Promotion by Seniority Demanded: विधानसभा में उच्च पदों के प्रभार के समय से वरिष्ठता प्रदान कर पदोन्नत करने की मांग

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Promotion by Seniority Demanded: विधानसभा में उच्च पदों के प्रभार के समय से वरिष्ठता प्रदान कर पदोन्नत करने की मांग

भोपाल. मध्यप्रदेश में पदोन्नति पर रोक होंने के कारण विधानसभा में वर्ष 2017 से अधिकारियों-कर्मचारियों को एक उपर के पद का प्रभार देकर महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्य कराए जा रहे है। मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि विधानसभा में जब से कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार दिया गया है उसी सतय से वरिष्ठता प्रदान करते हुए पदोन्न्ति प्रदान की जाए।

मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय कर्मचारी संघ के संरक्षक रामनारायण आचार्य और अध्यक्ष धनश्याम सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन देकर कहा है कि मध्यप्रदेश में विभिन्न विभागों के 129 अधिकारियों और कर्मचारियों को सशर्त पदोन्नति दी गई है। ये सभी पदोन्नतियां सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन दी गई है। मध्यप्रदेश शासन के बजट सत्र में अभिभाषण में चर्चा के दौरान राज्यपाल ने सभी विभागों में पदोन्नति देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारियों को पदोन्नति दिए जाने के संबंध में घोषणा की है।

मध्यप्रदेश में 2016 से पदोन्नति के मामले में रोक लगी हुई है। न्यायालय ने पदोन्नति में किसी भी प्रकार से रोक नहीं लगाईं थी किन्तु राज्य शासन ने न्यायालय के माध्यम से पदोन्नतियों पर रोक लगा दी इस कारण प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त होते रहे, वहीं 35 बर्षो की सेवा उपरांत चतुर्थ समयमान वेतनमान दे दिया गया किन्तु उसमें भी भेदभाव किया गया क्योंकि सचिवालियिन लिपिकों को यह वेतनमान आज तक स्वीकृत नहीं किया गया।

आचार्य का कहना है कि मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय संवैधानिक विधायिका की स्वतंत्र संस्था है यहाँ की कार्यप्रणाली अन्य विभाग अध्यक्षों कार्यलयों से भिन्न है जब पदोन्नति पर रोक लगी हुई थी तथा विधानसभा सचिवालय में अनुभवी अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे थे इस परिस्थितियों में वर्ष 2017 में विधानसभा सचिवालय में अधिकारी कर्मचारियों को एक ऊपर पद का प्रभार देकर महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था का कार्य कराया जा रहा है। यहाँ मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे है विना पदोन्नति के साथ निराशा भी है। इस मामले में तत्काल केबिनेट में प्रस्ताव पारित कर पदोन्नति के आदेश जारी किये जाने चाहिए। उन्होंने वर्ष 2016 से ही पदोन्नति देने की मांग की है।

आचार्य का कहना है कि मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय कर्मचारी संघ भोपाल द्वारा मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री वित्त, संसदीय कार्य मंत्री तथा अध्यक्ष मध्यप्रदेश विधानसभा को पत्र देकर वर्ष 2017 अप्रैल, में जो प्रभार दिया गया है उसी समय से वरिष्ठता प्रदान करने के साथ पदोन्नति की मांग की जा रही है।