अधिक वर्क लोड से 60 फीसदी रेल कर्मियों की आन ड्यूटी मौत के आरोप संग हुआ विरोध प्रदर्शन
*संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की इटारसी जंक्शन से विशेष रिपोर्ट*
इटारसी। रेलवे कर्मचारियों से क्षमता से ज्यादा काम लेने का गंभीर आरोप आज इटारसी जंक्शन पर रेलवे यूनियन के पदाधिकारियों ने लगा दिया। उनके अनुसार यह अन्यायपूर्ण ही नहीं प्रकृति और मानवता के खिलाफ भी है। इस वजह से केवल 40% रेलकर्मी ही अपनी सर्विस पूरी कर रिटायर हो पाते हैं। शेष 60% की तो बीपी, डायबिटीज, कैंसर, हृदयविकार आदि से बीमार होकर आन ड्यूटी ही असमय मौत हो जाती है। यह खुला आरोप डब्ल्यूसीआरएमएस के मंडल कार्यकारी अध्यक्ष नितिन परमार ने प्रमुख रूप से लगाया है। वे रेलवे प्रशासन द्वारा क्रू लॉबी कर्मियों का लाइन बाक्स बंद करने के खिलाफ जारी आंदोलन में बोल रहे थे। प्लेटफॉर्म-1 पर स्टेशन प्रबंधक कार्यालय के सामने दोपहर को गार्ड, लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, ट्रेन मैनेज, रनिंग स्टाफ आदि क्रू लॉबी कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
इस अवसर पर संगठन के जोनल संयुक्त महामंत्री आरके शर्मा ने कर्मियों से अपील की जब भी अन्याय के खिलाफ संघर्ष की बात उठे सभी एकजुट रहें। चाहे वे जिस किसी भी यूनियन से जुड़े हों, किंतु सब कुछ अलग रख बस यही ध्यान रखें कि सबसे पहले वे सहकर्मी हैं। उन्होंने बताया kit लाइन बाक्स में डिटोनेटर, हैंडब्रेक, पटाखे आदि ट्रेन परिचालन व सतर्कता संबंधी ड्यूटी के लिए आवश्यक कई उपकरण होते हैं। जिन्हें रोजाना ढुलवाना क्रू कर्मियों पर अत्याचार करना ही है। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे ने अपने संबंधित आदेश को शीघ्र वापस नहीं लिया तो फिर हमें उग्र आंदोलन पर उतारू होना पड़ेगा। आंदोलन में बड़ी संख्या में रेलवे कर्मी उपस्थित रहे। शाम को डब्ल्यूसीआरएमएस के नेतृत्व में कर्मियों ने डीजल शेड में भी विरोध सभा का आयोजन किया। कुल मिलाकर रेलवे के क्रू लॉबी कर्मियों के लाइन बॉक्स बंद करने के आदेश के बाद काफी असंतोष व्याप्त है। जबलपुर जोन से जारी इस आदेश से बिफरे कर्मचारी आंदोलन पर उतर आए हैं। पूरे जोन में आंदोलन चल रहा है, जो 30 सितंबर तक जारी रहने की उम्मीद है। कर्मचारी काली पट्टी लगाकर काम कर रहे हैं। आंदोलन की शुरुआत नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) व वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (डब्ल्यूसीआरएमएस) के संयुक्त नेतृत्व में हुई है। जबलपुर जोन में भोपाल, जबलपुर व कोटा मंडल हैं। इनके तहत आने वाले सभी स्टेशनों के क्रू लॉबी कर्मी आंदोलन कर रहे हैं। इनमें लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व ट्रेन मैनेजर सहित रनिंग स्टाफ शामिल हैं। कर्मचारियों ने साफ कहा है कि अगर रेलवे प्रशासन ने इस संबंध में अपना फैसला नहीं बदला तो उग्र आंदोलन करेंगे।
कर्मचारियों के मुताबिक आदेश से परेशानी बढ़ेगी। डब्ल्यूसीआरएमएस के संतोष चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया कि लाइन बॉक्स बंद करने के आदेश जोनल स्तर पर हुए हैं। आदेश में कहा गया है अब कर्मी खुद की ट्रॉली में सामान रखकर लाएं और साथ ले जाएं। संगठन के महामंत्री अशोक शर्मा व मंडल अध्यक्ष राजेश पांडेय ने बताया कि लाइन बॉक्स में संबंधित कर्मी का ड्यूटी पर उपयोगी सामान रखा होता है। इसमें ट्रेन परिचालन से लेकर ब्रेक लगाने, रफ्तार धीमी-तेज करने सहित एहतियाती विस्फोटक सामग्री भी रहती है। सरकारी कामकाज का यह सामान संबंधित कर्मी अपने संग घर कैसे ले जा सकता है। कर्मचारियों के पास उनका अपना निजी सामान भी रहता है। एक साथ इतना सामान ढोकर लाना व्यावहारिक रूप से भी संभव नहीं है।
वहीं एक अन्य घटनाक्रम में यह रिपोर्ट बनाते समय रेलवे बोर्ड के एक आदेश पत्र के वायरल होने से यह भी माना जा रहा है कि रेलवे बोर्ड ने इलाहबाद उच्च न्यायालय के एक निर्णय के कारण उक्त आदेश वापस ले लिया है। अर्थात क्रू लॉबी कर्मियों का लाइन बॉक्स बंद करने संबंधी आदेश रेलवे बोर्ड ने वापस ले लिया है। बोर्ड ने यह निर्णय इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद लिया है। इस बारे में रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के जीएम को सर्कुलर जो भेजा है,वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सर्कुलर पर रेलवे बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर तेजेंद्र सिंह के हस्ताक्षर हैं। हालांकि रेलवे बोर्ड के इस सर्कुलर को लेकर क्रू लॉबी कर्मियों व उनकी यूनियनों में असमंजस की स्थिति है। संगठन के संतोष चतुर्वेदी का कहना है कि हमें इस बारे में जानकारी तो मिली है पर यह सब कोरे कागज पर है। यह फेक वायरल भी हो सकता है। जबकि सूत्रों के अनुसार यूनियन दफ्तर में यह चर्चा भी रही कि पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर रेलवे जोन के पीआरओ आलोक रजक ने सर्कुलर के सही होने की पुष्टि कर रहे हैं।