राज-काज: लंबे समय बाद ‘कैलाश’ के कायल हुए ‘दिग्विजय’…. 

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राज-काज: लंबे समय बाद ‘कैलाश’ के कायल हुए ‘दिग्विजय’…. 

* दिनेश निगम ‘त्यागी’

लंबे समय बाद ‘कैलाश’ के कायल हुए ‘दिग्विजय’….

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– राजनीति में भाजपा और कांग्रेस के कैलाश विजयवर्गीय और दिग्विजय सिंह ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जो अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। इन्हें मालूम है कि राजनीति में कैसे अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर रखी जाती है। दिग्विजय जब मुख्यमंत्री थे और कैलाश विधायक के साथ इंदौर के महापौर तब दोनों के मधुर संबंधों की चर्चा हर जुबान पर थी। भाजपा सत्ता में आई तो दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयानों के तीर छोड़ने लगे। लंबे समय बाद ऐसा हुआ जब कैलाश ने विधानसभा के अंदर अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ दिग्विजय के कार्यकाल की भी तारीफ कर विरोधियों का भी दिल जीत लिया। दिग्विजय इसके कायल हुए और कैलाश के प्रति आभार व्यक्त किया। यहां कैलाश ने लोकतांत्रिक मूल्य और मर्यादा का परिचय दिया, जिसका आज की राजनीति में पूरी तरह से आभाव है। भाजपा के कुछ नेता भले कैलाश की आलोचना करें लेकिन आज की पीढ़ी को उनसे सीखना चाहिए। इस समय कैलाश कुछ अन्य बयानों के कारण भी चर्चा में हैं। जैसे, सदन के अंदर उन्होंने कह दिया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज सूट-बूट पहनकर सदन में आए हैं, जबकि हम मंत्री और विधायक अलग वेश-भूषा में बैठे हैं।’ इंदौर में अफसरों को लेकर दिया गया उनका बयान भी सुर्खियां बना। उनके बयान द्विअर्थी और व्यंगात्मक होने के कारण भी करारी चोट करते हैं।

*0 लीजिए, प्रदेश के मंत्री ने कह दिया केंद्रीय मंत्री को झूठा….!*

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– प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना आम तौर पर विवादित बयान देने के मामले में चर्चित रहते हैं। अब उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को झूठा ठहरा दिया। शिवराज ने लोकसभा में आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा था कि खाद वितरण गड़बड़ी मामले में मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। शिवराज का यह बयान कंसाना को नागवार गुजरा। उन्होंने कहा कि किस बात के आंकड़े, किसने दिए ? कोई गड़बड़ी नहीं है, लोकसभा में गलत आंकड़े पेश किए जा रहे हैं। यह कहते हुए उन्होंने शिवराज के आंकड़ों को गलत बता दिया। दरअसल, लोकसभा में शिवराज ने सदन के पटल पर खाद वितरण संबंधी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें खाद वितरण में गड़बड़ी मामले में मप्र को तीसरे स्थान पर बताया गया है। कंसाना ने कांग्रेस के आरोपों को भी निराधार बताया और कहा कि खाद गुणवत्ता या वितरण में कहीं गड़बड़ी या कमी नहीं है। उन्होंने यह भी कह दिया कि खाद को लेकर प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है। जबकि खाद संकट को लेकर प्रदेश के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। किसानों को रात-रात भर लाइन में लगना पड़ रहा है। इसके कारण किसानों की मौतें हुई हैं। कई जगह लाठी चार्ज हुए हैं। मंडी में रखी खाद की बाेरियां लूटी जा चुकी हैं। अफसरों को किसानों पर हाथ उठाना पड़े हैं। किसानों-अफसरों में आए दिन झड़प हो रही है। ऐसे में कंसाना द्वारा शिवराज की रिपोर्ट को गलत ठहराना समझ से परे है।

*0 मोहन के कई मंत्री नहीं लगा पा रहे जुबान पर लगाम….*

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– प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों को न अपनी छवि की चिंता है, न ही संगठन और सरकार की। वे अपनी जुबान पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं और संगठन-सरकार को लगातार असहज कर रहे हैं। इस समय भी कुछ मंत्रियों के बयान सुर्खियाें में हैं। चर्चा में रहने वाले ये मंत्री हैं, एंदल सिंह कंसाना, नारायण सिंह कुशवाह, प्रतिमा बागरी और विजय शाह। कंसाना से पूछा गया कि प्रदेश के किसान अपनी प्याज सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं, जवाब मिला ज्यादा पैदावार होने के कारण ऐसा रहे हैं। कांग्रेस के शासन में पानी, बिजली कुछ नहीं था, इसलिए पैदावार नहीं होती थी तो किसान प्याज कहां से फेंकते? उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया कि किसानों को प्याज का उचित दाम क्यों नहीं मिल रहा? दो साल के कार्यकाल का ब्यौरा देने शाजापुर पहुंचे प्रभारी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने डॉ मोहन यादव सरकार की 2 साल की उपलब्धियां गिनाते हुए पूर्व की भाजपा सरकारों के सभी कामों को बेकार बता दिया। विजय शाह पहले कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए बयान के कारण घिरे थे, अब लाड़लियों को लेकर विवादित बयान दे डाला। इसे लेकर महिला कांग्रेस हमलावर है और उनका इस्तीफा मांग रही है। प्रतिमा बागरी गांजे की तस्करी में जेल में बंद अपने भाई को लेकर लगातार बयान बदल रही हैं और सरकार की बदनामी का कारण बनी हुई हैं।

*0 इन्होंने चूहों-सांपों को बता दिया यहां का मूल निवासी….*

– जिन चूहों के कुतरने से इंदौर के एक बड़े अस्पताल में बच्चों की मौत हो चुकी है। जिनके काटने से जबलपुर में भी इलाज करा रहे बच्चे को नुकसान हो चुका है। अब सतना जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के सबसे गंभीर वार्ड से चूहों के आतंक का वीडियो चर्चा में है। अस्पतालों में ये मरीजों, बच्चों तक न पहुंचे, इसकी व्यवस्था करने की बजाय जबलपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ नवीन कोठारी का एक बेतुका बयान सामने आया है। उन्होंने कह दिया कि चूहे और सांप तो अस्पताल के मूल निवासी हैं। मतलब वे चाहते हैं कि चूहे ही नहीं सांप भी अस्पताल में अपना बसेरा बनाएं और मरीजों को नुकसान पहुंचाएं। अस्पताल का कोई जवाबदार डाक्टर ऐसा बेतुका बयान कैसे दे सकता है? ताजा मामला सतना जिला अस्पताल में संचालित सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट का है, जहां नवजात शिशुओं को भर्ती किया जाता है। वायरल वीडियो में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में चूहा कैबिन के अंदर धमा-चौकड़ी मचाते दिख रहा है। जबलपुर के जिला अस्पताल में चूहे आईसीयू तक में थे और एक मरीज के सिर पर मंडराते देखे गए थे, इस संबंध में सवाल करने पर सिविल सर्जन कोठारी ने कह दिया कि चूहे और सांप अस्पताल के मूल निवासी हैं। इससे पता चलता है कि अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा का कितना ख्याल रखा जा रहा है?

*0 अलग उद्देश्य लेकर नर्मदा परिक्रमा पर निकली प्रतिज्ञा….*

– मां नर्मदा की संपूर्ण परिक्रमा कठिन तप से कम नहीं। अलग-अलग उद्देश्य और मान्यताओं को लेकर श्रद्धालु इसे करते हैं। कुछ समय पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपनी पत्नी के साथ यह दुर्लभ परिक्रमा की थी, इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल भी यह परिक्रमा कर चुके हैं। अब प्रहलाद की बेटी प्रतिज्ञा सिंह 1330 किमी की इस परिक्रमा पर निकली हैं। प्रतिज्ञा की परिक्रमा का उद्देश्य कुछ अलग और विशिष्ट है। वे नर्मदा नदी के दोनों तटों के प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृश्यों को चित्रों के माध्यम से संजोएंगी। अमरकंटक से लेकर मां नर्मदा के अरब सागर में संगम तक के संपूर्ण सफर को चित्रांकन के माध्यम से प्रस्तुत करेंगी। 1330 किमी की इस यात्रा के हर 150 किलोमीटर के दृश्यों को एक किलोमीटर लंबी पेंटिंग में उकेरा जाएगा। अमरकंटक, ओंकारेश्वर जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर तक की पेंटिंग बनाई जाएगी। इस प्रकार पूरी नर्मदा परिक्रमा को लगभग 7 किलोमीटर लंबी पेंटिंग में रूपांतरित करने की तैयारी है। नर्मदा किनारे जहां पहुंचना कठिन होगा, वहां ड्रोन के माध्यम से वीडियो और फोटोग्राफी कराई जाएगी, जिसके आधार पर चित्र बनाए जाएंगे। परिक्रमा का उद्देश्य नर्मदा मैया के प्रति आस्था के साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जन-जागरुकता लाना है।

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