चुनावी साल में बढ़ी जनता की फिक्र, पदयात्रा, जनता दरबार और चौपाल के सहारे जनता का मूड भांपेंगे

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चुनावी साल में बढ़ी जनता की फिक्र, पदयात्रा, जनता दरबार और चौपाल के सहारे जनता का मूड भांपेंगे

भोपाल: चुनावी साल में अब भाजपा विधायकों को जनता की सुध आने लगी है। इसीलिए अब विधायकों का फोकस अपने विधानसभा क्षेत्र पर हो गया है। विधायक अब भोपाल भी नहीं आना चाहते और अपने क्षेत्र में अधिक समय देकर जनता की सुध लेने और समस्याओं का निराकरण करने की तैयारी में हैं। इन तैयारियों के साथ ये विधायक जनता का मूड भांपने और अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं।

भाजपा प्रदेश संगठन और आरएसएस के पहले दौर के सर्वे के बाद संगठन ने अपने सभी विधायकों को पहले ही बता दिया है कि कई विधायक डेंजर जोन में हैं और क्षेत्र में उनकी निष्क्रियता चुनाव के समय परेशानी की वजह बन सकती है। इसे देखते हुए अब कई विधायकों ने बाकायदा छह से आठ माह का प्लान तैयार कर लिया है कि कैसे जनता के बीच अपनी छवि को सुधारने के लिए काम करना है और किस तरह से समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारी, कर्मचारी का सहयोग लेना है। सूत्रों का कहना है कि कई विधायकों ने तो ऐसे अधिकारियों की सूची भी तैयार कराई है जो उनके मनमाफिक काम नहीं कर रहे हैं और आने वाले महीनों में उन्हें हटाने के लिए शासन स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।

केस-1
विधानसभा क्रमांक तीन इंदौर से विधायक आकाश विजयवर्गीय ने तय किया है कि वे अपने क्षेत्र में हर रविवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक कराएंगे। इसके लिए कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के बाद उन्होंने यह बता दिया है कि बूथ स्तर पर होने वाली हर बैठक में उन्हें क्या करना है और इसकी सूचना कैसे देनी है? विजयवर्गीय ने इसके लिए व्हाट्स एप ग्रुप बनाकर सभी बूथों की रिपोर्ट एकत्र करने की तैयारी की है। इसमें उनकी ओर से तय कार्यकर्ता हर रविवार सुबह 10 से 2 बजे तक बूथ स्तर पर लोगों की समस्याएं सुनेगा। उसे संबंधित विभाग और कर्मचारी के जरिये निराकृत कराएगा और नहीं हुआ तो उसकी लिस्ट व्हाट्सएप करेगा। वह यह भी बताएगा कि कौन से काम नहीं हो पाए हैं? विधायक ने इसको लेकर हर बूथ की बैठकें भी ले ली हैं। यह काम दीपावली के दौरान ही शुरू हो जाएगा।

केस-2
रीवा जिले के मऊगंज से बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल की क्षेत्र में सक्रियता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसीलिए अब वे अपने क्षेत्र की जनता का भरोसा जीतने के लिए पदयात्रा निकालने का प्लान बना रहे हैं। पदयात्रा के दौरान वे गांवों में लोगों से बैठकर समस्याएं सुनेंगे और अफसरों से चर्चा कर उसका निराकरण कराएंगे। उनकी यह भी कोशिश है कि आने वाले महीनों में क्षेत्र के विकास के लिए सरकार किसी बड़े काम का ऐलान कर दे।