पटवारी की चिंता वाजिब है…
मध्यप्रदेश में 21वीं सदी कांग्रेस के लिए बहुत सुकून भरी नहीं रही है। 2003 के बाद जो कांग्रेस से सत्ता रुष्ट हुई, तो 2018 में सत्ता ने बेमन से ही सही हाथ थामा था। पर हश्र 15 माह में ही बहुत बुरा हुआ। और अब 2028 तक कांग्रेस का हाथ पूरी तरह से खाली है। बात खाली मध्यप्रदेश की ही नहीं है, बल्कि देश में भी 2029 तक की स्थितियां तो फिलहाल कांग्रेस के लिए ऐसी ही नजर आ रही हैं। यह आना-जाना तो अपनी जगह है। राजनीति और खेल में यह सब चलता ही रहता है। पर नौबत जब यह आ गई हो कि कब कांग्रेस के कितने हाथ कमल थाम लें, तो स्थितियां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए तो चिंताजनक हो ही जाती हैं। मध्यप्रदेश में हर दिन केसरिया रंग में रंगने वाले कांग्रेस नेता-कार्यकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और नई टोली ज्वाइनिंग के मुखिया डॉ. नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस के लिए एक पर एक ग्यारह साबित हो रहे हैं। इसीलिए जीतू पटवारी को यह नसीहत देनी पड़ रही है कि जो पार्टी का कार्य पूर्ण लगन से करता, वही असली ‘‘कार्यकर्ता“ है। अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ में भी कुछ नहीं है, क्योंकि उनकी आंखों के सामने भी अंधेरा सा छाया है। ऐसे में खिला हुआ कमल मन को भाने ही लगता है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रतलाम दौरे में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के संदर्भ में सभी कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए सभी से आग्रह किया कि दोगुनी ऊर्जा से राहुल जी की इस यात्रा को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए हम सबको जुट जाना है। कार्यकर्ताओं को याद रखना है कि जो पार्टी का कार्य पूरी लगन से करता है, वही असली कार्यकर्ता है। पटवारी ने मन की बात साझा कर ही दी कि कांग्रेस पार्टी में पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान पाने वाले कुछ लोग आज संघर्ष के दौर में पीछे हटते जा रहे है। ऐसे लोगों से भाजपा संपर्क करती है और उन्हें ले लेती है। लेकिन हमारे लिए सम्मानित वो लोग हैं जो अपने छोटे से व्यवसाय या नौकरी के साथ-साथ निडर होकर कांग्रेस की विचारधारा के लिए डटे हुए हैं, ऐसे कार्यकर्ताओं पर हमें गर्व है। अब पटवारी किन कार्यकर्ताओं पर गर्व की बात कर रहे हैं, यह वही समझ सकते हैं। हाल ही में नाथ के दिल्ली निवास पर जब सनातनी झंडा लहराया था, तब कितने दिग्गज कांग्रेसी अपनी ही पार्टी को आइना दिखा रहे थे। तब ऐसा लग रहा था कि मानो एक बार फिर कांग्रेस में 2020 एपीसोड की पुनरावृत्ति होने वाली है। पर राहत की सांस कांग्रेस ने तब ही ले पाई थी, जब नाथ के दिल्ली निवास से सनातनी झंडा उतर गया था। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाते पटवारी की चिंता वाजिब ही है। लोकसभा चुनाव में जब भाजपा सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतने पर उतारू हो, तब नाथ का चिंतित होना भी लाजिमी है।जब 6 मार्च को कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी रतलाम आएंगे एवं रतलाम ग्रामीण, शहर और सैलाना विधानसभा सीटों से गुजरेंगे और रोड शो करेंगे। तब यदि भोपाल से यदि यह खबर राहुल गांधी का स्वागत करेगी कि विष्णु-नरोत्तम के हाथों कई हाथ वाले कार्यकर्ताओं ने कमल थाम लिया, तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाते पटवारी बहुत असहज तो महसूस करेंगे ही।
ऐसे में जब कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारियों के संबंध में कार्यकर्ताओं की बैठक हो रही हो, तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मन में ऐसी चिंता होना भी स्वाभाविक है। और ऐसे आपातकाल में समर्पित कार्यकर्ताओं पर गर्व करना तो बनता है। आखिर में तो असल कार्यकर्ता ही कांग्रेस के अच्छे दिन लौटाकर लाएंगे।