Railway Annual Round Up : पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के लिए 2024 के साल में कई उपलब्धियां हासिल की!
Indore : पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल नई ऊँचाइयां छू रहा है। साल 2024 भी रतलाम मंडल के उपलब्धियों भरा रहा। अधोसंरचनात्मक विकास हो यात्री सुविधा से संबंधित कार्य सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई। बुनियादी ढांचे के विकास के साथ रेल परियोजनाओं के काम में भी प्रगति हुई।
इंदौर-दाहोद नई लाइन के अंतर्गत टीही में लगभग 3 किमी लंबी टनल का महाप्रबंधक पश्चिम रेलवे की उपस्थिति में ब्रेक थ्रू संपन्न होकर फिनिशिंग कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही टीही से धार के मध्य ट्रैक का फाउंडेशन ट्रैक बिछाने सहित स्टेशन भवन, प्लेटफार्म एवं अन्य कार्य शीघ्रता से जारी है।
नीमच-रतलाम दोहरीकरण के अंतर्गत नीमच से हरकियाखाल एवं धौसवास से बड़ायला चौरासी तक लगभग 34 किमी खंड का दोहरीकरण कार्य पूर्ण कर ट्रेनों के परिचालन के लिए खोल दिया गया। इसके अलावा राऊ से डॉ अम्बेडकर नगर के मध्य लगभग 10 किमी खंड का दोहरीकरण कार्य पूरा हुआ। ओंकारेश्वर से सनावद तथा डॉ अम्बेडकर नगर से पातालपानी के मध्य लगभग 10.91 किमी खंड का आमान परिवर्तन कार्य पूरा हुआ।
अमृत स्टेशन योजना के तहत कई कार्य
16 स्टेशनों पर अमृत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन भवन, सर्कुलेटिंग एरिया, कवर शेड, प्लेटफार्म विस्तार, फुट ओवर ब्रिज के पुनर्विकास कार्य किये जा रहे हैं जिसमें देवास, दाहोद, लिमखेड़ा, चंदेरिया सहित अन्य स्टेशनों पर कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है।
रतलाम मंडल के विभिन्न खंडों में 160 किमी प्रति घंटा की गति के साथ ही पशुओं को रेलवे ट्रैक पर आने से रोकने के लिए बाउंड्री वॉल तथा डब्ल्यूबीएम फेंसिंग के तहत इस वर्ष नागदा गोधरा खंड सहित अन्य खंडों के लगभग 112 किमी में बाउंड्री वॉल/फेंसिंग कार्य पूर्ण किया गया। इसके साथ ही 160 किमी प्रति घंटा की मांग को पूरा करने के लिए रतलाम नागदा खंड में 1×25 केवी ओएचई के स्थान पर 2×25 केवी ओएचई सिस्टम लगाया गया। यह सिस्टम लगाने वाला रतलाम मंडल भारतीय रेलवे का पहला मंडल है। इसके अलावा नागदा-गोधरा खंड में 160 किमी प्रति घंटा के अनुसार ट्रैक तैयार करने के लिए चार बड़े कर्व को समाप्त किया गया है।
ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट
ट्रेनों की बाहरी सफाई के लिए डॉ अम्बेडकर नगर कोच केयर सेंटर में 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता के इफ्ल्यूएंट ट्रिटमेंट प्लांक के साथ आधुनिक ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट का निर्माण किया गया। विद्युत लोको की ट्रिप मेंटेनेंस के लिए लक्ष्मीबाई नगर में एक नया ट्रिप शेड का निर्माण किया गया।
रेल कर्मियों की सुविधा के लिए रतलाम रेलवे कॉलोनी में सांस्कृतिक सभागृह को आधुनिक सुविधाओं के अनुसार रिनोवेट किया गया। इसमें स्टेज, अटैच टायलेट के साथ कमरे, बड़े कीचन एवं पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। इस वर्ष रतलाम मंडल के विभिन्न लोकेशनों पर कुल 42 यूनिट रेलवे आवासों का निर्माण किया गया है। रेलवे चिकित्सालय के ऑपरेशन थियेटर को मॉडुलर ऑपरेशन थियेटर के रूप में बदला गया।
संरक्षा संबधित महत्वपूर्ण कार्य
17 मानवयुक्त समपार फाटकों को बंद किया गया है। 04 रोड ओवर ब्रिज एवं 05 रोड अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है। 6 स्टेशनों पर पैनल इंटरलॉकिंग के स्थान पर अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग किया गया है।
नागदा से रतलाम, पंचपिपलिया से भैरोगढ़ एवं अन्य खंडों में कुल 108 किमी खंड में कवच का सफल ट्रायल किया गया। इसके अलावा ताजपुर रेलवे स्टेशन पर डायरेक्ट ड्राईव सिस्टम के साथ ईआई (इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग) किया गया जो भारतीय रेलवे पर इस प्रकार का सिस्टम इंस्टॉल होने वाला पहला रेलवे स्टेशन है।
तीन स्टेशनो पर यात्रियों को नई सुविधाएं
मंदसौर में लो लेवल प्रतीक्षालय को रिनोवेट कर हाई लेवल प्लेटफार्म के अनुसार बनाया गया। इसके लिए स्टेयर्स एवं रैंप का निर्माण कार्य भी किया गया। इसके साथ ही प्लेटफार्म का विस्तार करने के साथ हाई लेवल प्लेटफार्म बनाया गया। फतेहाबाद-चंद्रावतीगंज रेलवे स्टेशन पर तीन नवीन लिफ्ट का शुभारंभ किया गया। दाहोद रेलवे स्टेशन पर नया सर्कुलेटिंग एरिया, फसाड, टायलेट ब्लॉक, कवर शेड, एसी वेटिंग हॉल आदि का निर्माण भी किया गयाI दाहोद रेलवे स्टेशन पर एक नया फुट ओवर ब्रिज तैयार किया गया तथा इंदौर दाहोद नई लाइन के अंतर्गत एक नया प्लेटफार्म का निर्माण किया गया। रतलाम रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म क्रमांक 2 पर प्रतीक्षालय को रिनोवेट किया गया है तथा प्लेटफार्म क्रमांक 7 की ओर एक नया सर्कुलेटिंग एरिया को रिनोवेट कर सर्कुलेटिंग एरिया में कवर शेड लगाए हैं।
डॉ अम्बेडकर नगर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म संख्या 1 का विस्तार पूरा हुआ। चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए 12 करोड़ की दो मंजिला भवन का निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। डॉ अम्बेडकर नगर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म संख्या 4 का निर्माण होने के साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया एवं नवीन स्टेशन भवन का निर्माण भी संपन्न हुआ।
नीमच रेलवे स्टेशन पर सर्कुलेटिंग एरिया, फसाड एवं अन्य कार्य किया गया। इस्के साथ ही नीमच, देवास, सीहोर, शुजालपुर, मक्सी, चंदेरिया संहित अन्य स्टेशनों पर कोच डिस्प्ले बोर्ड की सुविधा उपलब्ध कराई गई। मंडल के रतलाम रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म क्रमांक 7 ओर सर्कुलेटिंग एरिया को विकसित किया गया है तथा सर्कुलेटिंग एरिया में कवर शेड का निर्माण किया गया है। प्लेटफार्म 2 की ओर नया वेटिंग हॉल का निर्माण किया गया है।
इस प्रकार देखें तो रतलाम मंडल संरक्षा, सुरक्षा बुनियादी ढांचे के विकास सहित यात्री सुविधा के लिए सदैत तत्पर है। विकास एक सतत प्रक्रिया है जिसमें नित नए कार्यों को मूर्त रूप देने का कार्य रतलाम मंडल द्वारा किया जाता है, जिससे यात्रियों को सुविधाएं तो उपलब्ध होती ही है। बुनियादी ढांचे में भी एक सकारात्मक बदलाव आता है।