कोरोना काल (Corona period) में श्रमिकों को हवाई जहाज से घर भेजकर सुखिर्यों में आए पप्पन सिंह ने की खुदकुशी, मंदिर में मिला शव

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कोरोना काल (Corona period) में बिहार के श्रमिकों को हवाई जहाज से उनके घर भेजकर सुखिर्यों में आए पप्पन सिंह ने की खुदकुशी, मंदिर में मिला शव

प्पन सिंह गहलोत मशरूम की खेती करते थे और मई 2020 में कोरोना वायरस महामारी की दस्तक के साथ लगे लॉकडाउन के समय अपने मजदूरों को हवाई जहाज से उनके घर भेजने और वहां से वापस बुलाए जाने को खूब चर्चा में थे.

नई दिल्ली: लॉकडाउन के समय खेतों में काम करने वाले मजदूरों को अपने खर्चे से प्लेन का टिकट खरीदकर बिहार भेजने वाले पप्पन सिंह गहलोत ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली है। जैसे ही यह खबर मिली, उन्हें जानने वाले लोग सन्न रह गए। बहुत से लोगों ने उनके बारे में खबर पढ़कर जाना था।

उन्हें जानने वाले कह रहे हैं कि ऐसा नेक इंसान आत्महत्या कैसे कर सकता है? लोग कई तरह के सवाल भी उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि आज शाम 5 बजे के आसपास उनका शव मिला। वह रोज मंदिर पर 4 बजे आते थे। लेकिन आज मंदिर के पट लगे हुए थे तो पंडित ने अंदर जाकर देखा तो वह रस्सी से लटके मिले।

दिल्ली के बख्तावरपुर के तिगीपुर गांव में मशरूम की खेती करने वाले पप्पन सिंह को दो साल पहले अपनी दरियादिली से काफी प्रसिद्धि मिली थी। उनकी स्टोरी बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने भी शेयर की थी। पप्पन ने बाद में हवाई जहाज से ही अपने मजदूरों को दिल्ली बुलाने का भी इंतजाम किया था।पप्पन के यहां 10 मजदूर काम करते थे, उन सभी को उन्होंने कोरोना लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद अपने पैसे से हवाई जहाज का टिकट खरीदकर घर भेजा था। इसमें उनके 68 हजार रुपये खर्च हुए थे।

कुछ प्रवासी मजदूरों ने तो यहां तक कहा था कि मालिक ने टिकट करवा दी, आज प्लेन में बैठकर जाऊंगा। ये मजदूर पहली बार प्लेन का सफर कर रहे थे। दिल्ली के मशरूम किसान की दरियादिली की पूरे देश में तारीफ हुई थी। इन मजदूरों में कुछ तो करीब 20 साल से उनके पास काम कर रहे थे।

कोरोना काल में जब मजदूरों ने अपने घर जाने की इच्छा जताई तो पप्पन ने पहले ट्रेन टिकट करवाने की कोशिश की, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। फिर उन्होंने प्लेन का टिकट खरीदा और मजदूरों को पटना भेजा। यहां तक कि एयरपोर्ट पर पप्पन के भाई निरंजन गहलोत मजदूरों को प्लेन में बैठाने आए थे।