Rajkot Fire: गेमिंग जोन के मालिक समेत 6 पर केस, 2 गिरफ्तार, 6 अधिकारी सस्पेंड!

अग्निशमन विभाग की अनुमति नहीं मिली, पांच सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया! 

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Rajkot Fire: गेमिंग जोन के मालिक समेत 6 पर केस, 2 गिरफ्तार, 6 अधिकारी सस्पेंड!

Rajkot : गेम में शनिवार को आग लगने से 28 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने इसके 6 साझेदारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। इनमें से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, चार फरार हैं। इस मामले में राजकोट नगर निगम के दो अधिकारी असिस्टेंट इंजीनियर जयदीप चौधरी और टाउन प्लानर गौतम जोशी को सस्पेंड किया गया। साथ ही सड़क एवं निर्माण विभाग के दो विभाग के दो अधिकारी एडिशनल इंजीनियर पारस कोठिया और डिप्टी इंजीनियर एम आर सुमा को भी सस्पेंड किया। पुलिस विभाग के दो अधिकारी पुलिस अधिकारी पुलिस इंस्पेक्टर एन आर राठौड़ और पुलिस इंस्पेक्टर वी आर पटेल भी नप गए।

गुजरात सरकार ने घटना की जांच के लिए राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने घटनास्थल और घायल व्यक्तियों से मिलने के लिए अस्पताल का दौरा किया। इस गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके बाद ही राज्य सरकार ने छह अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का आदेश दिया।

 

पेट्रोल की वजह से भड़की आग

राजकोट के टीआरपी गेम जोन में शनिवार को भीषण आग लग गई थी. कहा जा रहा है कि जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा था. जिसकी वजह से आग इतनी फैली कि पूरा स्ट्रक्चर जलकर खाक हो गया. गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था. गेम जोन में एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग हादसे के वक्त गेम जोन में मौजूद थे. इस मामले में राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय SIT गठित की थी.

 

अग्निशमन से अनुमति नहीं मिली

राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने नवंबर 2023 में गेमिंग जोन के लिए बुकिंग लाइसेंस दिया था, जिसे एक जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि के लिए नवीनीकरण किया गया था। अधिकारी ने कहा कि गेम जोन को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी। इसने अग्निशमन संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था। इस पर काम प्रक्रिया में था और अभी तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गेम जोन में अग्नि सुरक्षा उपकरण थे, लेकिन आग पर काबू पाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी, जिससे शनिवार को त्रासदी हुई।

 

28 लोगों की गई जान

अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि नाना मावा इलाके में टीआरपी गेम जोन में शनिवार शाम लगी भीषण आग में चार बच्चों सहित 28 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य झुलस गए। उन्होंने कहा कि घटना के समय लोग वहां गर्मी की छुट्टियों का आनंद लेने के लिए एकत्र हुए थे।

 

उचित अग्निशमन उपकरण नहीं थे

प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन का उपयोग करके लगभग दो-तीन मंजिला ऊंचा, 50 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा ढांचा बना रखा था. इसमें कहा गया कि संचालकों के पास उचित अग्निशमन उपकरण नहीं थे और उन्होंने स्थानीय अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं मिली थी।

राजकोट के पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थ राज सिंह गोहिल ने कहा कि टीआरपी गेम जोन का संचालन करने वाले रेसवे एंटरप्राइज के एक साझेदार युवराज सिंह सोलंकी और इसके प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्राथमिकी के अनुसार, राजकोट तालुका पुलिस ने रविवार को जिन 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, उनमें धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, रेसवे एंटरप्राइज के साझेदार- अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाश चंद हिरन, युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ शामिल हैं। हा गया कि मामला छह ज्ञात व्यक्तियों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए हैं।

प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 337 (ऐसे कृत्य से चोट पहुंचाना जो दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है), 338 (किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य करके उसे गंभीर चोट पहुंचाना) और धारा 114 (अपराध होने पर किसी व्यक्ति की मौजूदगी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

चार आरोपी फरार

गोहिल ने कहा कि जांच के दौरान गेम जोन के प्रबंधक नितिन जैन का नाम सामने आया. चारों फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए अपराध शाखा की चार अलग-अलग टीम गठित की गई हैं. उन्होंने कहा कि मामले की जांच अपराध शाखा और संयुक्त अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी के नेतृत्व में राजकोट पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंपी गई है।