Petition Against ASI Survey : भोजशाला’ के वैज्ञानिक सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर!

सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार, ASI की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे!

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Petition Against ASI Survey : भोजशाला’ के वैज्ञानिक सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर!

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने धार भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को सहमति जता दी। भोजशाला पर हिंदू और मुसलमान पक्ष दोनों अपना दावा करते हैं। सोमवार एएसआई ने कोर्ट ने 2 हजार पन्नों की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी, जिसमें कई खुलासे किए गए। ये बात सामने आई है कि खुदाई में कई मुर्तियां मिली हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को धार शहर में मध्यकालीन युग की संरचना ‘भोजशाला’ के ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ के खिलाफ याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमति जताई। इस भोजशाला पर हिंदू और मुसलमान पक्ष दोनों अपना दावा करते हैं।

कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी की याचिका

मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के 11 मार्च के आदेश को चुनौती दी गई थी। जिसमें मंदिर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करने का आदेश दिया गया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह किस समुदाय का है।

सर्वे में हुए कई अहम खुलासे

11 मार्च के आदेश में हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को 6 सप्ताह में भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। इसके बाद आज एएसआई ने कोर्ट ने 2 हजार पन्नों की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी, जिसमें कई खुलासे किए गए। ये बात सामने आई है कि खुदाई में कई मुर्तियां मिली हैं।

SC ने सुनवाई को सहमति जताई

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने हिंदू याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद मामले को सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की कि एएसआई ने पहले ही अपनी रिपोर्ट दायर कर दी है। उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि हिंदू पक्ष ने लंबित याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है। 7 अप्रैल 2003 को एएसआई द्वारा तैयार की गई व्यवस्था के तहत हिंदू पक्ष मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा करते हैं, जबकि मुस्लिम शुक्रवार को परिसर में नमाज अदा करते हैं।

सर्वे पर रोक से इंकार किया था 

1 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने एएसआई द्वारा संरक्षित 11वीं सदी के स्मारक भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हिंदू भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं।