Poisonous Juice : जंगली लौकी के जूस ने जान ले ली!
Indore : सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले इलाज कितने घातक होते हैं, यह एक घटना ने साबित कर दिया। हाथ दर्द के इलाज के लिए लौकी का जूस पीने से एक ड्राइवर धर्मेंद्र करोले की मौत हो गई। उसके हाथ में दर्द होता था। उसने डॉक्टर को भी दिखाया, पर कोई फ़ायदा नहीं हुआ ,किसी दोस्त ने जंगली लौकी का जूस पीने की सलाह दी। धर्मेंद्र ने भी यूट्यूब पर वीडियो देखा था।
वीडियो में बताया गया कि अगर जंगली लौकी का जूस पिया जाए, तो दर्द से राहत मिलेगी। धर्मेंद्र खुद लौकी लाया और जूस निकालकर पीने लगा। इसके कुछ देर बाद उसे उल्टी और दस्त होने लगे। तबीयत बिगड़ने पर परिवार वाले उसे प्राइवेट अस्पताल ले गए, जहां धर्मेंद्र की मौत हो गई। DCP जोन-2 संपत उपाध्याय ने बताया कि धर्मेंद्र के शव का पोस्टमॉर्टम कर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। लौकी जहरीली होने की संभावना जताई जा रही है।
विजयनगर पुलिस के अनुसार मृतक का नाम धर्मेंद्र पुत्र नानूराम करोले है। वह मूल रूप से खंडवा का रहने वाला है और कुछ साल से स्वर्ण बाग कॉलोनी में रहता था। उसके दो बच्चे हैं। उसके दोस्त मनीष ने बताया कि धर्मेंद्र के हाथ में दर्द रहता था। डॉक्टर के पास भी गया, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। दो दिन पहले उसने YouTube पर दर्द का इलाज ढूंढा और वही किया।
इस बारे में डॉक्टरों की सलाह है कि बिना सोचे समझे कोई इलाज न करें। जरूरी नहीं कि हर फल हर किसी के लिए सुरक्षित हो। हाल के दिनों में पता चला है कि लौकी का रस कड़वा स्वाद के साथ एक गंभीर जहरीली प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है। यह पेट दर्द, उल्टी, दस्त और अवसाद का कारण बन सकता है। इससे मौत भी हो सकती है।
बिना सोचे समझे कुछ भी खा लेना आपको परेशानी में डाल सकता है। ऐसे में जूस में कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं जिसके कारण हृदय की गतिविधियां अनियमित हो गई हैं। ऐसे में अगर समय पर इलाज नहीं दिया गया तो मौत भी हो सकती है। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आये हैं। हालांकि समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई।
अनजान की जानकारी सही नहीं
कोई इंटरनेट पर कोई जानकारी जानना चाहता है तो वह Google पर जाकर उस जानकारी से संबंधित प्रश्न सर्च करता है। खोज में विभिन्न प्रकार के पोर्टल दिखाई देते हैं। उस विषय से जुड़े कई वीडियो भी हैं। हम किसी भी अनजान पोर्टल या वीडियो को देखना शुरू कर देते हैं और उसमें दी गई जानकारी को सही मान लेते हैं।
जबकि, हमें कोई भी जानकारी ढूंढनी होती है कि वह कहां उपलब्ध है, उस प्लेटफॉर्म या पोर्टल का स्तर क्या है, वीडियो में जानकारी देने वाले का प्रोफाइल क्या है वे हमें क्या जानकारी दे रहे हैं और वे कितने शिक्षित हैं। लोग वीडियो और जानकारी से संबंधित क्या कमेंट कर रहे हैं। इन सब महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखकर ही किसी जानकारी पर भरोसा किया जा सकता है। हालांकि, फिर भी, इंटरनेट पर दी गई जानकारी की पुष्टि आप अपने किसी परिचित विशेषज्ञ द्वारा कर सकते हैं। इससे आप किसी भी तरह के नुकसान से बच सकते हैं। इंदौर की यह घटना एक सबक है।