पूरे विश्व मे होम्योपैथी पर बढ़ता जा रहा लोगों का विश्वास
कमलेश नाहर की खास रिपोर्ट
आज विश्व होम्योपैथी दिवस है।
यह दिन होम्योपैथी के संस्थापक जर्मन चिकित्सक डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।इस अवसर पर हमने नगर के युवा होम्योपैथी चिकित्सक डॉ अंकित सोनी से होम्योपैथी पर चर्चा कर अनेक जानकारी जुटाई है।
19 वीं शताब्दी से ही होम्योपैथिक दवाओं और डॉ हैनिमैन द्वारा तैयार की गई दवा की प्रणाली पर लोगों का भरोसा लगातार बढ़ता गया है। वर्तमान में विश्व भर में लगभग 20 करोड़ लोग होम्योपैथिक दवाओं या उपचारों को अपनाते हैं और भारत में होम्योपैथी चिकित्सा की दूसरी सबसे लोकप्रिय प्रणाली है।
होम्योपैथी व्यक्ति के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने पर बल देती है। यह दवा की एक ऐसी प्रणाली है जो शरीर की स्वयं को ठीक कर लेने की क्षमता का सम्मान करती है तथा इस कार्य में सहायक बनती हैं।
डॉ सोनी ने बताया कि रानापुर में पिछले डेढ़ साल से 1000 से ज्यादा लोगों में होम्योपैथी दवा के माध्यम से उपचार किया जा रहा है ।जिससे बहुत से लोगो में चमत्कारिक लाभ देखने को मिला है ।
डॉ सोनी के अनुसार
* यह एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है
* यह पेथी सभी आयु वर्ग बच्चे , बूढ़े , गर्भवती महिलाए के लिए उपयुक्त है
* होमोइपेथी धीरे काम नही करती , इसका धीमे और तेज काम करना बीमारी पर निर्भर करता है।
* सभी प्रकार के जटिल एवं असाध्य रोगों का बिना ऑपरेशन ईलाज संभव।
* होम्योपैथी रोगों को ठीक करने के साथ साथ मानसिक एवं शारीरिक शक्ति भी बढ़ाती हैं।
इन बीमारियों का सफल इलाज होमियोपैथी में संभव –
* ब्लड प्रेशर
* शुगर
* थायराइड
* दमा ( अस्थमा )
* घुटनों का दर्द ( गठियावाद )
* पाइल्स , फिशर , फिस्टुला
* किडनी की पथरी
*एलर्जी व साइनस
* स्त्री एवं पुरुष यौन रोग
* गैस, एसीडीटी, पेट में जलन, अपच, कब्ज।
* सभी प्रकार के चर्म रोग ( फंगल )
* मुंह के मुंहासे ( पिंपल )
* बालो का झड़ना ( डैंड्रफ)
* बच्चो में उल्टी दस्त , सर्दी खांसी , भूख न लगना ।
* सभी तरह के सिर दर्द ( माइग्रेन)
* चमड़ी की गठान ( लाइपोमा)
* शरीर के मस्से ( वार्ट्स)
*होम्योपैथी दवा का पशुओं में लाभ*
कुछ महीनो पहले भारत में पशुओं में , छोटे बड़े गाय, भेस, बेल, बकरी में होने वाली *लंपी स्किन डिजीज वायरस* की महावारी फैली थी जिसमे शिवानी होमियोपैथिक क्लिनिक द्वारा आस पास के गांव के 1500 से ज्यादा परिवार में होमियोपैथी दावा का निशुल्क वितरण किया गया था जिससे बहुत से पशुओं में इस दवा का सफल परिणाम देखने को मिला व गाय , भेस, बेल व बकरिया जल्दी से जल्दी ठीक हुई।