20 लाख की ठगी के बाद चेते PS PWD, साइबर फ्राड से बचने जारी की एडवाइजरी
भोपाल: ग्वालियर में लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार प्रताप सिंह से विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह के नाम पर बीस लाख रुपए की ठगी होंने के बाद अब खुद प्रमुख सचिव ने विभाग के तमाम अफसरों को साबर फ्राड से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है और सभी से कहा है कि यदि वाट्सएप, फेसबुक चेट पर अथवा फोन पर उच्च अधिकारी, जनप्रतिनिधि बन कर निचले अधिकारियों से पैसे ऐठने का प्रयास किया जाता है तो तत्काल पुलिस अथवा सायबर क्राइम शाखा को रिपोर्ट करना चाहिए।
दरअसल इसी रविवार को ग्वालियर में पीडब्ल्यूडी के ठेके लेने वाले एक ठेकेदार प्रताप सिंह तोमर के पास विभाग के ही निलंबित इंजीनियर प्रदीप अष्टपुत्रे के नाम से 9425119613 नंबर फोन आया और उसने उनसे कहा कि प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह उनसे बात करना चाहते है। उसने उन्हें 9038132863 नंबर दिया। उस नंबर पर बात की तो ठग ने खुद को पीएस बताते हुए चचेरे भाई के एक्सीडेंट के नाम पर दो बार में बीस लाख रुपए बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिए। वादे के मुताबिक बीस लाख रुपए शाम को वापस नहीं आए तो ठगी का पता चला। सायबर क्राइम पुलिस को इसकी शिकायत की गई जिससे दस लाख रुपए बच गए।
इसके बाद अब प्रमुख सचिव ने विभाग के सभी अधिकारियों को सायबर फ्राड से बचने एडवाइजरी जारी की है।
इसमें कहा गया है कि यदि किसी अंजान व्यक्त् िद्वारा किसी वरिष्ठ अधिकारी अथवा प्रतिनिधि के रुप में आपको निर्देशित करने का प्रयास किया जाता है एवं अनुचित लाभ प्राप्त करने की कोशिश की जाती है तो ऐसी जानकारी लोगों पर विश्वास न किया जाए। दूरभाष एवं मोबाइल पर प्राप्त सूचनाओं, निर्देशों अथवा दस्तावेजों पर विश्वास करने से पहले यह सुनिश्चित करे कि सूचना अथवा निर्देश देने वाला व्यक्त्ति अधिकृत व्यक्ति है या नहीं किसी प्रकार का संशय होंने पर आवश्यक छानबीन करे और सूचना, निर्देशों, दस्तावेजों का सत्यापन कराएं।
दूरभाष एवं मोबाइल फोन पर प्राप्त होने वाले ऐसे सभी निर्देशों जिनका संबंध वित्तीय लेनदेन अथवा महत्वपूर्ण शासकीय निर्णयों से है तो उनका सत्यापन करने के बाद ही नियमानुसार कार्यवाही करे। वाट्सएप एकाउंट कम्प्यूटर पर खोलने के बाद काम पूरा होंने पर लॉग आॅउट करे। ऐसा न करने पर उस एकाउंट, उस कम्प्यूटर पर बिना आॅथराइजेशन के पुन: उसे खोला जा सकता है और आपकी तरफ से कूट रचित संदेश प्रसारित किए जा सकते है। सोशल मीडिया का उपयोग करते समय अंजान व्यक्ति से प्राप्त होंने वाली फ्रेड रिक्वेस्ट एवं प्रलोभन देने, भय उत्पन्न करने वाली जानकारी को स्वीकार न करे। केवल प्रोफाइल फोटो, नाम एवं विवरण देख कर सोशल मीडिया एकाउंट का सत्यापन नहीं किया जा सकता। दुर्भावना अथवा अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए फेक प्रोफाइल बनाना आजकल आम बात है। इसलिए सोशल मीडिया पर प्राप्त जानकारी का सत्यापन किए बिना कोई कार्यवाही न करे। इस एडवाइजरी का उपयोग स्वयं करने और दूसरों से कराने के निर्देश प्रमुख सचिव ने दिए है।