Police Will be Hi-Tech : पुलिस की जांच हाईटेक होगी, 25 हजार अधिकारियों को टैबलेट दिया जाएगा!

अदालत में वर्चुअल पेशी होगी, तलाशी के समय भी वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी!

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Police Will be Hi-Tech : पुलिस की जांच हाईटेक होगी, 25 हजार अधिकारियों को टैबलेट दिया जाएगा!

Bhopal : मध्यप्रदेश में पुलिस जांच और भी हाईटेक होगी। प्रदेश में जल्द ही 25 हजार से अधिक जांच अधिकारियों को टैबलेट दिया जाएगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने टेंडर जारी कर दिया। बताया जा रहा है कि जल्द ही टैबलेट खरीदी की प्रक्रिया शुरू होगी। मप्र पुलिस अपराध की जांच को और प्रभावी और पारदर्शी बनाने की कवायद में जुटी हुई है। पुलिस विभाग अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक तकनीक से लैस करने उन्हें टैबलेट देने की योजना बनाई है।

प्रदेश में जल्द ही 25 हजार से ज्यादा विवेचना अधिकारियों को टैबलेट दिया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने टैबलेट खरीदी के लिए टेंडर जारी किया है। टैबलेट में नक्शा मौका, एफआईआर, गिरफ्तारी फॉर्म रियल टाइम भरे जा सकेंगे। अभी तक किसी भी मामले की जांच प्रक्रिया थाने में रखे कंप्यूटर में अपलोड सीसीटीएनएस के जरिए ही होती थी। लेकिन नक्शा मौका, FIR, गिरफ्तारी फॉर्म, जब्ती, चालान और केस डायरी के पर्चे का डिजिटाइजेशन नहीं था। इसलिए कई बार एक पर्चा भरने में भी काफी वक्त लग जाता था। टेबलेट्स में इतना वक्त नहीं लगेगा। नए कानूनों में ई-विवेचना को लेकर एमपी पुलिस की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। साल 2022 में विवेचना अधिकारियों को 1700 से अधिक टैबलेट बांटे गए थे। पुलिस मुख्यालय ने टेंडर जारी कर दिया है, जल्द ही खरीदी की प्रक्रिया शुरू होगी।

इस बदलाव से होने वाले फायदे 

जानकारी के अनुसार इस व्यवस्था के दो बड़े फायदे होंगे। पहला यह कि सीसीटीएनएस से जुड़े टेबलेट्स के जरिए अपलोड हुआ कोई भी दस्तावेज हटाया या बदला नहीं जा सकेगा। दूसरा चालान सही समय पर पेश किया जा सकेगा। पहले जो टैबलेट्स दिए गए थे उससे 425 थानों में इस्तेमाल करते हुए तीन साल में 50 हजार एफआईआर दर्ज हुई हैं। सबसे बेहतर परिणाम जीआरपी ने दिए हैं, क्योंकि उनकी ज्यादातर एफआईआर या जांच चलती ट्रेन में दर्ज हुई हैं।

मध्य प्रदेश में अब तक किसी भी मामले की जांच प्रक्रिया थाने में रखे कंप्यूटर में अपलोड सीसीटीएनएस के जरिए ही होती थी। लेकिन, नक्शा मौका, एफआईआर, गिरफ्तारी फॉर्म, जब्ती, चालान और केस डायरी के पर्चे का डिजिटाइजेशन नहीं था। इसलिए कई बार एक पर्चा भरने में भी काफी वक्त लग जाता था। टेबलेट्स में इतना वक्त नहीं लगेगा।

इन टैबलेट्स में कोई बाहरी एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं होगी और विवेचना अधिकारी इनका इस्तेमाल कॉलिंग के लिए नहीं कर सकेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि टेबलेट का डेटा हैक न हो। पुलिस अधिकारी का कहना है कि 25 हजार नए टेबलेट्स खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शासन से अनुमति मिलते ही ये खरीदी कर ली जाएगी। इनकी मदद से विवेचना में लगने वाला समय घटेगा। अदालत में वर्चुअल पेशी होगी। तलाशी के समय भी वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी।