पितृपक्ष मेला 2022: जिला प्रशासन ने लॉन्च किया ऐप
अश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या 15 दिन पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है. इन पंद्रह दिनों में लोग अपने पितरों (पूर्वजों) को जल अर्पित करते हैं व उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं. पिता-माता आदि पारिवारिक मनुष्यों की मौत के बाद उनकी तृप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक किए जाने वाले कर्म को पितृश्राद्ध कहते हैं.
माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पिंडदान का महत्व बढ़ जाता है. इसलिए इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु गया पहुंचते हैं, लेकिन इस साल पितृपक्ष मेले को लेकर गया के जिला प्रशासन ने खास तैयारी की है. जिला प्रशासन ने वेबसाइट और एप लॉन्च किया है.
जिसके जरिए यात्री गया आने से पहले ही अपने रहने से लेकर पूजा के लिए पंडों समेत आसपास के जगहों के घूमने के लिए बुकिंग कर सकेंगे. ताकि यहां आने पर उन्हें दिक्कत ना हो.मेले के लिए प्रशासन ने कई सुविधाओं का भी ऐलान किया है.यात्रियों को अगर कोई समस्या होती है, तो एक खास नंबर पर फोन करके मदद भी ले सकते हैं.
पितृपक्ष मेला के अवसर पर तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु IVRS जिसका नम्बर 9266628168, मोबाइल ऐप PINDDDAAN GAYA तथा वेबसाइट www.pinddaangaya.bihar.gov.in अपनी जरूरत के अनुसार पूरी जानकारी ले सकते हैं.वर्तमान वर्षों में तीर्थ यात्रियों की सुविधा को सरल बनाने हेतु बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन हमेशा तत्पर रहा है. विभिन्न जानकारियां / शिकायतों अथवा यात्रियों को मदद हेतु जिला प्रशासन द्वारा अनेकों कार्य किया जा रहा है.
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है. अश्विन मास के कृष्ण पक्ष को ‘पितृपक्ष’ या ‘महालय पक्ष’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने पुरखों का पिंडदान करते हैं. मान्यता है कि पिंडदान करने से मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. वैसे तो पिंडदान के लिए कई धार्मिक स्थल हैं, लेकिन सबसे उपयुक्त स्थल बिहार के गया को माना जाता है.