Property Damage Recovery Act : फाइनल ड्राफ्ट में नुकसानी से दोगुनी राशि वसूली का प्रावधान

714

Bhopal : प्रदेश में धरना, प्रदर्शन या दंगे के दौरान पत्थरबाजी करने वाले या सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार जल्दी ही कानून बनाने जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने ‘लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली अधिनियम-2021’ का ड्राफ्ट फाइनल कर लिया है। इसके मुताबिक यदि विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने किसी सरकारी अथवा निजी चल-अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, तो उनसे दोगुनी राशि की वसूली होगी। जरूरत पड़ने पर आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान भी है। इस विधेयक का उद्देश्य उन आंदोलनकारियों को रोकना होगा, जो दूसरे की संपत्ति या शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं।

नए कानून के तहत ट्रिब्यूनल का गठन होगा, जिसका अधिकार क्षेत्र प्रदेश के सभी जिलों तक रहेगा। इसमें रिटायर्ड जज को कमिश्नर बनाया जा सकता है, जबकि आईजी व सचिव रैंक के रिटायर्ड अफसर मेंबर होंगे धरना-प्रदर्शन और दंगों में सरकारी संपत्ति को नुकसान होने पर कलेक्टर और निजी संपत्ति को नुकसान होने पर संपत्ति मालिक ट्रिब्यूनल में जानकारी देंगे।

ट्रिब्यूनल में जिला स्तर पर क्लेम कमिश्नर होगा, जिसका काम एडिशनल अथवा डिप्टी कलेक्टर को सौंपा जाएगा। सरकारी संपत्ति के नुकसान की शिकायत कार्यालयीन अफसर और निजी संपत्ति की शिकायत मालिक करेगा। इसके आधार पर घटना में दोषियों के खिलाफ ट्रिब्यूनल कार्रवाई करेगा। उनसे वसूली कर सरकारी कोष या निजी व्यक्ति के खातों में राशि जमा कराएगी। इसकी अपील केवल हाईकोर्ट में ही होने का प्रावधान किया गया है। ट्रिब्यूनल को भू राजस्व संहिता के अधिकार होंगे और उसके तहत ही वे अपना काम करेंगे।

शिकायत के बाद क्लेम कमिश्नर मौके पर जाकर फोटोग्राफ व नुकसान की रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को देगा। इसी आधार पर ट्रिब्यूनल फैसला देगा। क्लेम कमिश्नर उसका पालन कराएगा। ट्रिब्यूनल को मजबूती देने के लिए इसके फैसले को चुनौती सिर्फ हाईकोर्ट में ही दी जा सकेगी। वसूली देने में आनाकानी हुई तो संबंधित व्यक्ति की संपत्ति की नीलामी भी हो सकती है।

 

‘लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली अधिनियम-2021’ का ड्राफ्ट

 

(1)  लोक व्यवस्था की अशांति के दौरान संपत्तियों को पहुंचाए गए नुकसान की वसूली तथा तक किए गए नुकसान का निर्धारण करने तथा प्रतिकर अधिनिर्णीत कर नुकसान करने वाले आंदोलनकारियों /  प्रदर्शनकर्ताओं से प्रतिकर की वसूली हेतु दावा अधिकरण का गठन करने तथा उससे अनुषांगिक विषयों के लिए उपबंध के तारतम्य में उक्त विधेयक महत्वपूर्ण है।

(2)  इस विधेयक में ऐसी समस्त सरकारी अथवा निजी संपत्ति की नुकसानी की वसूली की जा सकेगी जो सांप्रदायिक दंगों, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गई है। इनमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय के साथ ही सरकारी संस्थाओं, कंपनियों की संपत्ति नुकसानी भी शामिल है।

(3) राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्र तथा ऐसी अवधि के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन अधिसूचित कर सकेगी, जो इस विधेयक में उल्लेखित सरकारी अथवा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में प्रतिकर नियत कर सकें।

(4) राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त जिला जज एवं राज्य सरकार से सेवानिवृत्त सचिव को क्लेम ट्रिब्यूनल में नियुक्त किया जा सकेगा।

(5) सरकारी संपत्ति पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा, निजी संपत्ति के नुकसान पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रण कर्ता क्लेम ट्रिब्यूनल के समक्ष 30 दिन में में आवेदन कर सकेंगे।

(6) क्लेम ट्रिब्यूनल ऐसे क्लेम कमिश्नर को नियुक्त कर सकेगा, जो उसे नुकसानी के संबंध में जांच में मददगार हो सके।

(7)  क्लेम ट्रिब्यूनल द्वारा अवार्ड पारित कर नुकसानी की वसूली संपत्ति नुकसान करने वाले व्यक्ति के साथ ही इसे नुकसान पहुंचाने वाले कृत्य को उकसाने वाले अथवा उत्प्रेरित करने वाले व्यक्तियों से भी किया जा सकेगा। क्लेम ट्रिब्यूनल मूल नुकसानी की दो गुना तक के अवार्ड पारित कर सकेंगे। साथ ही अवार्ड पारित होने के 15 दिवस में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को क्लेम ट्रिब्यूनल प्रकरण में हुए खर्च की वसूली के आदेश भी देने होंगे।

(8) क्लेम ट्रिब्यूनल को हर्जाना / मुआवजे का निर्धारण यथासंभव आवेदन के 3 माह में करना आवश्यक होगा।

(9) क्लेम ट्रिब्यूनल को कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर 1908 के अंतर्गत सिविल कोर्ट के अधिकार एवं शक्तियां वेष्ठित होंगी।

(10) क्लेम ट्रिब्यूनल द्वारा नुकसानी की वसूली का अवार्ड घोषित किए जाने के 15 दिवस में राशि जमा नहीं करने पर क्लेम ट्रिब्यूनल जिला कलेक्टर को प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे तथा जिला कलेक्टर भू-राजस्व के बकाया की वसूली के लिए संबंधितों की चल-अचल संपत्ति की कुर्की एवं नीलामी कर उक्त राशि वसूल कर हर्जाना / नुकसानी का अवार्ड अनुसार जिन्हें नुकसानी हुई है, उन्हें विधिवत भुगतान करेंगे।

(11) पुलिस द्वारा अपराध घटित होने पर अपराध की कार्यवाही इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही बाधित नहीं होगी। (12) क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश केवल उच्च न्यायालय के अवार्ड पारित होने के 90 दिन में चैलेंज किए जा सकेंगे।