Rajasthan Results: BJP की सभी 25 सीटों की जीत की हैट्रिक का सपना टूटा, कांग्रेस और सहयोगी दलों ने11 लोकसभा सीटें झटकी
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की त्वरित टिप्पणी
18 वीं लोकसभा के लिए देश में सात चरणों में हुए लोकसभा के आम चुनावों के मंगलवार को आए चुनाव परिणामों में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के साथ राजस्थान जैसे प्रदेशो के चुनाव परिणामों ने भाजपा का 400 पार का सपना तोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।
पांच महीने पहले भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार को पदच्युत कर भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना कर भाजपा की सरकार गठित कराई थी लेकिन मंगलवार को आए चुनाव परिणामों ने राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर भाजपा की लगातार तीसरी हार और जीत की हैट्रिक का सपना तोड़ दिया। वर्ष 2014 और 2019 में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर भाजपा और एनडीए गठबंधन ने लगातार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाया था जबकि 2019 में राजस्थान में अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार थी। उस दौरान एक वक्त ऐसा भी आया था कि संसद के दोनो सदनों राज्यसभा और लोकसभा में प्रदेश की क्रमश 10 और 25 सभी 35 सीटों पर कांग्रेस का एक भी सांसद नही था। बाद में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह और अन्य नेताओं ने राज्य सभा में निर्वाचित होकर संसद में राजस्थान कांग्रेस के सूखेपन को दूर किया था।
इस बार 2024 के आम चुनाव में भी कांग्रेस के पिछले दो बार के शून्य स्कोर को समाप्त कर अपने स्कोर को 9 लोकसभा सीटें जीत कर दूर किया है। साथ ही इंडिया गठबंधन के अपने दो सहयोगी दलों के उम्मीदवारों को भी दो लोकसभा सीटों पर चुनाव जीता कर प्रदेश की 25 में से करीब आधी 11 सीटों को भाजपा से झटक लिया है। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के कोटा से लगातार चुनाव जीत कर तीसरी बार लोकसभा में पहुंच रहे है। इसी प्रकार मोदी मंत्रिपरिषद के सदस्य केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी जोधपुर से और अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर से लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर सांसद पहुंच रहे है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जोकि अब तक राजस्थान से ही राज्य सभा सांसद थे, इस बार अलवर से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंच रहे हैं लेकिन इस मध्य भाजपा को प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों को हारने के साथ ही एक और बड़ा झटका लगा है। मोदी मंत्रिपरिषद के राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सीमावर्ती बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से इस बार चुनाव हार गए है।
भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नवंबर दिसंबर 2023 में हुए राजस्थान विधान सभा के चुनाव के लिए अपने राज्य सभा के एक सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा सहित सात सांसदों दिया कुमारी, कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, नरेंद्र कुमार खिचड़, भागीरथ चौधरी, देवजी पटेल और बालक नाथ को विधायक का टिकट देकर चुनाव लड़ाया था हालांकि उसमें से नरेंद्र कुमार खिचड़, भागीरथ चौधरी और देवजी पटेल विधायक का चुनाव हार गए।
इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान में विधायक बन गए सांसदों के साथ ही कुछ अन्य सीटिंग सांसदों के टिकट भी काट दिए। इनमें जयपुर के राम चरण बोहरा, झुंझुनू के नरेंद्र कुमार खीचड़, चूरू के राहुल कसवां,भीलवाड़ा के सुभाष बहेडिया,उदयपुर के अर्जुन लाल मीणा,बांसवाड़ा डूंगरपुर के कनक मल कटारा,जालौर सिरोही के देवजी पटेल, भरतपुर की रंजना कौली,करौली धौलपुर के डॉ मनोज राजोरिया,श्री गंगा नगर के निहाल चंद मेघवाल आदि के टिकट काट कर नए चेहरों को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। साथ ही एन डी ए के पुराने सहयोगी हनुमान बेनीवाल के साथ छोड़ने से उनके स्थान पर दिग्गज कांग्रेसी नेता स्वर्गीय नाथू राम मिर्धा के परिवार की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को तथा बांसवाड़ा डूंगरपुर में भी कांग्रेस को छोड़ कर आए दिग्गज आदिवासी नेता महेन्द्र जीत मालविया सहित दस नए चेहरों को भाजपा का टिकट दिया। इसके अलावा सभी सीटिंग भाजपा सांसदों ने ही चुनाव लडा। चूरू के राहुल कसवां ने टिकट काटे जाने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस ने भी उन्हें चूरू से अपना उम्मीदवार भी बना दिया।
राहुल कसवां चूरू से चुनाव भी जीत गए।
इधर कांग्रेस ने भी अपने कई नए और युवा उम्मीदवारों को अधिक संख्या में चुनाव मैदान में उतारा।
भाजपा के जो 14 उम्मीदवार इस चुनाव में जीते है उनमें सीटिंग सांसदों में कोटा से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, जोधपुर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत,बीकानेर से अर्जुन राम मेघवाल ,चितौड़गढ़ से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी,पाली से पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री पी पी चौधरी,अजमेर से भागीरथ चौधरी और झालावाड़ से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह फिर से लोकसभा का चुनाव जीत गए है। इनके अलावा अब तक राज्य सभा सांसद रहें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी इस बार अलवर से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंच रहे हैं। इनके अलावा भाजपा की मंजू शर्मा जयपुर से,राव राजेंद्र सिंह जयपुर ग्रामीण, जालौर सिरोही से लुंबा राम चौधरी,उदयपुर से डॉ मन्ना लाल रावत,राजसमंद से महिमा विश्वेश्वर सिंह और भीलवाड़ा से दामोदर अग्रवाल लोकसभा चुनाव जीते है।
इसी प्रकार कांग्रेस ने पिछले दो आम चुनाव के सूखे को खत्म करते हुए प्रदेश में फिर से अपना खाता खोलते हुए श्री गंगा नगर से कुलदीप इंदौरा, चूरू से राहुल कसवां, झुंझुनू से विधायक बृजेंद्र ओला,भरतपुर से संजना जाटव,करौली धौलपुर से भजन लाल जाटव,दौसा से पूर्व मंत्री विधायक मुराली लाल मीणा,टोंक सवाई माधोपुर से हरीश मीना,बाड़मेर से उम्मीद राम बेनीवाल ने लोकसभा चुनाव जीत लिया है। वही कांग्रेस के एन डी ए सहयोगी सीकर से कामरेड अमरा राम चौधरी,नागौर से विधायक हनुमान बेनीवाल और बांसवाड़ा डूंगरपुर से भारत आदिवासी पार्टी बाप के राज कुमार रोत ने भी चुनाव जीत कर राजस्थान की राजनीति को एक
नए मोड़ पर ला दिया है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को दूसरी बार लोकसभा चुनाव हारने का झटका अवश्य लगा है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा आम चुनाव में इस बार एग्जेक्ट पोल की जीत हुई है और एग्जिट पोल की हार। क्योकि लगभग सभी एग्जिट पोल्स के अनुमान धड़ाम से गिर उलट गए है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के साथ राजस्थान जैसे प्रदेशो के चुनाव परिणामों ने सारे राजनीतिक समीकरणों को पलट दिया है जिसके कारण इस बार 400 पार का नारा देने वाली भाजपा को अपने बलबूते पर बहुमत नहीं मिल पाया है और खबर लिखे जाने तक भाजपा की 239 सहित एनडीए के पक्ष में 291 सीटों में बढ़त तथा इंडिया गठबंधन को कांग्रेस की 100 सीटों सहित 234 सीटों पर बढ़त दर्शाई जा रही है।
चुनाव परिणाम की तस्वीर साफ होने के बाद कांग्रेस ने नई दिल्ली में अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय पर एक प्रेस वार्ता की जिसे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संबिधित किया। प्रेस वार्ता में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी,राष्ट्रीय महा मंत्री प्रियंका गांधी,मीडिया प्रभारी जय राम रमेश आदि नेता भी मौजूद थे।
इसी प्रकार पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय पर भी भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की लगातार तीसरी विजय का जश्न मनाया जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा उपस्थित थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और जे पी नड्डा के उद्बोधन हुए।
बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में सियासी हलचल चरम पर रहेगी। कई बड़े नेताओं और नए सांसदों का जमावड़ा रहेगा ।केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक होंगी तथा एन डी ए और इंडिया गठबंधन की अलग अलग बैठकों में रणनीति तय होंगी। आशानुरूप एनडीए सरकार बनाने का दावा करेगा ।साथ ही कांग्रेस का प्रयास भी रहेगा कि इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिल कर सरकार बनाने की संभावनाओ को तलाशेगा।
अब यह देखना दिलचस्प है कि आने वाले दिनों में देश की राजनीति एक बार फिर से गठबंधन वाली केंद्र सरकार के इर्द गिर्द चल कर कितना सफल और कितनी असफल होंगी?