Property Guide Line : प्रॉपर्टी की गाइड लाइन वहीं बढ़ेगी, जहां खरीदी-बिक्री ज्यादा हुई!

रजिस्ट्रार ऑफिस के कर्मचारी जानकारी इकट्ठा कर रहे!

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Property Guide Line : प्रॉपर्टी की गाइड लाइन वहीं बढ़ेगी, जहां खरीदी-बिक्री ज्यादा हुई!

Indore : नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत में शहर के कई क्षेत्रों की गाइडलाइन बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए पंजीयन विभाग ऐसा डाटा एकत्रित कर रहा हैं, जहां प्रॉपर्टी की खरीदी-ब्रिकी ज्यादा होती है। उन क्षेत्रों का डाटा भी जमा किया जा रहा हैं, जहां कलेक्टर रेट से भी अधिक में रजिस्ट्रियां हुई। इन सब पर मंथन के बाद नई गाइडलाइन जारी की जाएगी।

रजिस्ट्रार ऑफिस के कर्मचारी शहर के ऐसे क्षेत्रों की जानकारी एकत्रित कर रहे हैं, जहां पिछले साल प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री अधिक हुई है। खासतौर पर ऐसे क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है, जो कर्मशियल हैं। जहां आवासीय प्लॉट और फ्लैट भी बहुत महंगे बिकते हैं। बीत वर्ष में यहां प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री भी कलेक्टर गाइडलाइन से अधिक कीमत पर हुई है। कारोबारी ऐसे क्षेत्रों में मुहंमांगे दामों पर संपत्ति खरीदना भी चाहते हैं।

ऐसे क्षेत्रों में गाइडलाइन बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, क्योंकि संपत्तियों की खरीदी-बिक्री से शासन को राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त होता है। साथ ही नया वित्तीय वर्ष शुरू होने में अब केवल ढाई महीने बचे हैं। ऐसे में प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री भी अधिक होती है।

एक वर्ष को बनाएंगे आधार

विभागीय सूत्रों मुताबिक गाइडलाइन बढ़ाने के लिए बीते एक वर्ष में हुई संपत्तियों की खरीदी-बिक्री को आधार बनाया जाएगा। शहर के मध्य क्षेत्र से लेकर पूर्वी और पश्चिमी भाग के ऐसे क्षेत्रों का डाटा भी एकत्रित किया जा रहा है, जहां व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन अधिक होता है। इसके साथ ही ऐसे पॉश इलाकों की भी जानकार जुटाई जा रही है, जो सुविधा संपन्न क्षेत्र माने जाते हैं। इन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी खरीदना मध्यम वर्ग के लोग भी चाहते हैं। इनके अलावा जहां प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री कम हुई है वहां गाइडलाइन यथावत रखी जा सकती है।

गतिविधियां बढ़ाने की योजना

सूत्र बताते हैं कि जिन क्षेत्रों में वर्तमान में खेती-किसानी की जा रही है और वहां उद्योगों की स्थापना की जा सकती है। ऐसे क्षेत्रों में भी गाइडलाइन का निर्धारण किया जा सकता है, ताकि वहां व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। ऐसे क्षेत्र, जहां निवेश की संभावना अधिक है या व्यावसायिक गतिविधियों का विस्तार हो सकता है, वहां भी कलेक्टर गाइड लाइन बढ़ाई जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिले में बीते एक वर्ष में हुई रजिस्ट्री का अध्ययन करके प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। इन प्रस्तावित दरों पर केंद्रीय मूल्यांकन समिति विचार कर अंतिम निर्णय लेगी। हालांकि गाइड लाइन का निर्धारण पिछले साल के अनुभव और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए जिलों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।