परिक्रमा: भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनते ही हेमंत खंडेलवाल ने तीखे तेवर दिखाए और मर्यादा की सीमा रेखा खींची!

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परिक्रमा: भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनते ही हेमंत खंडेलवाल ने तीखे तेवर दिखाए और मर्यादा की सीमा रेखा खींची!

 

– अरुण पटेल

 

भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने पद संभालते ही संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए अपने तीखे तेवर दिखाए। वह संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने और जमीनी कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी की मुख्यधारा में सक्रिय करने के लिए प्रदेश के विभिन्न अंचलों का दौरा भी कर रहे हैं। अध्यक्ष निर्वाचित होते ही हेमंत खंडेलवाल ने पार्टी पदाधिकारियों के लिए भी एक स्पष्ट मर्यादा की रेखा खींचकर यह भी बता दिया कि जो इससे दांये-बायें चलेगा वह दिक्कत में आ जायेगा। हेमंत खंडेलवाल तकनीकी तौर पर तो भाजपा के महाकौशल अंचल से दूसरे अध्यक्ष हैं। लेकिन, ठेठ भाजपाई और उसके पूर्व घटक जनसंघ की पृष्ठभूमि के ऐसे पहले नेता हैं जो भाजपा और संघ के संस्कारों में पूरी तरह से ढले हुए हैं। वैसे महाकौशल के शिवप्रसाद चनपुरिया भी अध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन वे जनता पार्टी के लोकदल घटक से थे। बाद में भाजपा बनने पर उससे जुड़ गए थे। प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने आदिवासी प्रधान जिले बैतूल में आदिवासियों के बीच भाजपा का जनाधार बढ़ाने में अथक मेहनत की और छिंदवाड़ा में कमलनाथ का गढ़ माने जाने वाले जिले में कमल खिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

जहां एक ओर प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को मर्यादा में रहने की सीख दी तो वहीं यह भी कहा कि मैं कोई विशेष योग्यता लेकर नहीं आया, मैं एक सामान्य कार्यकर्ता हूं और पार्टी में मेहनत करने वाले हर कार्यकर्ता का सम्मान होगा। जो भी पार्टी लाइन से दांये-बांये होगा उसे परेशानी होगी। समाज हमसे अच्छे आचरण की अपेक्षा करता है, हम सबकी जिम्मेदारी है कि कार्यकर्ता का व्यवहार जनता की अपेक्षा के अनुरुप हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मेरे परिवार से मैं अकेला व्यक्ति राजनीति में हूं और भाजपा परिवार ही मेरा परिवार है, हम सब मिलकर ही संगठन को मजबूत करेंगे। आपकी तरह ही मै सामान्य कार्यकर्ता हूं परन्तु अब अध्यक्ष पद के दायित्व का निर्वहन कर रहा हूं। भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद ने इस बात पर जोर दिया कि हमें हर बूथ पर विजय हासिल करना है और यही हमारा लक्ष्य होना चाहिये। उनका इशारा इस ओर था कि जिन बूथों पर भी कांग्रेस जीती है उन पर भी अब हमें ही जीतना है।

प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने कहा कि हम सब एक विचार के लिए कार्य करते हैं और हमारे लिए संगठन ही सर्वोपरि है। राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ जनता की सेवा ही हमारा एकमेव लक्ष्य है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में डबल इंजन की सरकार की जन हितैषी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा कर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है और हमें संवाद, समन्वय व संपर्क के माध्यम से पार्टी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाना है। मंडल और जिला स्तर पर जो कार्य अधूरे हैं उन्हें शीघ्र ही प्रदेश पूरे में करना है। जिन जिलों में पार्टी का कार्यालय नहीं है वहां शीघ्र ही सर्वसुविधायुक्त भवन बनाने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि संगठन द्वारा दिये गये कार्यक्रमों को एक निश्चित समय सीमा में पूरा करना है।

 

भूपेश बघेल का बेटा गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाले के मामले में एक बहुत ही बड़ी कार्रवाई करते हुए ने बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार 18 जुलाई को तड़के पांच बजे ही बघेल के भिलाई स्थित निवास पर छापामारी की गयी और कुछ घंटों के भीतर ही चैतन्य को गिरफ्तार कर लिया गया। न्यायालय ने 23 जुलाई सुबह 11 बजे तक उन्हें रिमांड पर ईडी को सौंप दिया है। ईडी के अनुसार चैतन्य की गिरफ्तारी प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग के तहत की गयी है। पूर्व में दस मार्च को भी ईडी बघेल के यहां छापामारी कर चुका है। तीन हजार दो सौ करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बघेल सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा 15 जनवरी से ही जेल में हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर भी डेढ़ साल से इस मामले में जेल में हैं जबकि प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल वर्मा फरार हैं। इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में गिरफ्तार भिलाई के पप्पू बंसल उर्फ लक्ष्मीनारायण ने शपथपत्र में कहा है कि 100 करोड़ रुपये सहेली ज्वेलर्स के जरिये चैतन्य बघेल को दिये गये थे। इसी के आधार पर चैतन्य की गिरफ्तारी की गयी है।

 

… और यह भी

इन दिनों देश व प्रदेश में महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डाॅ मोहन भागवत का कहना है कि महिला सशक्तीकरण से देश का विकास संभव है। समाज में महिलाओं को पिछड़ी परम्पराओं और रुढ़ियों से मुक्त किया जाना चाहिये क्योंकि उन्हें पुरुषों के समान सभी योग्यतायें प्राप्त है। उनकी स्वतंत्रता से पूरा समाज लाभान्वित होता है। निश्चित तौर पर भागवत का यह कथन समायानुकूल है क्योंकि यदि एक महिला शिक्षित होती है तो पूरे परिवार को संस्कार देती है और आने वाली पीढ़ी भी संस्कारित होती है।