त्वरित टिप्पणी : दूसरी लिस्ट दर्शाती है कि भाजपा कोई रिस्क लेना नहीं चाहती!

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त्वरित टिप्पणी : दूसरी लिस्ट दर्शाती है कि भाजपा कोई रिस्क लेना नहीं चाहती!

 

– हेमंत पाल

 

भारतीय जनता पार्टी ने आज फिर अपनी 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इसे संयोग माना जाना चाहिए या कोई चुनावी टोटका कि पिछली बार भी भाजपा ने फिर 39 उम्मीदवारों की ही लिस्ट जारी की। यह लिस्ट अप्रत्याशित कही जाएगी, क्योंकि अभी इस लिस्ट के आने की कोई हलचल नहीं थी। भाजपा की इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि पार्टी ने 7 सांसदों को भी मैदान में उतारा है। इनमें तीन केंद्रीय मंत्री हैं।

भाजपा ने मध्यप्रदेश विधानसभा की चुनाव अभियान समिति के मुखिया नरेंद्र तोमर को भी दिमनी से चुनाव लड़ाने का फैसला किया। इसके अलावा नरसिंहपुर से प्रहलाद सिंह पटेल, जबलपुर (पश्चिम) से राकेश सिंह, सीधी से रीति पाठक, सतना से गणेश सिंह, निवास सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते और गाडरवारा से उदय प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया गया। सात सांसदों और पार्टी के एक राष्ट्रीय महासचिव के नाम इसी पर प्रसंग में देखे जा सकते हैं। यहां तक कि पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी जबलपुर (पश्चिम) से चुनाव लड़ेंगे। ये उन सीटों के उम्मीदवारों की लिस्ट है जहां से भाजपा 2018 में चुनाव हारी थी।

इस लिस्ट की दूसरी चौंकाने वाली बात है उम्मीदवारों की लिस्ट में कैलाश विजयवर्गीय का नाम होना। वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और पार्टी के बड़े नेता हैं। उन्हें इंदौर के क्षेत्र क्रमांक-एक से चुनाव मैदान में उम्मीदवार बनाया गया। वे कांग्रेस के संजय शुक्ला के सामने चुनाव लड़ेंगे। कैलाश विजयवर्गीय का मैदान में उतरना यह दर्शाता है कि पार्टी इस बार जीत का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। फिर चाहे उसे किसी को भी चुनाव लडना पड़ेगा।

यहां इस बात का उल्लेख किया जा सकता है कि कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सामने छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि यदि पार्टी कहेगी तो मैं छिंदवाड़ा जाकर चुनाव लड़ना चाहूंगा। लेकिन, उन्हें उन्हीं के शहर में कांग्रेस के एक ताकतवर उम्मीदवार के सामने उतार दिया गया। इस नजरिए से कहा जा सकता है कि अब इंदौर क्षेत्र-एक का चुनाव बेहद रोचक और रोमांचक होगा। क्योंकि, दोनों ही उम्मीदवार किसी भी मामले में एक दूसरे से कम नहीं हैं।

भाजपा की दूसरी सूची में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इसमें चार ऐसे वरिष्ठ नेताओं को टिकट दिया गया, जो मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा सकते हैं। ये हैं नरेंद्र तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और कैलाश विजयवर्गीय। यदि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है, तो यह माना जाना चाहिए कि इनमें से कोई न कोई मुख्यमंत्री बनेगा। नरेंद्र तोमर को चुनाव की जंग में उतारने का सीधा आशय यही लगाया जा सकता है।

इस लिस्ट में सिंधिया की घनघोर समर्थक इमरती देवी को छपरा सीट से उम्मीदवार बनाया जाना चौंकाने वाली बात है। क्योंकि, वे कांग्रेस छोड़ने के बाद जब इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी, तो बाद में हुए उपचुनाव हार गई थी। 230 सीटों में से अभी तक भाजपा ने 78 उम्मीदवार घोषित किए हैं। दूसरी लिस्ट में जिस तरह के उम्मीदवारों के नाम हैं, उससे साबित होता है कि होने वाला विधानसभा चुनाव बेहद रोमांचक होगा।