भविष्यवाणियां फेल, आस्ट्रेलिया ने जीता  दिल और खेल…

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भविष्यवाणियां फेल, आस्ट्रेलिया ने जीता  दिल और खेल…

भविष्यवाणियां अगर एक अनुमान भर हैं, तब तक सब ठीक है। पर यदि भविष्यवाणी सच होने के दावे के साथ की जाए तो यह कभी भी फेल हो सकती है। इसका उदाहरण भारत-आस्ट्रेलिया के बीच 19 नवंबर 2023 को भारत के अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हो रहा विश्व कप क्रिकेट का फाइनल मैच है। मैच को लेकर भविष्यवाणियों की बाढ़ सी आ गई थी। ज्यादातर भविष्यवाणी रोहित शर्मा के नेतृत्व में खेल रही भारतीय टीम को विश्व कप का विजेता बता रही थीं। काश यह बात सही हो जाती, पर दु:ख की बात यह कि भविष्यवाणियों को 19 नवंबर के क्रिकेट विश्व कप के फाइनल के खेल ने आइना दिखा दिया है। और यह जता दिया है कि किसी भी खेल का परिणाम भविष्यवाणियों का मोहताज नहीं है, बल्कि यह समय, काल और परिस्थितियों में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर है और इसके बारे में पहले अनुमान तो लगाए जा सकते हैं, पर जीत-हार को पत्थर की लकीर की तरह अमिट साबित करने का वहम नहीं पाला जा सकता। ज्यादातर भविष्यवाणियां गलत साबित हो गईं हैं और आस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के श्रेष्ठ प्रदर्शन और हैड की सुपर-डुपर बल्लेबाजी ने विश्व कप में अजेय रही भारत की रोहित इलेवन की टीम को हार का स्वाद चखने पर मजबूर कर दिया।

क्या बल्लेबाजों शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर इस हार के हीरो हैं? या फिर केएल राहुल की टिकाऊ टुक-टुक हाफ सेंचुरी और सूर्यकुमार का फ्लॉप और रवींद्र जडेजा का हाफ फ्लॉप प्रदर्शन भारत की हार की वजह बन गया। या फिर यूं कहें कि शमी, सिराज और बुमराह का प्रदर्शन नरेंद्र मोदी स्टेडियम में धराशायी हो गया। मैच का पूरा मजमून यही रहा कि न तो भारत टॉस जीता, न ही भारत के बल्लेबाज बड़ा स्कोर खड़ा कर पाए और बाउंड्रीज को तो मानो तरसते रहे और उसी तरह इस विश्व कप में अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवा चुके गेंदबाजों ने शुरुआत में तीन विकेट लेकर फीलगुड कराया और उसके बाद फीलबैड की भेंट देकर रवाना हो गए। अंपायर रिचर्ड केटलबोरो हर दफा की तरह एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अनलकी साबित हुए।

और रविवार की तरह ही भारत की विश्व कप विजेता बनने से छुट्टी हो गई। पर खेल को खेल भावना से ही खेला जाना चाहिए और जीत-हार को समभाव से स्वीकार करने का जज्बा रखना चाहिए। फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि भविष्यवाणियां फेल हो गईं और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम फाइनली विश्व कप जीत ही गई। पूरा मैच देखने वालों को यह समझ में आ गया कि 19 नवंबर 2023 का दिन न तो भारतीय गेंदबाजों का था और न ही भारतीय बल्लेबाजों का रहा। यह दिन तो बस आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का था। यह दिन आस्ट्रेलिया के गेंदबाजों का था और यह दिन आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों का भी था। उन्होंने ही टॉस जीता और अंततः वही क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीतने में सफल हो गए। 240 के स्कोर पर पहले भारतीय‌ क्रिकेट टीम ढेर हो गई और बाद में चार विकेट लेकर भारतीय‌ गेंदबाजों ने जीत आस्ट्रेलिया को भेंट कर दी। और यह दिन उन सभी भविष्यवाणियां करने वाले ज्योतिषियों को भी आइना दिखा गई जो पूरे तौर पर भारत को खेलने से पहले ही विश्व विजेता घोषित कर चुके थे।

तुलसीदास जी की रामचरित मानस की एक चौपाई मन को छू रही है। राम के वनवास से बेहद विचलित राजा भरत ने गुरु वशिष्ठ से पूछा कि गुरुवर राम-सीता का विवाह शुभ मुहूर्त में हुआ। राज्याभिषेक का मुहूर्त भी प्रकांड विद्वान त्रिकालदर्शी गुरुजनों ने निकाला। तब राम-जानकी को सिंहासन की बजाय वनवास क्यूं मिला? तमाम शास्त्र विफल कैसे हो गए?

तब गुरु वशिष्ठ ने भरत को बैठाया और शांत भाव से मुस्कुराते हुए कहा :-
सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलखी कहेहूं मुनिनाथ, हानि लाभ जीवन मरण, जस अपजस विधि हाथ।
अर्थात जो विधि ने निर्धारित किया वह होकर रहेगा। विधि के लिखे को न शास्त्र बदल सकते हैं, न ज्योतिष, न भाग्य, न वर्तमान। यह सब विधि अर्थात विधाता के हाथ है। इस अनादि ब्रह्म के नियंता विधाता ने जो लिख दिया सो लिख दिया। मुहूर्त में भला इतनी शक्ति कहां कि वह विधि का लेख बदल दे। होनी प्रबल है और घटकर रहेगी। यह चौपाई बस इस संदर्भ में कि विधाता भविष्यवक्ताओं की मुट्ठी में कैद नहीं है।

हालांकि यहां विश्व कप के संदर्भ में यही कहा जा सकता है कि “कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा”। रामचरित मानस की यह खूबसूरत चौपाई कर्म के महत्व को बताती है। इसमें गोस्वामी तुलसीदास कर्म के महत्व को बता रहे हैं। वे कहते हैं यह जगत, यह विश्व कर्म प्रधान है… जो व्यक्ति जैसा करता है उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है। अगर आपने कर्म अच्छा किया है तो उसका शुभ फल आपको हर हाल में मिलेगा लेकिन अगर आपके कर्म बुरे हैं तो उसके बुरे परिणामों से भी आप स्वयं को बचाकर नहीं रख सकते। तो 19 नवंबर 2023 को आस्ट्रेलिया के क्रिकेट खिलाड़ियों का खेल अच्छा था और इसीलिए वह जीत के हकदार थे।

पर एक बात साफ नजर आ रही है कि 2023 के विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर की गई भविष्यवाणियां भी अब संदेह के दायरे में आ गई हैं। कोई कांग्रेस को जिता रहा है तो कोई भाजपा की सरकार बनवा रहा है। तो कांग्रेस को जिताने वाली भविष्यवाणियों से भाजपाई परेशान न हों और भाजपा को जिताने वाली भविष्यवाणियों से कांग्रेसी निराश न हों। 3 दिसंबर 2023 को होने वाली मतगणना ही सच बताएगी कि किसका परफोर्मेंस कैसा रहा। किसका दिल टूटा और किसने वास्तव में मतदाताओं का दिल जीता…।