

पत्रकारों तथा पत्रकार संगठनों के सदस्यों का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य हो : जोशी
Ratlam : आज के दौर में राजनीति के साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की घुसपैठ समाज के लिए नासूर और घातक बनती जा रही है। लोग अपनी आदतों और कारनामों को छिपाने, दबाने के लिए पत्रकार और राजनीतिक कार्यकर्ता नेता बन जाते हैं। किसी पत्रकार संगठन अथवा राजनैतिक दल से जुड़ जाते हैं ताकि वह समाज, नेता और अधिकारियों, कर्मचारियों पर रोब गालिब कर सकें उनसे वह सब काम करा सकें जो नियमानुसार नहीं हो पाते।
इस बात से प्रधानमंत्री, राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री और प्रेस काउंसिल को पत्र लिखकर रतलाम प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष शरद जोशी ने अवगत करवाया है। जोशी ने पत्र में अवगत कराया कि कतिपय नेता, पत्रकार और उनके संगठन दबाव पूर्वक एसे कार्य करते हैं जिसकी जानकारी उनके ही साथी कानाफूसी करके जनता-जनार्दन तक पहुंचाते हैं। जिस प्रकार जनसंपर्क विभाग अधिमान्यता के लिए पत्रकारों से पुलिस वेरीफिकेशन करवाता है।
इसी प्रकार सरकार पत्रकार संगठनों के लिए भी अनिवार्य कर दे कि वे उन्हें ही सदस्य बनाए जो पत्रकार सदस्यता आवेदन फॉर्म के साथ पुलिस वेरीफिकेशन दें या स्वयं प्रमाणित करें कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण नही है और न ही कभी ऐसा अपराधिक मामला रहा है जिसमें उसे सजा हूई हो। धनबल, बाहुबल पर पत्रकार बनना, बनाना पत्रकार संगठन बनाना गैर कानूनी होना चाहिए जिसकी छानबीन कर व्यापक जांचकर संगठन पंजीकृत होना चाहिए। साथ ही जनसंपर्क कार्यालयों में भी सूची अपडेट की जाए ताकि असल कलमकारों के साथ न्याय हो और समाज भी भयमुक्त हो। इसके साथ ही जिला स्तर भी प्रशासन एसा प्रेस प्रकोष्ठ बनाए जो ऐसी शिकायतों की निष्पक्ष जांच करे जो खबर छापने के नाम पर लोगों को ब्लैकमेल अथवा भयादोहन करते हैं। पत्रकार संगठन चाहें तो स्वयं आचार संहिता बनाकर एक आदर्श प्रस्तुत कर सेवा के इस कार्य में अपना योगदान देकर पथप्रदर्शक बन सकते हैं।