Payment of Contractors Stuck : फर्जी बिल घोटाले ने सही ठेकेदारों का पेमेंट भी अटकाया!  

नगर निगम का काम होने के बाद अब भुगतान के लिए ठेकेदार चक्कर काट रहे!

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Payment of Contractors Stuck : फर्जी बिल घोटाले ने सही ठेकेदारों का पेमेंट भी अटकाया!

Indore : नगर निगम का 100 करोड़ से भी ज्यादा का फर्जी बिल घोटाला देशभर में चर्चा में है। हालांकि घोटाला फर्जी बिल को लेकर हुआ है, लेकिन इसके चलते वास्तविक ठेकेदारों को भी पेमेंट नहीं मिल पा रहा। ऐसे ठेकेदार जिन्होंने अपना कार्य पूरा किया और कार्य पूर्णता रिपोर्ट दस्तावेज सहित दस्तावेज संलग्न किए, वे भी भुगतान को लेकर निगम के चक्कर काट रहे हैं।

ऐसे कई ठेकेदार है, जिनका करोड़ों रुपया निगम को भुगतान करना है। लेकिन, फर्जी बिल घोटाले की आड़ में भुगतान नहीं किया जा रहा। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि निगम के खजाने में पैसा ही नहीं है। जानकारी सामने आई कि वास्तविक ठेकेदारों का करीब 500 करोड़ से अधिक का भुगतान निगम को अदा करना है। जानकारी अनुसार नगर निगम मुख्यालय में इन दिनों कई ठेकेदार भुगतान के लिए फाइल के साथ देखे जा सकते हैं। वित्त विभाग के अधिकारी इन्हें एक ही जवाब देते हैं कि निगम खजाने में पैसा नहीं होने से भुगतान नहीं किया जा सकता है।

ठेकेदारों के पेमेंट रुकने का एक बड़ा कारण यह भी सामने आया कि अब हर फाइल को बारीकी से जांचा जा रहा है। निगम के वित्त विभाग और ऑडिट विभाग के अधिकारी किसी भी फाइल पर पेमेंट करके रिस्क नहीं लेना चाह रहे हैं। इसके लिए वह एक दूसरे विभाग और एक दूसरे अधिकारियों पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। ऐसे में वे ठेकेदार जिन्होंने काम किया और अब उन्हें पेमेंट लेने की बारी है, निगम दफ्तर में परेशान हो रहे हैं। कुछ ठेकेदारों का तो यहां तक कहना है कि एक बार बचा हुआ पेमेंट मिल जाए तो निगम का कार्य करना ही बंद कर देंगे।

समिति बना रहे नतीजा कुछ नहीं

बताया जा रहा है कि अपने भुगतान को लेकर ठेकेदारों ने निगम के आला अधिकारियों और एमआईसी सदस्यों से मुलाकात की। ऐसे में यह निष्कर्ष निकला कि एक समिति बना दी जाएगी, जो हर फाइल का वेरिफिकेशन करेगी और इसकी अनुशंसा के बाद ही भुगतान किया जाएगा। पहले फर्जी बिल घोटाले में जांच के लिए समिति उसके बाद प्रदेश स्तर पर समिति और अब एक और नई भुगतान के लिए समिति कुल मिलाकर समिति पर समिति गठित की जा रही है, लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा रहा है।

ई-पोर्टल ठप, निगम की आय रुकी

निगम खजाने में पेमेंट नहीं होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि दिसंबर से ई-नगर पालिका का पोर्टल ठप पड़ा है। हालांकि काम चलाने के लिए नया पोर्टल बना लिया गया, लेकिन पुराने ई-नगर पालिका पोर्टल का डाटा रिकवर नहीं किया जा सका। निगम के पास लाखों रुपए तनख्वाह पाने वाले आईटी इंजीनियरों की फौज मौजूद है, लेकिन यह धुरंधर भी ई-नगर पालिका पोर्टल का डाटा रिकवर नहीं कर पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब 5 हजार करोड़ रुपए का बकाया ई-नगर पालिका के पोर्टल के ठप होने के साथ ही गर्त में चला गया। निगम सिर्फ वर्तमान वर्ष के टैक्स का भुगतान करवा कर अपना काम चलाने की कोशिश कर रहा है।