
परिक्रमा: भाजपा के नेताओं की सलाह ‘सत्ता की कुर्सी की मदहोशी न छा पाए!’
● अरुण पटेल
भाजपा ने मध्यप्रदेश के विधायकों व सांसदों के प्रशिक्षण शिविर में, जो पचमढ़ी की मन-मोहिनी वादियों में आयोजित किया गया था, में जनप्रतिनिधियों को अनावश्यक विवादों से बचने की सीख दी। साथ ही यह भी बताया कि उन्हें अपना आचरण और व्यवहार कैसा रखना है। प्रशिक्षण शिविर का आगाज करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिविर में अहंकार त्यागने की सीख दी, तो वहीं समापन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि सत्ता की कुर्सी चूंकि सेवा की चौकी है, इसलिए इसकी मदहोशी नहीं छाना चाहिए।
‘आपरेशन सिंदूर’ के बाद मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा तथा मंत्री विजय शाह सहित कुछ अन्य नेताओं के कथित विवादास्पद बयानों के बाद पार्टी ने यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया था। अमित शाह का कहना था कि अहंकार त्याग कर विधायक और सांसद जनता के लिए काम करें, लम्बे समय तक बड़े पदों पर रहने के कारण अहंकार आ ही जाता है और यही पतन की ओर ले जाता है। इसलिए स्वयं को सामान्य कार्यकर्ता समझकर अपना मन और विचार साफ रखें। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रशिक्षण शिविर में इस बात पर जोर दिया कि सरकार के कामों का श्रेय लें और जल्दबाजी में भूमिपूजन न करें। भाजपा सरकार ने 2003 में सत्ता में आने के बाद विकास की धारा महानगरों से निकाल कर जिलों तक पहुंचाई है जबकि, पहले सिर्फ इंदौर और भोपाल जैसे महानगरों में ही विकास होता था।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति तो तुच्छ चीज होती है। इसका कभी घमंड नहीं करना चाहिए। कुर्सी आज आपके पास है कल किसी और के पास होगी। एक बात हमेशा ध्यान रखें कि सत्ता की कुर्सी जनता की सेवा की चौकी होती है, जिसकी मदहोशी नहीं होना चाहिए। यह संसार एक कांच जैसा है, यदि आप किसी को सम्मान दोगे तो आपको भी उतना ही सम्मान मिलेगा। ज्यादा समय तक सत्ता में रहने से जनप्रतिनिधि जमीनी पकड़ से दूर होने लगते हैं। जबकि, हमें जमीनी पकड़ बनाए रखना है।
राजनाथ सिंह ने यह सीख भी दी कि जनता से प्रेम करना है और संगठन को सर्वोपरि समझना है। नए परिप्रेक्ष्य में समय तेजी से बदल रहा है इसलिए बदलते परिवेश में नई चुनौतियों के हिसाब से खुद को तैयार करना जरुरी है। हम चाहें किसी भी पद पर हों हमें कार्यकर्ता बनकर ही काम करना चाहिए। क्योंकि, हम जनसेवक हैं शासक नहीं, जनता से जुड़ाव रहे, ईमानदारी से रहो और कर्तव्य का पालन करो। अहंकार पार्टी, परिवार और व्यक्तित्व का विनाश करता है। राजनाथ का कहना था कि जनता की सेवा हमारे डीएनए में है, जनता का भरोसा जीतें और हर संकट के समय सबसे पहले जनता के बीच पहुंचें। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सत्ता प्राप्ति नहीं, बल्कि जनता की सेवा है। इसीलिए हमने कभी अपने विचारों से समझौता नहीं किया। भाजपा की यात्रा में तीन चीजें कभी नहीं बदली हैं और वे हैं- प्रशिक्षण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब का कल्याण।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस बात पर जोर दिया कि यह वर्ग राष्ट्र निर्माण के लिए, व्यक्ति निर्माण के लिए हमारी परम्परा का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकास का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ महेंद्र सिंह का कहना था कि भाजपा का विकास और विस्तार कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों के परिश्रम और पुण्य का प्रतिफल है। भाजपा की विचारधारा चुनाव जीतने की दृष्टि से गढ़ी गई रणनीति नहीं अपितु राष्ट्र निर्माण करने वाले विचारों की श्रृंखला है। जनसंघ से लेकर भाजपा तक हमारी विचारधारा बदली है न कार्य संस्कृति। पंच निष्ठा हमारे वैचारिक अधिष्ठान हैं इस पर चल कर ही हम आगे बढ़ रहे हैं।
… और यह भी
पिछले विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा की शानदार जीत की इबारत लिखने में महती भूमिका अदा करने वाली तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ‘लाडली बहना योजना’ में अब दीपावली से 1500 रुपए मिलेंगे। डॉ मोहन यादव ने इसके साथ ही यह भी घोषणा की है, कि इस योजना की राशि बढ़ाकर प्रतिमाह 3000 रुपए तक करना हमारे संकल्प-पत्र का वादा है और डंके की चोट पर इसे पूरा करेंगे। विधानसभा चुनाव के पूर्व बहनों को 1000 रुपये प्रतिमाह मिलते थे, फिर 1250 रुपये किये गये और अब हम बहनों को 250 रुपये अतिरिक्त देंगे। जिससे कि दीपावली से बहनों को हर माह 1500 रुपये मिलेंगे। इस प्रकार महिलाओं से किये गये वायदे को पूरा करने की दिशा में भाजपा सरकार आगे बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि आम चुनाव से पूर्व ही पार्टी ने यह वादा किया था कि यह राशि बढ़ाकर 3000 रुपयए प्रतिमाह की जायेगी। इस प्रकार भाजपा सरकार ने आधी आबादी का दिल जीतने की पक्की पेशबंदी कर दी है।





