OTP Will Not Come : मोबाइल में 1 दिसंबर से OTP नहीं आएंगे, अब होगा नया नियम!

ओटीपी बेस्ड मैसेज को ट्रैक करने के लिए ट्रेसेबिलिटी लागू करने के निर्देश!

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OTP Will Not Come : मोबाइल में 1 दिसंबर से OTP नहीं आएंगे, अब होगा नया नियम!

New Delhi : बढ़ती फ्रॉड की घटनाओं को देखते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने टेलीकॉम नियमों में बदलाव किया। टेलीकॉम कंपनियों को ‘ट्राई’ की तरफ से ओटीपी बेस्ड मैसेज को ट्रैक करने के लिए ट्रेसेबिलिटी लागू करने के निर्देश दिए गए थे। अब कंपनियां इस नियम को 1 दिसंबर से लागू कर सकती हैं। इसलिए स्मार्टफोन यूजर्स को 1 दिसंबर से ओटीपी वाले मेसेज मिलने में थोड़ी समस्या हो सकती है।

इंटरनेट और स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही कई तरह के खतरे भी बढ़े। स्मार्टफोन ने हमारे कई सारे कठिन काम तो आसान तो बनाया, लेकिन इसने स्कैमर्स और साइबर क्रिमिनल्स को लोगों को ठगने का स्मार्ट तरीका भी दे दिया है। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लोगों को स्कैम और ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए ट्राई ने कई सारे कदम उठाए हैं।

ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए रोकने के लिए हाल ही में ट्राई ने टेलिकॉम कंपनियों को ट्रेसबिलिटी लागू करने के निर्देश दिए। यह एक बड़ा फैसला था। कॉमर्शियल मैसेज और ओटीपी से जुड़े ट्रेसबिलिटी नियम को लागू करने के लिए ट्राई ने अगस्त में निर्देश जारी किए। इसे लागू करने की तारीख में ट्राई कई बार बदलाव कर चुकी है।

ट्राई ने बढ़ाई समय सीमा
ओटीपी मैसेज की ट्रेसेबिलिटी को लागू करने के लिए टेलिकॉम कंपनियों के पास पहले 31 अक्टूबर तक का समय था। जियो, एयरटेल, वीआई और बीएसएनएल की मांग के बाद कंपनी ने इसकी समय सीमा 31 नवंबर तक बढ़ा दी थी। अब जब नवंबर में इसकी समय सीमा समाप्त होने जा रही हैं, तो टेलिकॉम कंपनियों को कॉमर्शियल मैसेज और ओटीपी मैसेज को ट्रैक करने के लिए ट्रेसेबिलिटी नियम को लागू करना होगा।

समय लगता है ओटीपी आने में
जियो, एयरटेल, वीआई और बीएसएनएल 1 दिसंबर से ट्रेसबिलिटी नियम को लागू करती हैं, तो इससे ओटीपी मैसेज आने में समय लग सकता है। ऐसे में अगर आप बैंक या फिर रिजर्वेशन जैसा कुछ काम करते हैं तो ओटीटी पाने में समय लग सकता है। दरअसल ट्राई ने इस तरह का कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कई बार फेक ओटीपी मैसेज के जरिए स्कैमर्स लोगों के डिवाइस का एक्सेस पा लेते हैं और इससे लोगों को भारी नुकसान होता है। ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को इसे सख्ती के साथ लागू करने का फैसला लिया है।