Bhopal : मध्य प्रदेश में अप्रैल-मई में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। इस चुनाव पर ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) का मसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस फैसले के बाद पंचायत चुनाव का रास्ता साफ़ हो जाएगा। संभावनाओं को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। आयोग ने परिसीमन और वोटर लिस्ट की टाइम लाइन भी जारी कर दी। ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 17 जनवरी को होना है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने फिर से वोटर लिस्ट बनाने की और सरकार की और से परिसीमन के प्रक्रिया शुरू कर दी गई। सभी जिलों के कलेक्टरों को परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 45 दिन का समय दिया गया है। पिछले दिनों प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का भी बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार पंचायत चुनाव जल्द करवाने के मूड में है। माना जा रहा है कि सरकार चुनाव को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है।
पंचायत चुनाव को लेकर 27% ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके लिए सरकार ने बड़ी तैयारी कर ली। सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए अपना पक्ष मजबूत करते हुए ओबीसी मतदाताओं की संख्या की गणना की बात कही थी। इस मामले में निर्देश भी दिए गए थे। सरकार इस आंकड़े के जरिए सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत कर सकती है। वहीं फैसला सरकार के पक्ष में लिया जा सकता है।
पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी बताया था कि पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं कराए जाएंगे। लेकिन, देखना है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति क्या रहती है। 17 से 28 फरवरी तक होने वाली परिसीमन की कार्रवाई बिना किसी विवाद के निपट जाती है, सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण का मामला सुलझ जाता है तो ओबीसी आरक्षण लागू करने में मुश्किल से 15 दिन लगेगा। इसके साथ पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है।