तेंदुए की मौत की रिपोर्ट पर सवाल, मुख्यालय ने तलब की विस्तृत रिपोर्ट
भोपाल। मंदसौर जिले में पिछले महीने हुई तेंदुए की हुई मौत का मामला अब गहराता जा रहा है। वन विभाग ने तेंदुए की मौत को आपसी टेरिटोरियल रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दिया। तेंदुए की आपसी टेरिटोरियल मौत की बात मुख्यालय के आला अधिकारियों के गले के नीचे उतर नहीं रही है।
मुख्यालय के आला अधिकारियों ने मंदसौर DFO से तेंदुए की मौत की बिसरा रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तेंदुए बहुत कम आपस में संघर्ष करते है। आपसी संघर्ष के चलते बहुत कम तेंदुए की मौत होती है। प्रदेश को तेदुआ स्टेट का दर्जा मिलने के बाद तेंदुए के संरक्षण को लेकर वन विभाग खासा गंभीर हैं।
72 किलोग्राम का था तेंदुआ-
मंदसौर में दो महीने पहले जिस तेंदुए की मौत हुई थी। उसकी ऐज 10 साल बताई जा रही है। उसका वजन 72 किलोग्राम बताया जा रहा है। मंदसौर से जुड़े वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अधिक उम्र होने के चलते तेंदुए की मौत किसी दूसरे जानवर से संघर्ष होने के चलते हुई होगी। तेंदुए के सीने पर जानवर के दांत के निशान साफ तौर पर दिखाई दे रहा था। शरीर के अन्य हिस्से पर पहले से घाव था।
तेंदुए की शिफ्टिंग पर उठने लगे सवाल-
गांधी सागर अभयारण्य में दूसरे चीता प्रोजेक्ट शुरू करने के चलते वन विभाग तेंदुओं को वहां से दूसरे स्थानों पर शिफ्टिंग की कार्रवाई करने में लगा हुआ है। विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि तेंदुओं को जब एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है तो स्वभाविक सी बात है कि दूसरे स्थान पर तेंदुओं का दूसरे जानवरों से संघर्ष होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। मंदसौर में करीब 150 के करीब तेंदुए है। तेंदुए की शिफ्टिंग को लेकर विभाग को विशेष रणनीति बनानी होगी। जिससे भविष्य में इस तरह की कोई दुबारा घटना नहीं हो।
शिकारियों पर संदेह-
तेंदुए की मौत को लेकर वन मुख्यालय में तरह – तरह के कयास लगाए जा रहे है। वन विभाग से जुड़े कुछ लोगों को कहना है कि कहीं कोई शिकारी जंगल में तेंदुए का शिकार करने के लिए तेंदुए को जहर तो नहीं दे दिया था। बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुए की मौत से सही मायने में पर्दा उठेगा।