Principal Suspended: महिला प्राचार्य निलंबित, सचिव के निरीक्षण के साढ़े 8 माह बाद अब राज्य शासन जागा, जारी किए आदेश

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Principal Suspended: महिला प्राचार्य निलंबित, सचिव के निरीक्षण के साढ़े 8 माह बाद अब राज्य शासन जागा, जारी किए आदेश

रायपुर। Principal Suspended: छत्तीसगढ़ में एक महिला प्राचार्य को राज्य शासन ने सस्पेंड कर दिया है। निलंबन का यह आदेश सचिव के निरीक्षण, जिसका उल्लेख आदेश में किया गया है, के साढ़े 8 माह बाद अब जारी हुआ है। अगर यही कारण था तो सरकार ने इस आदेश को अभी तक क्यों रोक के रखा,यह जन चर्चा का विषय बना हुआ है।

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इस संबंध में जारी आदेश में बताया गया है कि प्रदेश के स्कूल शिक्षा सचिव ने यह निरीक्षण 31 जनवरी 2025 को किया था। इस आकस्मिक निरीक्षण के बाद पीएम श्री स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम विद्यालय गरियाबंद की प्राचार्य वंदना पांडे को अब निलंबित कर दिया गया है।

आदेश में बताया गया है कि सचिव के निरीक्षण के दौरान शैक्षणिक गुणवत्ता बेहद निम्न स्तर की पाई गई थी। साथ ही विद्यालय की साफ-सफाई, फर्नीचर व्यवस्था और प्रयोगशाला की स्थिति भी असंतोषजनक मिली थी।

निरीक्षण में पाया गया कि कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक स्तर अपेक्षाकृत कमजोर है।विद्यालय में पर्याप्त कमरे उपलब्ध होने के बावजूद प्रयोगशाला एक ही कक्ष में संचालित की जा रही थी और प्रायोगिक कार्य के लिए उपयोगी सामग्री खराब अवस्था में थी। स्कूल परिसर में साफ-सफाई की कमी और फर्नीचर का अस्त-व्यस्त होना भी पाया गया।इन कमियों के मद्देनजर शासन ने माना कि प्राचार्य वंदना पांडे द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता प्रदर्शित की गई है। उनका यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम तीन के विपरीत गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है।

इसी आधार पर राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय रायपुर संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय में निर्धारित किया गया है।

हालांकि, निलंबन आदेश के समय को लेकर विभाग में सवाल उठ रहे हैं। निरीक्षण जनवरी 2025 में हुआ था, जबकि कार्रवाई अक्टूबर में की गई है।

शिक्षा विभाग के भीतर यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि जब निरीक्षण स्वयं शासन स्तर से किया गया था, तो कार्रवाई में देरी क्यों की गई। कई अधिकारी यह भी मानते हैं कि निरीक्षण के तत्काल बाद निलंबन कर नए प्राचार्य की नियुक्ति से शैक्षणिक सत्र में सुधार किया जा सकता था।