निर्माण विभागों में 50 करोड़ से अधिक की निकासी में फायनेंस विभाग की अनुमति जरुरी

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निर्माण विभागों में 50 करोड़ से अधिक की निकासी में फायनेंस विभाग की अनुमति जरुरी

 

भोपाल: वित्त विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में निर्माण कार्य विभाग के देयकों सहित केन्द्र सहायित योजनाओंं के लिए पचास करोड़ से अधिक राशि के देयकों के कोषालय से आहरण हेतु वित्त विभाग से पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी है। कुछ मामलों में इसमें छूट दी जाएगी।

राज्य शासन की ओर से संचालक बजट तन्वी सुन्द्रियाल ने सभी सरकारी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिवों और सभी बजट नियंत्रण अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निर्माण कार्य विभाग और केन्द्र क्षेत्रीय एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में पचास करोड़ रुपए से अधिक की निकासी के लिए पहले वित्त विभाग से अनुमति लें। केवल पूंजीगत मदों से संबंधित आहरण, मध्यप्रदेश वेट अधिनियम के तहत देय वापसियों से संबंधित आहरण, भू अर्जन से संबंधित राशि एवं वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वन भूमि के व्यपवर्तन के लिए आवश्यक आहरण को इससे मुक्त रखा गया है।

सभी प्रकार के देयकों के आहरण सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के अधीन रहेंगे। प्रशासकीय विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी प्रकार के आहरण में वित्तीय अधिकारां की पुस्तिका, प्रत्यायोजित अधिकार का तथा अन्य सुसंगत नियमों का पालन करते हुए ही स्वीकृति के आदेश जारी किए जाएंगे।

वित्त विभाग में राशि निकासी के लिए अनुमति मांगने के लिए प्रस्तावों के साथ कई जानकारियां देना होगा। इसमें सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के आदेश की प्रति, डीडीओ का नाम जिनके द्वारा आहरण किया जाएगा। कोषालय का नाम जिसमें आहरण हेतु देयक प्रस्तुत किया जाएगा। बजट प्रावधान जो जारी किया गया हो एवं शेष आवंटन का प्रमाणीकरण, वह प्रमाणपत्र भी देना होगा कि राशि आहरण कर बैंक खाते में नहीं रखी जाएगी। तथा योजनांतर्गत बैंक खाते की पासबुक की छायाप्रतियां भी देना होगा। वित्त विभग द्वारा जारी आहरण छूट की अनुमति आदेश जारी होंने के पंद्रह दिन अथवा उस वित्तीय वर्ष की 31 मार्च जो भी पहले हो तक ही वैध रहेगा।