भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
भिंड: जिले के मेहगांव कस्बे में गणेश विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा हो गया। गणेश विसर्जन के समय मेहगांव कस्बे के निकट ही स्थित तालाब में नहाने गए 10 से 12 साल की उम्र के 4 बच्चों की डूबने से मौत हो गई। एक स्थानीय युवक करू चौधरी द्वारा अपने साथियों के साथ तत्काल रेस्क्यू कर चारों बच्चों के शवों को निकाला गया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, और बच्चों को अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि एक बच्चे के परिजन उसे ग्वालियर लेकर गए लेकिन रास्ते से वापस लौट आये। सूचना मिलते ही मेहगांव थाना प्रभारी डीबीएस तोमर भी अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और वह खुद भी वर्दी उतारकर तालाब में कूद गए। क्योंकि आशंका जताई जा रही थी कि तालाब में कुछ और भी बच्चे डूबे हो सकते हैं। ऐसे में थाना प्रभारी ने खुद तालाब में कूदकर बच्चों की तलाश की। चार बच्चों की मौत की पुष्टि पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई है जिनमें दो सगे भाई भी शामिल हैं। सभी बच्चों की उम्र महज 10 से 12 साल बताई जा रही है।
प्रशासन द्वारा बच्चों के परिजनों को तत्काल 10-10 हजार रुपये की सहायता रेडक्रॉस से दिलवाई गई है। जबकि जान जोखिम में डालकर बच्चों को पानी से निकालने वाले करू चौधरी को भी दस हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं राज्यमंत्री ने भी अपनी तरफ से 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की बात कही है।
बच्चों का रेस्क्यू करने वाले करू चौधरी का कहना है कि तालाब के किनारे हर साल गणेश विसर्जन होता है लेकिन पुलिस प्रशासन का कोई व्यक्ति मौके पर मौजूद नहीं था। सूचना दिए जाने के बावजूद पुलिस एक घंटे देरी से पहुंची। वहीं बच्चों को अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर भी आधा घंटे देरी से पहुंचे और एक बच्चे की सांसें चलने पर भी उसको मृत घोषित कर दिया गया। ऐसे में वह पूरी तरह पुलिस प्रशासन की लापरवाही मामले में बता रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह का कहना है कि स्थानीय शांति समिति की बैठक में निश्चित किया गया था कि इस तालाब में विसर्जन नहीं होगा और जो जगह विसर्जन के लिए निर्धारित की गई थीं वहां पर पुलिस प्रशासन के लोग मुस्तैद हैं। नदियों के किनारे तो लाइट और रस्सियों की व्यवस्था भी की गई है। वहीं स्थानीय विधायक प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री ओ पी एस भदौरिया ने भी घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा है कि वह पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। पीड़ित परिवारों को सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। वह भी सभी बच्चों के परिजनों को अपनी तरफ से 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
बाइट- मनोज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक