रेलवे अधिकारी पिता-पुत्र को 3-3 माह का कारावास, जुर्माना भी लगाया!

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रेलवे अधिकारी पिता-पुत्र को 3-3 माह का कारावास, जुर्माना भी लगाया!

 

Ratlam : कचरा फेंकने की मामूली सी बात पर हुए विवाद में आरोपी पिता-पुत्र ने ह्रदय रोगी व्यक्ति से मार-पीट करते हुए उसे चोंट पहुंचाने के मामले में न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक मोदी ने दोनों आरोपियों को 3-3 माह के कारावास और 5-5 सौ रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।

मामले में जिला लोक अभियोजन अधिकारी जीपी घाटिया ने बताया कि 26 अगस्त 21 को फरियादी मोहम्मद मुजिब खान (रिटायर्ड रेलवे अधिकारी) ने शहर के थाना स्टेशन रोड पर पहुंचकर बताया था कि आरोपी नौशाद खान व मोहम्मद रफीक ने 18 अगस्त 21 की रात्रि 9:15 बजे के आस-पास मेरे घर के अन्दर कचरा फेंक दिया था। तब मैंने नौशाद से बोला यहां कचरा क्यों फेंका तो इसी बात पर नौशाद व रफीक ने मेरे साथ झगडा करते हुए हाथ-मुक्कों से मार-पीट की थी। उन्होंने बताया कि मैं पूर्व से बीमार था एवं घटना से 3 वर्ष पूर्व मेरी बायपास सर्जरी हो चुकी थी। मार-पीट से मेरे सीने पर व बाएं हाथ की भुजा पर चोट लगी थी। बीच-बचाव करने वाले पडोसी लियाकत अली व आस-पास के पडोसियों ने दोनों पक्षों के बीच में समझौता करवा दिया था।

किंतु आरोपीयों द्वारा की गई मारपीट से आई चोटों से मुझे अधिक दर्द होने पर 26 अगस्त 21 को मैंने स्टेशन रोड थाने पर एफआईआर दर्ज कराई थी। मोहम्मद मुजिब ने बताया था कि आरोपी रफीक खान रेल्वे से रिटायर्ड हैं एवं उसका बेटा नौशाद रेल्वे में पदस्थ हैं।

फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने अदम चेक क्रमांक 167/2021 धारा 323 भादंवि का दर्ज कर मोहम्मद मुजिब का मेडिकल तथा एक्सरे कराया था। एक्सरे रिपोर्ट में फेक्चर होने से धारा 325 भादंवि का अपराध कायम किया गया था।

प्रकरण में आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए न्यायालय ने अभियुक्तगण नौशाद एवं मोहम्मद रफीक को दोषसिद्ध किया। प्रकरण में शासन की और से पैरवी राजेन्द्र सागर सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।