‘Raid 2’ Movie Review : कहानी भ्रष्टाचार के काले धंधे पर है , जिसके पाप का घड़ा एक दिन फूट जाता है !

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‘Raid 2’ Movie Review : ‘Raid 2’ Movie Review : कहानी भ्रष्टाचार के काले धंधे पर केंद्रित  है , जिसके पाप का घड़ा एक दिन फूट जाता है !

कलाकार-अजय देवगन , रितेश देशमुख , वाणी कपूर , रजत कपूर , सौरभ शुक्ला , अमित सियाल , यशपाल शर्मा , सुप्रिया पाठक , श्रुति पांडे और बृजेंद्र काला आदि
लेखक-रितेश शाह , राजकुमार गुप्ता , जयदीप यादव और करण व्यास
निर्देशक-राज कुमार गुप्ता
निर्माता-भूषण कुमार , कृष्ण कुमार , कुमार मंगत और अभिषेक पाठक
रिलीज-1 मई 2025
रेटिंग- 4/5
रूचि 
अजय देवगन की 2018 में आई सुपरहिट फिल्म रेड का सेकेंड पार्ट आज 1 मई को सिनेमाहॉल में रिलीज हो चुका है. रेड 2 के साथ अमय पटनायक बन बॉलीवुड के सिंघम फिर से पूरी टीम के साथ छापा मारने आ चुके हैं. राजकुमार गुप्ता द्वारा निर्देशित रेड 2 बढ़िया फ़िल्म है।  नेटफ्लिक्स पर आने के पहले ही दिन देखी लेकिन फ़िल्म रेड 1 जैसा गहन प्रभाव नहीं छोड़ पाती। शायद इसलिये कि रेड 1 में मामला सिर्फ छिपाया माल ढूंढने तक सीमित था जबकि रेड2 का विषय विस्तार लेता है।अजय देवगन को हिंदी सिनेमा में अरसे तक मिस्टर भरोसेमंद का खिताब मिला रहा। और, वह इसलिए कि वह अपनी फिल्मों के सारे कील-कांटे खुद ही दुरुस्त करते रहते हैं। कहानी से लेकर कलाकारों के चयन और फिर उनके निर्माता के रूप में किसे जिम्मेदारी मिलेगी, ये सब अजय की फिल्म में वह ही तय इसलिए भी करते हैं कि उनके प्रशंसकों को एक दमदार फिल्म देखने को मिले। चीखने-चिल्लाने की बजाय वह अपनी देह को अपने अभिनय का औजार बनाते हैं। आंखें उनकी धीर गंभीर रहती है।
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आम आदमी सी पैंट शर्ट और चप्पल या सैंडल वाली पोशाक भी हो तो फिर तो वह कुछ न कुछ असरदार करके ही मानते हैं. निर्देशक राज कुमार गुप्ता के लिए प्लस पॉइंट ये था कि फिल्म की बैक स्टोरी और मेन किरदार अमय पटनायक की बेखौफ करतूतों से दर्शक परिचित हैं। यही वजह है कि ऑडियंस इस किरदार से तुरंत कनेक्ट हो जाती है, मगर फर्स्ट हाफ में राज कुमार माहौल को सेट करने में काफी वक्त लगा देते हैं। इसलिए फिल्म का पहला भाग सुस्त मालूम होता है, पर इंटरवल पॉइंट और उसके बाद सेकेंड हाफ में कहानी एंगेजिंग, मजेदार और थ्रिल से भरपूर बन जाती है।अमित त्रिवेदी का बैकग्राउंड स्कोर कहानी के तनाव को बनाए रखता है, मगर फिल्म का संगीत इस बार वो जादू नहीं जमा पाया।हनी सिंह का गाना, ‘मनी मनी’ भी खास नहीं है।

पिछली ‘रेड’ से परिचित दर्शक जानते हैं कि आयकर आयुक्त अमय पटनायक (अजय देवगन ) भ्रष्टाचार का काला धंधा करने वालों के लिए काल हैं। वह अतीत में भी टैक्स की चोरी करने वालों के छक्के छुड़ा चुका है और कहानी फिर वहीं से शुरू होती है। अमय अपने खास अंदाज में रात को राजा साहब (गोविंद नामदेव) के यहां रेड मारता है और राजा साहब का कालाधन बरामद करने में कामयाब भी हो जाता है। लेकिन अगले दिन खबर आती है कि अमय ने इस छापे में 2 करोड़ की घूस खाई है। ईमानदार अमय की ऐसी हरकत किसी के लिए भी विश्वास के लायक नहीं है, मगर रेड के बाद तबादलों के लिए मशहूर अमय का 74वां ट्रांसफर कर दिया जाता है।
अमय को अब भोज में ऐसे इलाके में भेजा जाता है, जहां कैबिनेट मंत्री दादाभाई (रितेश देशमुख) का राज चलता है। अमय यहां अपनी बेटी और पत्नी (वाणी कपूर) के साथ आ जाता है। भोज में बेदाग और गरीबों का मसीहा कहलाने वाला दादाभाई एक परोपकारी फाउंडेशन चलाता है, जहां वह रोजाना अपनी मां (सुप्रिया पाठक) के चरण धोकर अपने दिन की शुरुआत करता है। मगर भोज में आने के बाद अमय को दादाभाई की इस जरूरत से ज्यादा साफ-सुथरी छवि पर शक होता है। वह दादाभाई की ब्लैक मनी का पता लगाने के लिए अपने तौर पर इन्वेस्टिगेशन शुरू करता है और उसे पता चल जाता है कि दादाभाई आम लोगों के भगवान के रूप में एक ऐसा शैतान है, जिसने अवैध जमीन और सोने की काला बाजारी ही नहीं, बल्कि कई मासूम लड़कियों का यौन शोषण भी किया है।
अब इससे पहले कि अमय, दादाभाई को बेनकाब करता, दादाभाई अपना सारा कालाधन छुपा लेता है और इस बार अमय का तबादला नहीं, बल्कि सस्पेंशन का ऑर्डर आ जाता है। अब अमय क्या करेगा? कैसे सफेदपोश दादाभाई की काली करतूतों को उजागर करेगा? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
 ईमानदार और तेज़ दिमाग वाले इनकमटैक्स ऑफिसर के रूप में अमय पटनायक (अजय देवगन) और केबिनेट मिनिस्टर और जनता के चहेते दादाभाई (रितेश देशमुख) के बीच की टक्कर यहाँ भी जोरदार हैं। अमय की पत्नी के रूप में वाणी कपूर और दादाभाई की माँ के रूप में सुप्रिया पाठक ठीक ठाक हैं। बाकी मुझे अमय की सहयोगी गीता के रोल में श्रुति पांडेय, लल्लन सुधीर के रोल में अमित सियाल और विनय बकाया के रोल में बृजेन्द्र काला का काम अच्छा लगा। सीनियर इनकमटैक्स अधिकारी के रोल में रजत कपूर भी बढ़िया लगे।इस बार कहानी बहुत काल्पनिक है उसमें कई तरह के खेल शामिल हैं इसलिये दर्शक फ़िल्म से बंधा रहता है। शह और मात के इस खेल में अजय देवगन, रितेश देशमुख पर हर बार भारी पड़े हैं। अजय देवगन के लिये इस फ़िल्म को जरूर देखा जाना चाहिये। और हाँ, अमित सियाल के लिये भी जिन्होंने अपने काम से बहुत प्रभावित किया। वैसे एक मुफ़्त की सलाह है कि रेड 1 को दिमाग में नहीं रखेंगे तो फ़िल्म ज्यादा पसंद आएगी

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