Raja Raghuvanshi’s Funeral : शिलांग से लाया गया राजा का शव, भाई और भतीजे ने अंतिम संस्कार किया, परिजनों को अंतिम दर्शन कराए!

भाई विपिन ने कहा कि राजा की हत्या में स्थानीय लोगों का ही हाथ, पुलिस मामले को दबा रही! देखिये वीडियो : भाई विपिन ने मीडिया को क्या जानकारी दी!

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Raja Raghuvanshi’s Funeral : शिलांग से लाया गया राजा का शव, भाई और भतीजे ने अंतिम संस्कार किया, परिजनों को अंतिम दर्शन कराए!

 

Indore : ट्रांसपोर्टर राजा रघुवंशी का शव लेकर उसके परिजन बुधवार शाम को केट रोड स्थित साकार नगर पहुंचे। यहां परिजनों को उसके पार्थिव शरीर के 10 मिनट दर्शन कराए, फिर रीजनल पार्क के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। राजा के शव को उसके भाई सचिन और भतीजे विधान ने मुखाग्नि दी। इसके पहले परिजन सुबह से शव आने का इंतजार कर रहे थे। शव को दोपहर 2 बजे तक आना था, जो डेढ़ घंटे विलंब से इंदौर एयरपोर्ट आया।

यहां से एंबुलेंस में शव घर तक लाया गया। शव पुराना होने से सड़ गया था। इसलिए उसे ताबूत में लाया गया। ताबूत का ही कुछ हिस्सा खोलकर मुख दर्शन कराया। सुबह जब मां उमा और पिता अशोक को जानकारी मिली तो वे बदहवास हो गए। जैसे-तैसे रिश्तेदारों और अन्य लोगों ने उन्हें संभाला। सुबह से ही घर के आसपास मातम पसर गया था। अभी भी पूरे इलाके में सन्नाटा है और सबकी जुबान पर एक ही बात है।

 

राजा ने बोला था आकर सबको पार्टी दूंगा

सैकड़ों लोग घर पर राजा के इंतजार में खड़े थे। घर पर इकट्ठा लोगों ने बातचीत में बताया कि राजा मिलनसार व्यक्ति था। वह हरसंभव लोगों की मदद करता था। जब पत्नी सोनम के साथ घूमने निकला था, तो कहकर गया था कि आकर दोबारा पार्टी दूंगा। मां ने रुंआसे होते हुए बताया कि जब काफी दिन तक उसका फोन और कोई संदेश नहीं आया तो आशंका थी। रोजाना मंदिर जाकर बेटे-बहू के कुशलक्षेम होने की कामना करती थी, मुझे क्या पता था कि बेटा इस तरह लौटकर आएगा। शिलांग पहुंचने पर उसने पांच-सात दिन में लौटने को कहा था।

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पोस्टर लगे ‘मैें मरा नहीं मारा गया’

घर के बाहर और आसपास राजा को बड़े होर्डिंग्स लगे। इसमें लिखा था कि केन्द्र और राज्य सरकार से राजा करे यही पुकार, मैं मरा नहीं, मारा गया, इंसाफ दिलाया जाए। पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। शवयात्रा के दौरान भी गमगीन लोग इसी तरह की बातें कर रहे थे।

हनीमून पर मेघालय के शिलांग गए इंदौर के राजा रघुवंशी का शव 11 दिन बाद सोमवार को गहरी खाई में मिला था। मंगलवार को शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी अभी भी लापता है, जिसकी तलाश में एनडीआरएफ भी सर्च ऑपरेशन चला रही है। इससे पहले मंगलवार को पूर्वी खासी हिल्स के एसपी विवेक सिम ने बताया था कि राजा रघुवंशी की हत्या पेड़ काटने के हथियार से की गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी यही जानकारी सामने आई है।

जीपीएस ट्रैकर से पता चला, कुछ देर रुकी थी स्कूटी

पुलिस के मुताबिक राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी 23 मई को नोंग्रियाट गांव के होटल से निकलने के कुछ घंटे बाद ही लापता हो गए थे। यह गांव उस जगह से 20 किलोमीटर दूर है। जहां सोमवार को राजा का शव मिला था। इसी के पास मावक्मा गांव में जीपीएस ट्रैकर से पता चला कि दंपत्ति द्वारा इस्तेमाल की गई एक्टिवा स्कूटी 23 मई को कुछ देर के लिए यहां रुकी थी। लेकिन, वेइसा डोंग इलाके से जहां राजा का शव बरामद हुआ, वहां से 20 से 25 किलोमीटर दूर है, जहां कपल गायब हुआ, चेरापूंजी का वह इलाका पहाड़ियों वाला है। यहां गहरी खाई भी है।

 

‘स्थानीय पुलिस और सरकार मामले को दबा रही’

राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा से मांग की है कि सीबीआई इस पूरे मामले की जांच करें। स्थानीय पुलिस को नहीं लगता कि यहां ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। अगर पुलिस का कहना सही है तो स्कूटी शव से 25 किलोमीटर दूर क्यों मिली। शव खाई में क्यों मिला, वहां पांच फीट की दीवार है। ऐसे में आत्महत्या नहीं कर सकता। किसी से दुश्मनी नहीं। विपिन ने कहा, राजा और सोनम इंदौर से आए थे, इसलिए किसी से किसी तरह की दुश्मनी नहीं हो सकती। अगर कुछ हुआ भी है तो स्थानीय लोगों का हाथ हो सकता है।

राजा-सोनम की शादी उनकी मर्जी से हुई थी। शादी को लेकर दुखी होंगे, ऐसी कोई बात नहीं है। मेघालय सरकार तथ्यों को दबाना चाहती है उधर, सोहरा के डबल डेकर (लिविंग रूट) घूमने के लिए राजा ने गाइड को लिया था, वे नीचे गए और घूमकर ऊपर आए। वापसी के वक्त उन लोगों के साथ बातचीत हुई थी। राजा ने बताया था कि एक जगह कॉफी पी, लेकिन कॉफी अच्छी नहीं लगी तो फेंक दी थी। उनका खराब कॉफी को लेकर रेस्टोरेंट वाले से हल्का विवाद भी हुआ था।