Petition Accepted Regarding Bhojshala : भोजशाला हिंदुओं की, इसे उन्हें सौंपा जाए
धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने धार की भोजशाला(Bhojshala) के मामले में हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के मप्र प्रमुख आशीष जनक की याचिका स्वीकार कर ली।
हाईकोर्ट ने भारत सरकार, आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ मप्र, मप्र सरकार, स्थानीय प्रशासन, कमाल मोला ट्रस्ट आदि को नोटिस जारी किए हैं।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में मांग की है लंदन से सरस्वती की मूर्ति लाकर उसे ससम्मान स्थापित की जाए शुक्रवार को होने वाली नमाज को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए। भोजशाला हिन्दुओं की है इसे हिन्दुओं को सौंपा जाए।
इन बिंदुओं पर यह याचिका लगाई गई थी।
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याचिका के बारे में एडवोकेट हरिशंकर जैन ने जानकारी दी कि भोजशाला(Bhojshala) का निर्माण राजा भोज ने संस्कृत शिक्षा के लिए किया था। यहां कमाल मौला नाम की मस्जिद का कहीं किसी जगह उल्लेख नहीं मिलता।
उन्होंने बताया कि याचिका में ऐतिहासिक तथ्य, रिसर्च पेपर, गजेटियर और इतिहास की किताबों को पेश किया गया है। किसी भी दस्तावेज में यहां मस्जिद होने का उल्लेख नहीं है। सभी जगह इसे हिन्दू मंदिर बताया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि भोजशाला(Bhojshala) में नमाज पढ़ने पर रोक की भी मांग की गई। यह भी बताया गया कि नमाज के बहाने यहां हिन्दू धर्मस्थल होने के सबूतों को नष्ट किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने यहां वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने के साथ यहां खुदाई करने की भी मांग की, ताकि हिन्दू धर्मस्थल होने के प्रमाणों की पुष्टि हो सके।
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हाइकोर्ट के न्यायाधीश विवेक रूसिया और अमरनाथ केसरवानी ने यह याचिका स्वीकार की है। इसे लेकर नवंबर से प्रयास किए जा रहे थे, पर ये आज स्वीकार की गई।
इसमें एडवोकेट हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और पार्थ असिस्टेंट के रूप में शामिल हुए।