Posted for 26 Years : एक साल के लिए कलेक्टोरेट में पदस्थ करने का आदेश, पर 26 साल से वहीं टिके!

न विभाग ने बुलाया, न कलेक्टोरेट ने लौटाया, अब शिकायत पर सवाल!

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Posted for 26 Years : एक साल के लिए कलेक्टोरेट में पदस्थ करने का आदेश, पर 26 साल से वहीं टिके!

Indore : कलेक्टर ऑफिस के रूम नंबर 109 में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 स्टेनोग्राफर संतोष श्रीवास्तव पिछले 26 सालों से एडीएम के रीडर के रूप में कार्यरत हैं। आश्चर्य की बात यह है कि उन्हें मूल विभाग पशु चिकित्सा विभाग से केवल एक वर्ष के लिए रिडिप्लॉयमेंट आदेश जारी कर कलेक्टर ऑफिस अटैच किया गया था। लेकिन, न तो वे स्वयं अपने विभाग लौटे और न विभाग ने कभी उनकी वापसी की मांग की।
जानकारी के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर डॉ राजेश राजौरा ने श्रीवास्तव को एक वर्ष के लिए कलेक्टर ऑफिस में पदस्थ किया था। इसके बाद उन्हें एमओजी लाइन स्थित पशु चिकित्सा विभाग में लौटना था। लेकिन, दबाव-प्रभाव और अधिकारियों की अनदेखी के चलते श्रीवास्तव लगातार कलेक्टर ऑफिस में ही कार्यरत रहे। कई बार उनके स्थानांतरण आदेश जारी हुए, मगर किसी अधिकारी को यह नहीं बताया गया कि उनका रिडिप्लॉयमेंट अवधि कब की समाप्त हो चुकी है। अब एक जागरूक युवक ने शिकायत कर कलेक्टर को पत्र लिखते हुए इस मामले को उठाया है।

इसी रूम नंबर 109 में नगर निगम का मस्टर कर्मचारी अनिल तांतोड भी करीब 17 सालों से काम कर रहा है। खास बात यह है कि उसकी पदस्थापना से जुड़े किसी भी दस्तावेज का रिकॉर्ड कलेक्टर ऑफिस में उपलब्ध ही नहीं है। जब सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी गई, तो लोक सूचना अधिकारी ने टालमटोल करते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया।

अब सवाल यह है कि क्या कलेक्टर ऑफिस दोनों कर्मचारियों स्टेनोग्राफर संतोष श्रीवास्तव और निगम कर्मचारी अनिल तांतोड को उनके मूल विभागों में वापस भेजेगा या फिर वर्षों से चली आ रही यह व्यवस्था यूं ही जारी रहेगी। यह मामला विभागीय कार्यप्रणाली और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।