Puja Khedkar Fired : UPSC ने पूजा खेडकर को IAS से निकाला, भविष्य में कोई परीक्षा भी नहीं दे पाएंगी!

अपनी जांच में UPSC ने उन्हें धोखाधड़ी और जालसाजी का दोषी पाया!

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Puja Khedkar Fired : UPSC ने पूजा खेडकर को IAS से निकाला, भविष्य में कोई परीक्षा भी नहीं दे पाएंगी!

New Delhi : महाराष्ट्र कैडर की विवादास्पद ट्रेनी आईएएस पूजा खेड़कर को यूपीएससी ने नौकरी से वंचित कर दिया। उन्हें अपनी ट्रेनिंग पूरी होने से पहले ही निकाल दिया गया। उन पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगे थे, जो जांच में सही पाए गए। UPSC ने पाया कि पूजा खेडकर ने नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए, उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से भी रोक दिया गया। UPSC ने उपलब्ध रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच की और पाया है कि वह CSE-2022 नियमों के प्रावधानों के विपरीत काम करने की दोषी पायी गई हैं।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बुधवार को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने की घोषणा की। सरकार ने एक बयान में कहा कि UPSC ने उपलब्ध रिकॉर्ड की सावधानी से जांच की है और पाया कि वे CSE-2022 नियमों के प्रावधानों के विपरीत काम करने की दोषी हैं। CSE-2022 के लिए उनकी प्रशिक्षण अवधि में ही उम्मीदवारी रद्द कर दी। साथ ही उन्हें UPSC की भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से भीस्थायी रूप से वंचित कर दिया गया।

माता-पिता का नाम बदला
पूजा खेडकर ने न केवल अपना नाम बदला, बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल दिया। UPSC ने पुष्टि की कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है कि भविष्य में ऐसा मामला दोबारा न हो। बयान में कहा गया कि पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले की पृष्ठभूमि में UPSC ने वर्ष 2009 से 2023 तक यानी 15 सालों से CSE के 15,000 से अधिक अंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवारों के उपलब्ध आंकड़ों की पूरी तरह से जांच की है। यह देखा गया कि उन्होंने कितने प्रयासों का लाभ उठाया। इस पूरी कवायद के बाद पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले को छोड़कर कोई अन्य उम्मीदवार CSE नियमों के तहत अनुमत से अधिक प्रयासों का लाभ उठाते हुए नहीं पाया गया।

क्या था पूरा विवाद
34 वर्षीय पूजा खेडकर अलग कार्यालय और आधिकारिक कार की मांग करने और अपनी निजी ऑडी कार पर अनाधिकृत रूप से उपयोग करने के आरोपों के बाद मीडिया जांच के घेरे में आ गई। शुरुआत में पुणे में तैनात खेडकर का तबादला पुणे के जिलाधिकारी ने विवादों के बीच वाशिम कर दिया था। हालांकि उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। सरकार ने बाद में उनके ‘जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम’ को रोक दिया और उन्हें आवश्यक कार्रवाई के लिए मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) वापस बुला लिया। खेडकर, जिनकी विकलांगता और OBC प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच चल रही है। पूजा का दावा है कि वह गलत सूचना और फर्जी खबरों का शिकार हुई।