Our Kitchen: जब हो बरसात और हो बेसन का साथ

640

पारम्परिक भोजन

Our Kitchen: जब हो बरसात और हो बेसन का साथ

 भारतीय रसोई बिना बेसन  हो ही नहीं सकती . हमारे हर दुसरे व्यंजन में बेसन एक घटक है . बेसन प्रोटीन का भंडार जो झटपट तैयार होने के साथ -साथ, स्वादिष्ट भी है और कई विकल्पों में भी उपलब्ध है।

डॉ. विकास शर्मा

जब इसे सीधे पानी मे भिगोकर पकाया जाता है और सब्जी के विकल्प की तौर पर खाया जाता है तब इसे ज्यादातर स्थानों में बेसन के नाम से ही जाना जाता है। कहीं कही स्थानीय रूप से अलग- अलग नाम भी होते हैं, जिस पर पंचायत हम आगे करेंगे। ध्यान रहे कि बेसन याने चने के आटे से विश्व मे सर्वाधिक किस्म के व्यंजन या खाद्य सामग्री बनाई जाती हैं। उनकी चर्चा हम किसी और दिन अलग पोस्ट में करेंगे। फिलहाल यहाँ केवल बेसन घोलकर सब्जी के विकल्प की तरह पकाये जाने वाले सबसे साधारण, सामान्य और सरल व्यंजनों की मंडली जमाई जायेगी।
लेकिन इससे पहले कि आज की पंचायत में बेसन को कटघरे में खड़ा किया जाये, मैं आप सबको बता देना चाहता हूँ कि पातालकोट के स्थानीय आदिवासी/वनवासी मित्रो के यहाँ बारिस में ज्यादातर बेसन ही परोसा जाता है। जिसे खाया तो एक बार जाता है किंतु इसका स्वाद कई दिनों तक मुँह में बना रहता है।
453534192 26204644579149954 5763696032847223903 ndownload 3download 5
सामान्य रूप से बेसन बनाने के लिए बेसन को एक कटोरी में पानी के साथ घोलकर रख लें। फिर कढ़ाई में जीरे, राई, कढ़ी पत्ता आदि के साथ छौक लगाकर प्याज से बघार लगा दें। (प्याज अनिवार्य नही है) प्याज पक जाने पर हल्दी, मिर्च आदि मसाले भून लें, अब घुला हुआ बेसन कढ़ाई में छौड़ दें, स्वादानुसार नमक भी डाल दें। पकने पर बेसन गाढ़ा होगा, अतः घोल पतला ही रखें, नही है तो कढ़ाई पर आवश्यकतानुसार पानी डालकर पतला कर लें। 5 मिनट पकन दें। छोटी छोटी फिटकियों के रूप में उबाल आने पर बेसन तैयार है।
यह सस्ता, झटपट तैयार हो जाने वाला स्वादिष्ट व्यंजन है, जिसे पातालकोट में गर्मियो के मौसम में अधिक पसंद किया जाता है, क्योंकि इस समय अधिकतर साग भजियाँ, जंगली सब्जियाँ फल, कंदमूल आदि सहज उपलब्ध नही रहते हैं। लेकिन ऐसी ही स्थिति कई बार बारिस में भी निर्मित होती है, और कोई साग सब्जी उपलब्ध नही रहती है, तो फिर यह बारिस का भी प्रमुख व्यंजन बन जाता है।
बेसन के बारे में तो सबने सुना होगा….? चने के बीजों को पीसकर बेसन (आटा) प्राप्त किया जाता है। छोटी छोटी गुमठियां हों, सड़क के किनारे की छोटी मोटी होटल हों या फिर बड़े भोजनालय या रेस्टोरेंट हो बेसन के बिना सबकी रसोई अधूरी है। यह भाजी बड़ा, आलू बड़ा/ बटाटा बड़ा, पकोड़े, ब्रेड पकोड़े सहित कई व्यंजनों का आधार है।
6eidb91o pakora 625x300 03 May 21images 11
दाल परिवार के सदस्य चने से प्राप्त होने के कारण यह प्रोटीन का सर्वोत्तम स्त्रोत है। अरे वही प्रोटीन जिसे building blocks of the cell कहा जाता है। वहीँ इसमें विटामिन ए, बी कॉम्लेक्स, C, E और K के साथ साथ कई पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्निशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैंगनीज आदि भी पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं।
गाँव देहात में बेसन को किसानों और गरीबो का साथी भी माना जाता है। क्योंकि इसका एक स्वरूप बमुश्किल 5 रुपये के खर्च में पूरे परिवार की सब्जी का विकल्प उपलब्ध करा देता है। हम यहां पर बात कर रहे हैं, बेसन के सबसे प्राचीन स्वरूप की, जो गांवों और किसानों से जुड़ा है। जिसमे बेसन को सब्जी के विकल्प के रूप में पकाया जाता है, और जिसमे रोटियाँ तथा चावल दोनो ही स्वाद लेकर खाये जाते हैं। केवल 1 – 2 छोटे चम्मच बेसन पूरे परिवार की रसोई में सब्जी या दाल या कढ़ी की कमी पूरी कर सकता है।
वैसे तो बेसन को बनाने के भी कई तरीके हैं, किन्तु इनमे से एक मेरा पसंदीदा है, जो मिठाई की तरह काटकर थाली में परोसा जाता है, ग्रामीण भाषा मे इसे थापिया वाला बेसन कहा जाता है, बेसन के कुछ अन्य स्वरूप भी हैं, जिन्हें मैं जानता हूं…
कुछ खास बेसन की सब्जियों पर एक नजर:-
1. पतला तीखा बेसन महाराष्ट्र में झुनका के नाम से जाना जाता है जिसे भाकर (ज्वार) की रोटी के साथ परोसा जाता है।
कुछ खास पर्यटन स्थलों में यह झुनका- भाकर खास तौर पर परोसा जाता है। इसी तरह का पतला बेसन मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचलों में भी प्रचलित है। जो आज भोजन की थाल में शामिक है।
Besan Tasty Recipes: बेसन से बनाएं पूरे परिवार के लिए 5 तरह के मजेदार पकवान! - 5 Easy And Tasty Besan Recipes For Your Family
2. मध्यप्रदेश में पतले बेसन को भेजरे (जंगली टमाटर) के साथ बनाया जाता है, जिसे बिर्रा (बेसन, गेंहू और मक्का) की रोटी के साथ परोसा जाता है।
3. गाढ़ा पीट/ थापिया वाला बेसन – ऐसा मिठाई की शक्ल में जमाया और काटा गया बेसन थापिया वाला बेसन या पीट के नाम से जाना जाता है।
4. महाराष्ट्र के सीमावर्ती स्थान पांढुर्ना में दही डाल कर बेसन बनाया जाता है। जो कड़ी से गाढ़ा लेकिन बेसन से पतला होता है, जिसे लपटा कहा जाता है।
5. कढ़ी – छाछ और बेसन से बनी कढ़ी से तो आप सभी परिचित होंगे।
6. मालवा में गूथे हुए बेसन को रोल करके उसकी सब्जी बनाई जाती है, जिसे बेसन गट्टे कहा जाता है।
7. इसके अलावा मध्य प्रदेश का मराठी भाषी क्षेत्र पांढुर्ना में बेसन को गूथ कर उसे रोल करके भाप में पकाते हैं और फिर सब्जी के तरह मसाले डालकर पकाते हैं।
इतने प्रकार के बेसन तो मेने खाये हैं, वो भी सब्जी की तरह लेकिन सच कहें तो बेसन के बिना रसोई अधूरी सी लगती हैं। गाव में जब जल्दी से कुछ स्वादिष्ट सा बनाना होता है तो बेसन को सबसे पहले याद किया जाता है। तीजा, पोला, हलछठ, दीवाली, दसहरा आदि त्यौहारों में बेसन से बने स्यों- ठेठरा, पूरन पूरी, बेसन- पपड़ी, बेसन-बर्फी और पता नही क्या क्या स्नेक्स बनाये जाते हैं।
धन्यवाद 🙏
डॉ. विकास शर्मा
वनस्पति शास्त्र विभाग
शासकीय महाविद्यालय चौरई
जिला छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
छिंदवाड़ा
टीप: ज्यादातर व्यंजन वनवासी एवं ग्रामीण मित्रो के आतिथ्य भोज का हिस्सा है