
सज्जन मिल, जेसी मिल, श्री सिंथेटिक सहित अन्य मिलों के ऋणों मामलो के निपटारे के लिए OTS स्कीम
भोपाल: हुकुमचंद मिल की देनदारियों के निपटारे के बाद अब राज्य सरकार प्रदेश के अन्य सभी मिलों की बकाया देनदारियों के मामलों के निराकरण के लिए एकमुश्त निराकरण स्कीम (ओटीएस) लाने जा रही है। इसके लिए एक ओटीएस कमेटी का गठन भी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के हस्तक्षेप से हुकुमचंद मिल की सम्पत्ति और श्रमिकों के बकाया तथा अन्य कर्ज देनदारियों के मामलों का निराकरण किया जा चुका है। मिल की सम्पत्ति बेचकर अधिकांश देनदारियों का भुगतान किया जा चुका है। मजदूरों को भी बकाया राशियों का भुगतान किया गया है। इसी तर्ज पर अब प्रदेश की अन्य मिलों के ऋण प्रकरणों का भी एकमुश्त निराकरण किया जाएगा। मध्यप्रदेश में जियाजीराव कॉटन मिल्स लिमिटेड (जेसी मिल), श्री सज्जन मिल्स लिमिटेड रतलाम, श्री सिंथेटिक्स लिमिटेड उज्जैन सहित अन्य मिलों के समान प्रकरणों में संबंधित प्रकरणों का एकमुश्त निराकरण करने ओटीएस स्कीम लागू की जा रही है।विनोद मिल्स के प्रकरण में गठित समिति के अनुसार जियाजीराव कॉटन मिल्स लिमिटेड, श्री सिंथेटिक लिमिटेड उज्जैन, सज्जन मिल्स लिमिटेड रतलाम एवं अन्य मिलों के समान प्रकरणों मे संबंधित ऋण प्रकरणों के एकमुश्त निराकरण के लिए मामलों का निरीक्षण करने प्रमुख सचिव उद्योग की अध्यक्षता में ओटीएस कमेटी का गठन किया गया है। यह समिति प्रकरणों का निराकरण करने के बाद अपने सुझाव और अनुशंसा करेगी।
ओटीएस समिति गठित- जो ओटीएस समिति गठित की गई है उसमें प्रमुख सचिव उद्योग राघवेन्द्र सिंह अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा वित्त विभाग, राजस्व विभाग, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग, विधि विभाग के प्रतिनिधि, संचालक ग्राम एवं नगर निवेश, आयुक्त सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग , एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन के एमडी, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे। एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन के कार्यकारी संचालक इसके संयोजक सचिव होंगे। आवश्यकतानुसार विशेष आमंत्रित सदस्य भी यहां तैनात किए जा सकेंगे।
इस तरह होगा एकमुश्त निराकरण-
प्रदेश की सभी मिलों के बकाया कर्ज के मामलों, देनदारियों के निराकरण के लिए एकमुश्त समझौता किया जाएगा। मिलों की सम्पत्ति का आंकलन किया जाएगा। उनका क्या बेहतर उपयोग हो सकता है यह तय किया जाएगा फिर उसके अनुसार सम्पत्तियों को बेचकर देनदारियों का भुगतान किया जाएगा। मिलों में काम करने वाले श्रमिक, मजदूर और कर्मचारियों को कितना भुगतान किया जाना है। उनके पीएफ, अवकाश नगदीकरण, ग्रेच्युइटी और अन्य देनदारियों के लिए ओटीएस लागू होगा। बैंको, सरकार और निजी कंपनियों की कितनी उधारी है उसके लिए भी ओटीएस लागू किया जाएगा। इसमें एक साथ भुगतान पर ब्याज में छूट भी दी जाएगी। जो ओटीएस कमेटी बनी है वह यह सारे मामले एक जाई कर उनका निराकरण करने के लिए सरकार को अनुशंसा करेगी।





