Punjab AAP in fighting mode: पंजाब की आप सरकार केंद्र के साथ झगड़े के मूड में

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अजय कुमार चतुर्वेदी

पंजाब में पहली बार आप सरकार क्या बनी बीस दिन में ही केंद्र सरकार के साथ झगडे के मूड में आ गयी। मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल पर पहली अप्रैल को विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर चंडीगढ़ को पंजाब को सौपने की मांग करके झगडे का श्रीगणेश कर दिया गया । इसके पहले भी वे पंजाब के साथ अत्याचार न होने देने की बात कह चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ में डेपुटेशन पर अधिकारियों को भेजती जो कि गलत है।

आप की नाराजगी का तात्कालिक कारण गृहमंत्री अमित शाह द्वारा केंद्र शासित शहर चंडीगढ़ के कर्मचारियों को यूटी दिल्ली के समान सुवधाऐ देने की घोषणा है। वे मार्च के अंतिम सप्ताह में चंडीगढ़ के दौरे पर थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शाह की घोषणा की निंदा संबंधी बयान दे कर राजनीतिक खींचतान का संदेश दे दिया।

हालांकि पंजाब विधानसभा में पहले भी चंडीगढ़ के बारे में प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। जब जब पंजाब ने इस तरह की बात की है, तब तब हरियाणा ने भी चंडीगढ़ पर अपना दावा भी ठोक दिया। चंडीगढ़ १९५३ मे केंद्र शासित शहर बना और तब से इसका प्रशासन गृह मंत्रालय के अधीन है। यूटी काडर के आई ए एस और आई पी एस अधिकारी शुरू से ही चंडीगढ़ में पदस्थ होते आए हैं।

जानकारों का कहना है केजरीवाल दिल्ली राज्य के विभिन्न मुद्दों को लेकर सात साल बाद भी केंद्र से झगड़ा करते रहते हैं। वे सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा चुके हैं लेकिन अदालत ने भी उन्हें संघ शासित प्रदेश की व्यवस्था समझ कर मिल जुल कर सरकार चलाने की नसीहत दी। यहां यह बताना जरूरी है शीला दीक्षित १५ साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं लेकिन उनके कार्यकाल में ऐसी कोई समस्या नहीं आयी क्योंकि वे संघ शासित प्रदेश की सीमा समझती थीं।

जानकारों का यह भी कहना है कि वास्तव में इन सबके पीछे केजरीवाल की असीमित राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। जिसे वे पंजाब पर भी थोप रहे हैं। यह समय ही बताएगा कि पंजाब में विकास को प्राथमिकता मिलती है अथवा राजनीतिक दलदल में उलझ कर विकास को तिलांजलि दी जाती है।