Prime Minister’s Museum and Library: नेहरू मेमोरियल और लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदला, अब इस नाम से पहचाना जायगा !

819

नेहरू मेमोरियल और लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदला, अब इस नाम से पहचाना जायगा !

नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब से प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी के नाम से जाना जाएगा. इसके लिए आधिकारिक तौर पर बदलाव कर दिया गया है.नेहरु स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (Nehru Memorial Museum & Library (NMML)) नयी दिल्ली स्थित एक संग्रहालय एवं पुस्तकालय है। इसका लक्ष्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम संजोना तथा उसका पुनर्निर्माण अकरना है। यह तीन मूर्ति भवन के प्रांगण में स्थित है। इसकी स्थापना १९६४ में जवाहरलाल नेहरू के देहान्त के उपरान्त किया गया।1929-30 के दौर में बना तीन मूर्ति हाउस पहले भारत में कमांडर इन चीफ का आधिकारिक निवास था। आजादी के बाद ये तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बना। 1964 में अपने निधन तक नेहरू करीब 16 साल तक यहीं रहे थे। इसके बाद की सरकार ने नेहरू को समर्पित करते हुए इस भवन में एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव रखा। इसी के बाद नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन हुआ और NMML सोसायटी की स्थापना हुई।

nehru museum pti 1692109481

नाम बदलने को लेकर रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी से मंजूरी मिल गई है. दरअसल, नाम बदलने की घोषणा पहले ही कर दी गई थी, लेकिन अब जाकर मंजूरी मिली है. जून में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नाम बदलने को लेकर फैसला हुआ था. उस बैठक में केंद्र सरकार के कई मंत्री शामिल थे और बैठक के बाद नाम बदलने पर निर्णय लिया गया था.

हालांकि आधिकारिक रूप से बदलाव अब जाकर हुआ है, जिसके लिए जून में जनरल बॉडी में रेज्युल्यूशन पास हुआ और फिर रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी से अप्रूवल मिला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में तीन मूर्ति परिसर, नई दिल्ली में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार रखा था. एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद ने 25-11-2016 को आयोजित अपनी 162वीं बैठक में तीन मूर्ति एस्टेट में सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय के निर्माण परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. तीन मूर्ति एस्टेट में सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय के निर्माण की परियोजना पूरी हो गई और प्रधानमंत्री संग्रहालय को 21 अप्रैल 2022 से आम जनता के लिए खोल दिया गया.

नाम बदलने के प्रस्ताव का राजनाथ सिंह ने किया था स्वागत

एनएमएमएल कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने प्रधानमंत्री संग्रहालय पर जोर देते हुए कहा था कि यह लोकतंत्र के प्रति देश की प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है और संस्था का नाम इसके नए स्वरूप को प्रतिबिंबित करना चाहिए. रक्षा मंत्री और सोसाइटी के उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नाम बदलने के प्रस्ताव का स्वागत किया था. उन्होंने कहा था अपने नए रूप में यह संस्थान जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान और उनके सामने आने वाली तमाम चुनौतियों से निपटने की उनकी रणनीति को प्रदर्शित करता है.

प्रधानमंत्री पद को एक संस्था बताते हुए और तमाम प्रधानमंत्रियों की यात्रा की तुलना इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों से करते हुए राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया था कि एक इंद्रधनुष को सुंदर बनाने के लिए उसमें सभी रंगों का आनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए. इस प्रकार हमारे सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को सम्मान देने के लिए इस प्रस्ताव के द्वारा इसे नया नाम दिया गया है और यह लोकतांत्रिक भी है.