लीक से हटकर: शादी की 35वीं सालगिरह बनी यादगार, तारे दम्पति ने वृद्धाश्रम में किया पुनर्विवाह, बुजुर्गों के बीच बाँटी खुशियां

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खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट

खरगोन: खरगोन जिले के नर्मदा तट स्थित खलबुजुर्ग वृद्धाश्रम में मंगलवार को एक दम्पति ने अपनी शादी की 35 वीं सालगिरह अलग हटकर मनाई।

खास बात यह रही कि शादी की सालगिरह की खुशी दम्पति ने वृद्धाश्रम में वृद्धों के बीच साझा की। इस दौरान बलकवाड़ा के तारे दम्पति ने बुजुर्गों के बीच पुनर्विवाह रचाकर अनूठी मिसाल पेश की।

तारे दम्पति का मकसद सिर्फ इतना था कि वृद्धाश्रम में रहकर जीवन के अंतिम पड़ाव में जी रहे बुजुर्गों को खुशी देना। वृद्धा आश्रम में अलग ही अंदाज में हुई शादी में विधि-विधान पूजा अर्चना के साथ सात फेरे लिये।

इस अवसर पर परम्परा अनुसार बैंड बाजा भी बजा और डांस भी जमकर हुआ। इस दौरान वृद्धाश्रम में भोज का आयोजन हुआ।

 

शादी के 35 वीं वर्षगाँठ यादगार बन गई। बलकवाड़ा की दम्पति ने अपनी दोनों बेटियों की मौजूदगी में परिजनों सहित बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर खुशियाँ बांटी।

खरगोन जिले के बलकवाड़ा के रहने वाले किसान अनिल तारे और शिक्षिका श्रीमती सुरक्षा तारे ने अपनी शादी की 35 वीं  सालगिरह को अपनी दोनों बेटियों की इच्छा पर यादगार बना दिया। जब जिले के खलबुजुर्ग स्थित वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के बीच खुशियाॅ बांटी।

दम्पति अनिल तारे और श्रीमती सुरक्षा तारे कहना था कि हमारी बेटियों की इच्छा थी कि बुजुर्गों के बीच पहुंचकर पुनर्विवाह कर खुशियाँ मनाये। समाज को भी हम संदेश देना चाहते है कि अपनी खुशी में बुजुर्गों को भी शामिल करे। वृद्धाश्रम में रहने वाले इन बुजुर्गों को कभी हीन भावना नहीं आये।

हमेशा ऐसे आयोजन कर खुशियाँ बांटे और अपने से दूर अपनों के सताये बुजुर्गों को खुशी मिले।

आमतौर पर शादी की सालगिरह का जश्न परिजनों के साथ आमजन मनाते हैं। लेकिन अपनी बेटियों की इच्छा पर तारे दम्पति जब वृद्धाश्रम में पहुंचे तारे दम्पति ने बुजुर्गों के बीच पुनर्विवाह की पूरी रस्म निभाई। इस दौरान बाराती और घराती दोनों वे बुजुर्ग थे जो जीवन के अंतिम पड़ाव में वृद्धाश्रम में रह रहे हैं। इस दौरान बुजुर्गों की खुशी का ठिकाना नहीं था। बुजुर्ग शिवप्रताप प्रजापति का कहना है कि आज हम बुजुर्गों के बीच शादी की सालगिरह और विवाह की रस्म अदा कर तारे दम्पति ने खुशी दी है। हम ह्रदय से धन्यवाद देते हैं। ऐसे आयोजन होते रहना चाहिये।

निसंदेह ही तारे दम्पति और उनके परिजनों ने बुजुर्गों के बीच ख़ुशी साझा करके एक प्रेरणादायी पहल की है। 35 वीं  सालगिरह पर पुनर्विवाह के आयोजन में शामिल हुए बुजुर्गों की खुशी और आशीर्वाद का दृश्य देखते ही बनता है।