गुलाबी ठंड में गरमाती राजनीति…
मध्यप्रदेश में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में गुलाबी ठंड जहां मन को भा रही है तो विधानसभा चुनाव में बचे बीस दिन में राजनीति गरमाने लगी है। अभी तक किसी को यह पता नहीं है कि कोई बहुत आक्रामक नजर न आने वाला यह चुनाव क्या गुल खिलाने वाला है? सभी की निगाहें 3 दिसंबर पर टिकी हैं। तीखी नोंकझोंक जैसा माहौल नदारद है और सीधे-सीधे आरोप-प्रत्यारोप मानो औपचारिक नजर आ रहे हैं। राम और सनातन की बात हो रही है, तो विकास और बदहाली, भरोसे और वादाखिलाफी जैसे मुद्दे भी चर्चा में हैं। आदिवासी सीटों पर दोनों दलों की नजरें हैं। भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारक अमित शाह और प्रियंका गांधी का मध्यप्रदेश पर खास ध्यान है। लंबे अंतराल के बाद शाह का तीन दिवसीय मध्यप्रदेश दौरा 28 अक्टूबर को महाकौशल से शुरू हुआ तो प्रियंका गांधी ने भी दमोह में सभा को संबोधित किया।
अमित शाह ने कहा कि कमलनाथ हमसे पूछते हैं कि आदिवासियों के लिए क्या किया? मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि आजादी के कई साल बाद स्व. अटलजी की सरकार ने जनजातीय मंत्रालय बनाया, जनजाति आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। मोदी जी ने 23 जनजातियों को सूची में जोड़ा। भाजपा सरकार ने वीरांगना रानी दुर्गावती, टंट्या भील, राजा शंकरशाह, रघुनाथ शाह जैसे जननायकों, स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देते हुए उनके म्यूजियम बनाए और पहली बार एक आदिवासी परिवार की बहन द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम शंकरशाह के नाम पर रखा। हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति और पातालपानी स्टेशन का नाम जननायक टंट्या भील के नाम पर रखा है। कमलनाथ जी, देश-प्रदेश की आदिवासी जनता भाजपा को जानती है और यह भी जानती है कि आदिवासियों के विकास और जनजातीय गौरव को बढ़ाने का काम भाजपा की सरकार ने ही किया है। आदिवासियों के प्रति भाजपा के समर्पण के साथ ही शाह ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी।शाह ने कहा कि हम हर बार एक दीवाली मनाते हैं, लेकिन इस बार मध्यप्रदेश में तीन दिवालियां मनाना है। पहली दीवाली तो दीपावली पर ही मनेगी। दूसरी दीपावली तब मनेगी जब आप प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाएंगे। और तीसरी दीवाली 22 जनवरी को मनेगी जब प्रधानमंत्री मोदी जी के हाथों भव्य राम मंदिर में रामलला की स्थापना होगी।कांग्रेस आजादी के बाद से राम जन्मभूमि के मामले को लटका, अटका और भटका रही थी। लेकिन 2019 में आप ने बहुत सी सीटें देकर मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया और उन्होंने राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया। अब 22 जनवरी को मंदिर में रामलला की स्थापना है। शाह ने कहा कि जब मैं भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष था, तब राहुल बाबा ताने कसते थे-मंदिर वहीं बनाएंगे पर तिथि नहीं बताएंगे। अब मंदिर भी बन गया और 22 जनवरी की तिथि भी बता दी है। राहुल बाबा, जरा आप भी दर्शन करके आ जाओ। तो शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस में तीन परिवारों को बोलबाला है। एक गांधी परिवार है, दूसरा कमलनाथ का परिवार है और तीसरा बंटाढार परिवार है। लेकिन जहां तीन तिगड़ा होता है, वहां काम बिगड़ जाता है। इन तीन परिवारों में से आदेश गांधी परिवार देता है, निर्देश कमलनाथ परिवार देता है और जब काम बिगड़ जाता है, तो चांटा मि. बंटाढार के गाल पर पड़ता है। कमलनाथ और दिग्विजयसिंह जहां जाते हैं, उनके समर्थक कपड़े फाड़ने पर उतारू हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में एकता न हो, वो प्रदेश का भला कैसे कर सकती है?शाह ने कहा कि कांग्रेस के लोग परिवार के लिए राजनीति में हैं, जबकि मोदी जी गरीब कल्याण के लिए राजनीति करते हैं।
अभा कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने तंज कसा कि आज सरकार बता रही है कि देश का सुनहरा दौर आ गया है लेकिन मैं आपसे जानना चाहती हूं कि यह सुनहरा दौर आपकी चौखट तक क्यों नहीं पहुंचा, आपके जीवन में क्यों नहीं पहुंचा है? आप तो गरीब के गरीब हैं आप अपने जीवन के संघर्षों में जूझ रहे हैं आपके घरों में और दमोह में आज भी पानी की किल्लत है। आज लोग बुंदेलखंड से पलायन क्यों कर रहे हैं? भाजपा ने 18 साल महिलाओं को बेवकूफ बनाया और चुनाव से दो महीने पहले स्कीम लेकर आ गये लेकिन उनकी झूठ की गारंटी अब नहीं चलने वाली हैं। क्योकि अब मप्र में कांग्रेस की सरकार बनने वाली है और हमारी गारंटी पर इसलिए भरोसा कीजिए, क्योंकि कमलनाथ जी ने 15 महीने में गारंटियां पूरी करके दिखायी, कांग्रेस सरकारों ने हिमाचल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन लागू की, कांग्रेस की सरकार बनने पर मप्र में भी होगी, कांग्रेस सरकार गेहूं का 2600 रू और धान का 2500 रू. समर्थन मूल्य देगी। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज मैं यहां मध्य प्रदेश के चुनाव को लेकर आपके बीच में आई हुई हूं। आज नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप के बीच आपको निर्णय लेना है कि आप किसका समर्थन करेंगे। मैं यहां बातें करने आई हूं ना की भाषण देने। हम जनगणना की बात करते हैं, इस देश में ओबीसी वर्ग, अनसूचित जाति और दलित वर्ग के लोग कितने हैं? आप आज देखेंगे कि देश के सभी बड़े मीडिया संस्थान, सभी यूनिवर्सिटी और सभी सरकारी संस्थानों में ओबीसी वर्ग और एससी, एसटी वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं है। जब हम जातिगत जनगणना करने की बात करते हैं और न्याय देने की बात करते हैं तो यह सरकार यह काम नहीं करना चाहती है, बल्कि बड़े-बड़े इवेंट करके और मीडिया के माध्यम से आप सभी को बताती है कि हम ओबीसी के लिए, हम दलित के लिए, हम आदिवासियों के लिए काम कर रहे हैं। आरोपों के बाद प्रियंका ने साफ किया कि मैं आपसे वोट मांगने नहीं आई हूं, क्योंकि मुझे पता है कि जब आप सोच विचार करके 17 तारीख को वोट देने जाएंगे तो आप कांग्रेस को ही वोट करेंगे ही और हमारे वचन पत्र को ध्यान में रखकर जब आप वोट करेंगे तो अपने आगे आने वाली पीढ़ियों और प्रदेश के भविष्य को भी सुरक्षित करने का काम करेंगे और अपने बुंदेलखंड को सुरक्षित रखने का काम भी करेंगे।
तो आरोप-प्रत्यारोप के दौर में जहां भाजपा और कांग्रेस के दावे अपनी-अपनी सरकार बनाने के हैं, तो मतदाता गुलाबी ठंड में अपने मन को सुकून से फैसला लेने का पूरा मौका दे रहा है। वहीं गुलाबी ठंड में ही राजनीति धीरे-धीरे गरमाती जा रही
है…।