राजधानी भोपाल के अस्पताल में मरीज लावारिस, प्रबंधन परेशान मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, तलब किया जवाब

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राजधानी भोपाल के अस्पताल में मरीज लावारिस, प्रबंधन परेशान मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, तलब किया जवाब

वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में एक विशेष तरह की समस्या सामने आई है जिसके कारण हॉस्पिटल प्रबंधन परेशान है और अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ रही है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक भोपाल के हमीदिया अस्पताल में प्रतिमाह ओसतन 15 से 20 रोगी ऐसे पहुंच रहे हैं जो उपचार के बाद ठीक होने पर भी उन्हें डिस्चार्ज नहीं कर पा रहे हैं।

बताया जाता है कि हॉस्पिटल में इलाज के भर्ती कराने आये लोग वापस पूछने तक नहीं आते। कतिपय बेचारगी और लाचारी की हालत में ठीक होने पर भी उन्हें अन्यत्र नहीं भेज पा रहा है अस्पताल प्रबंधन।

ऐसे भर्ती मरीजों को कोई परिजन लेने ही नहीं आते। ऐसी स्थिति में ठीक होने पर भी वार्डो में भर्ती रखा जा रहा है।
हमीदिया हॉस्पिटल अधीक्षक ने जानकारी दी कि वे तथा हॉस्पिटल स्टॉफ प्रयत्न करते हैं कि उपचार के बाद ठीक हुए रोगियों को वापस भेजे या बेहतर ठिकाना मिल जाय। पर हमेशा यह व्यवस्था नहीं हो पाती। मज़बूरन ऐसे स्वस्थ रोगियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था और सुविधाओं को जुटाना पड़ रहा है।

अधीक्षक ने बताया कि कई बार लंबे समय तक भी उपयुक्त व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में हॉस्पिटल के वार्ड में लोग भर्ती रहते हैं।

इस भिन्न प्रकार की समस्या सामने आने पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष माननीय मनोहर ममतानी एवं सदस्यों ने संज्ञान लेते हुए राज्य शासन प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भोपाल एवं डायरेक्टर सामाजिक न्याय विभाग को ऐसे मामलों की पड़ताल कर लावारिस या अन्य आश्रित मरीजों को ठीक होने उपरांत भी वापसी नहीं होने कारण, उनकी देखभाल संरक्षण व्यवस्था सुनिश्चित कर कार्यवाही की जानकारी एक माह में मानव अधिकार आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।

ज्ञातव्य है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों की चिकित्सा सुविधाओं के साथ आहार भोजन, वस्त्र बेड प्रसाधन, डॉक्टरों नर्सिंग स्टॉफ साफ़ सफाई बिजली पंखे आदि जरूरी संसाधन व सुविधाएं मिलती हैं। माना जारहा है कि राजधानी ही नहीं महानगरों जिले के मुख्यालय पर भी इस प्रकार की समस्या प्रबंधन उठा रहे होंगे। अब मानव अधिकार आयोग के संज्ञान में राजधानी का मामला सामने आया है विभाग द्वारा जांच प्रतिवेदन से समाधान हो सकेगा।