने झूठ बोलने के अलावा क्या किया है? क्या उन्होंने कर्ज माफी की थी? उन्होंने बेरोजगारों को भत्ता दिया था? कांग्रेस ने सिर्फ झूठे वादे किये थे, जिनके कारण उनकी सरकार बन गई थी। लेकिन कांग्रेस के लोग एक बार फिर झूठ बोलने लगे हैं। वो झूठ बोलने का रिकॉर्ड बनाने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि झूठ बोलने में सबसे ज्यादा माहिर दिग्विजय सिंह जी हैं और वे इस मामले में सबसे आगे हैं। अब कमलनाथ भी उनसे जुड़ गए हैं और कांग्रेस झूठ बोलने वाली मशीन बन गई है।
पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधा कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी द्वारा भगवान बजरंगबली के नाम का दुरुपयोग करने का भरपूर प्रयास किया गया, किस प्रकार पैसे का दुरुपयोग किया गया उसके बावजूद कांग्रेस की कुल सीटों की 50% सीटें भी नहीं जीत पाए, 64 सीटों पर सिमट कर रह गए। हमारे वचन पत्र लगभग पूरा होने को है, किसान कर्ज माफी से जुड़ी हुई तमाम घोषणाएं कांग्रेस के वचन पत्र में आ जायेंगी। हमारी नारी सम्मान योजना को प्रदेश भर से बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है अंत में मुद्दा यह होगा कि जनता किस पर विश्वास करती है और इसी विश्वास के मुद्दे पर मध्य प्रदेश का चुनाव लड़ा जाएगा। यदि मध्यप्रदेश में कट्टरवादी संगठनों की घुसपैठ हुई है तो यह पुलिस प्रशासन का दायित्व होना चाहिए कि मध्य प्रदेश को मुक्त करें ऐसी शक्तियों से। हालांकि कर्नाटक में सीएम के मुद्दे पर उन्हें चुप्पी साधनी पड़ी। स्वीकार किया कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों मेरे बहुत नजदीक हैं। मेरी दोनों से लगातार बात हो रही है मेरी खरगे जी से भी बात हुई है। मुख्यमंत्री कौन होगा इस विषय में मैं कुछ नहीं बोलना चाहता। टिकट के मुद्दे पर कमलनाथ ने साफ संकेत दिया कि संगठन के नामों पर विचार किया जाएगा।
सरकार ने भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ क्लास वन अधिकारी एवं ओएसडी संजय जैन को शासकीय सेवा से बर्खास्त किया है। अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण में आवेदनकर्ता से संजय जैन द्वारा पैसे मांगने का ऑडियो वायरल हुआ था।मुख्यमंत्री ने संजय जैन के वायरल ऑडियो पर दो माह पूर्व तत्काल निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए थे।संजय जैन के निलंबन के बाद दो माह में विभागीय जांच की प्रक्रिया पूरी की गई।भ्रष्टाचार , रिश्वत जैसे मामले में जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर त्वरित निर्णय लिए जा रहे है । मुख्यमंत्री के निर्देश पर विगत दो माह में 15 मार्च के बाद अब तक भ्रष्टाचार के 75 प्रकरण में 119 शासकीय सेवकों के विरूद्ध अभियोजन की मंजूरी भी दी गई है।
तो सरकार भी उन मुद्दों पर त्वरित कार्यवाही कर रही है, जिनसे प्रदेश और देश में मध्यप्रदेश की बेहतर छवि बने। वहीं मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के अध्यक्ष संगठन स्तर पर बेहतर करने में जुटे हैं। यह मंत्र सभी को भा रहा है कि संगठन ही सत्ता की कुंजी है…।