Indore : नगर निगम सीमा क्षेत्र में बीड़ी-सिगरेट और तंबाखू उत्पाद बेचने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता (Requirement of License to sell Tobacco Products) किए जाने की सुगबुगाहट के बीच आज बड़ी संख्या में पान विक्रेता नगर निगम कार्यालय पहुँचे। उन्होंने ज्ञापन सौंपकर इसका कड़ा विरोध किया (Strongly Opposed it by Submitting a Memorandum) और अपनी समस्याओं से नगर निगम के अधिकारियों को अवगत करवाया। निगम अधिकारियों ने ज्ञापन लेकर पान विक्रेताओं को आश्वासन दिया है। इंदौर में करीब 25 से 30 हजार पान वाले हैं।
नगर निगम क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए प्रस्तावित लाइसेंस सिस्टम (Proposed License System) का पान विक्रेताओं ने कड़ा विरोध किया। इसके विरोध में पान विक्रेता लामबंद हो गए हैं। आज बड़ी संख्या में पान विक्रेता नगर निगम कार्यालय पहुंचे और पान विक्रेताओं की समस्याओं को लेकर निगम अधिकारियों से बात की।
पान विक्रेताओं का कहना है कि पान विक्रेता रोजमर्रा की जरूरत का सामान बिस्कुट, सॉफ्ट ड्रिंक, मिनरल वाटर, बीड़ी-सिगरेट आदि बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इस व्यवसाय में ज्यादातर गरीब वर्ग से जुड़े लोग (Mostly People Belonging to Poor Class) हैं। उन्होंने अपनी दुकान चलाने के लिए कर्ज लिया है इतने तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए यदि कोई लाइसेंस सिस्टम बनाया जाता है, तो इन गरीब वर्ग के लोगों पर प्रतिकूल असर (Adverse Effect on Poor People) पड़ेगा।
पान विक्रेताओं संघ के अध्यक्ष रत्नेश उपाध्याय ने कहा कि इंदौर में ही 25 से 30 हज़ार छोटे-बड़े पान विक्रेता (25 to 30 Thousand Small and Big Paan Vendors in Indore) है! इन्हें सड़क पर व्यवसाय करने का लाइसेंस कैसे देगी नगर निगम!
पान विक्रेताओं का यह भी कहना है कि यदि लाइसेंस अनिवार्य किया जाता है तो कई पान विक्रेता अपना काम बंद कर देंगे और उनके परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट (Livelihood Crisis) भी खड़ा हो जाएगा। लाइसेंस की अनिवार्यता के विरोध में पान विक्रेताओं ने ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया और नगर निगम से मांग की है कि ऐसा कोई सिस्टम नहीं बनाया जाए जिससे पान विक्रेताओं को परेशानियों का सामना करना पड़े।