रेलवे ने यात्रियों को एक सुविधा दी तो दूसरी छीनी, मामला दाहोद उज्जैन मेमू ट्रेन का!

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रेलवे ने यात्रियों को एक सुविधा दी तो दूसरी छीनी, मामला दाहोद उज्जैन मेमू ट्रेन का!

रतलाम से उज्जैन की बजाय भीलवाड़ा कर दिए जाने के विरोध के बाद रेल प्रशासन ने नाटकीय रूप से परिवर्तन को किया होल्ड पर!

झाबुआ- राजेश सोनी

झाबुआ : रतलाम रेल मंडल द्वारा आगामी 28 अक्टूबर से दाहोद से उज्जैन चलने वाली सांध्यकालीन मेमू ट्रेन दाहोद से रतलाम तक पंहुचने के बाद उज्जैन नही जाते हुए रतलाम-भीलवाड़ा मेमू ट्रेन में परिवर्तित हो जाएगी। जिससे रतलाम से नागदा और उज्जैन की और यात्रा करने वाले यात्रियों को मुश्किलें बढ़ जाएगी। रेलवे ने यात्रियों को अब रतलाम से नागदा उज्जैन की और कोई कनेक्टविटी नहीं रखी गई ऐसे में यात्रियों की परेशानी बढ़ना है।

रतलाम से उज्जैन तक आरम्भ की जा रहीं अन्य मेमू ट्रेन रतलाम से शाम 7 बजकर 35 मिनिट पर निकलेगी जबकि दाहोद से रतलाम पंहुचने वाली मेमू शाम 7 बजकर 45 मिनिट पर रतलाम पंहुचेगी। ऐसी स्थिति में रेल प्रशासन ने जहां दाहोद रतलाम रेलखण्ड के लोगों से उज्जैन की एक लोकल ट्रेन छीन ली वहीं रतलाम से नागदा उज्जैन जाने का कोई विकल्प भी नही रखा। रेल प्रशासन के इस अदूरदर्शी भरे निर्णय से समूचे क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त हैं। इधर 25 अक्टूबर को रतलाम रेल मण्डल द्वारा इस मामले में भारी विरोध के बाद रेल प्रशासन ने 26 अक्टूबर को पत्र जारी कर होल्ड पर रख दिया।

*यात्रियों को ये होगी परेशानी!*
दाहोद से उज्जैन चलने वाली सांयकालीन मेमू के रतलाम तक कर दिए जाने गुजरात और रतलाम दाहोद रेलखण्ड के यात्रियों को उज्जैन स्थित महाकाल के दर्शन के लिए दी गई सीधी सुविधा समाप्त हो जाएगी।साथ ही उज्जैन नागदा क्षेत्र के लोगों को दाहोद से मिलने वाली सीधी ट्रेन भी नही मिल पाएंगी।

बता दें कि बड़ी संख्या में यात्री इस जीवनरेखा साबित होने वाली ट्रेन से रोजाना उज्जैन-नागदा आदि स्थानों से अप-डाउन भी करते हैं साथ ही गुजरात में उपचार के लिए भी बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना बना रहता हैं।जिनको अब खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि रतलाम के बाद आगे जाने के लिए यात्रियों को शाम को कोई वैकल्पिक लोकल उपलब्ध नही हो सकेगी।

*समय बदला पर लाभ क्या?*
रतलाम मंडल द्वारा दाहोद उज्जैन मेमू का 28 अक्टूबर से समय भी परिवर्तन कर दिया हैं जिसमे यह ट्रेन अब शाम 5 बजकर 25 मिनिट पर दाहोद से चलकर 5 बजकर 59 मिनिट मेघनगर, 6 बजकर 54 मिनिट थांदला रोड, 6 बजकर 35 मिनिट बामनिया एवम 7 बजकर 45 पर रतलाम पंहुचेगी। किन्तु इस समय परिवर्तन का भी कोई विशेष लाभ होता दिखाई दें रहा हैं, मोरवनी रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन रतलाम के 7 नम्बर प्लेटफॉर्म तक पंहुचने में कुल 33 मिनिट का समय लेगी। इसी बीच 7.35 बजे रतलाम उज्जैन मेमू ट्रेन प्लेटफार्म नम्बर 6 से उज्जैन के लिए निकल जाएगी ऐसे में यात्रियों की कनेक्टविटी नहीं हो सकेगी।

*नई सुविधा मिली!*
लम्बे समय से गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान को जोडने वाली एक लोकल ट्रेन की मांग चली आ रही थी। आखिरकार क्षेत्रवासियों को यह सुविधा मेमू ट्रेन के रूप में मिली हैं जो दाहोद से रतलाम पहुंचने के बाद रतलाम-भीलवाडा मेमू ट्रेन के रूप में चलेगी जो रतलाम से शाम 7 बजकर 55 मिनिट पर भीलवाडा के लिए रवाना होगी और रात्रि 1 बजकर 50 मिनिट पर भीलवाडा पहुंचेगी।

*रतलाम से उज्जैन नई ट्रेन:*
रतलाम से उज्जैन चलने वाली नई मेमू ट्रेन शाम 7 बजकर 35 मिनिट पर उज्जैन के लिए रवाना होगी जो कि रात्रि 10 बजकर 20 मिनिट पर उज्जैन पहुंचेगी ।

*रतलाम में ये रहेगें मेमू के प्लेटफॉर्म!*
19345 रतलाम भीलवाडा एक्सप्रेस-28 अक्टोम्बर से 7 नम्बर प्लेटफार्म पर, 19346 भीलवाडा रतलाम एक्सप्रेस 28 अक्टोम्बर से 1 नम्बर प्लेटफार्म पर, 09499 रतलाम -चित्तौड डेमू 28 अक्टोम्बर से 1 नम्बर प्लेटफार्म पर, 09500 चित्तौडगढ -रतलाम डेमू 28 अक्टेाम्बर से 6 नम्बर प्लेटफार्म पर, 09381 दाहोद-रतलाम मेमू 29 अक्टोम्बर से 7 नम्बर प्लेटफार्म पर, 09382 रतलाम -दाहोद मेमू 29 अक्टोम्बर से 4 नम्बर प्लेटफार्म पर, 09383 रतलाम-उज्जैन मेमू 29 अक्टूबर से 6 नम्बर पर और 09384 उज्जैन-रतलाम मेमू 29 अक्टूबर से 4 नम्बर प्लेटफार्म पर से मिलेगी।

 

इस मामले में रेल मंत्रालय को भी अवगत कराया गया है, जीएम एवं डीआरएम से चर्चा की गई है, महाकाल नगरी से देश विदेश के लोगों की आस्था जुडी हुई है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं महाकाल महाराजा के परम भक्त है किन्तु यहां तक पहुंचने वाली सीधी ट्रेन को बिना जानकारी के रतलाम से ब्रेक कर दिया गया। आम यात्रियों को उज्जैन आने-जाने में पर्याप्त सुविधा मिलें ना कि सुविधा छिनी जाएं। मेरे द्वारा विरोध दर्ज करवाया गया हैं। यात्रियों और क्षेत्रवासियों की सुविधा के लिए मैं कारगर प्रयास कर रहा हुं।
*अनिल फिरोजिया, सांसद उज्जैन!*