Rajwada-2-Residency: जामवाल की सक्रियता बढ़ा रही है दिग्गजों की धड़कन

686

Rajwada-2-Residency: जामवाल की सक्रियता बढ़ा रही है दिग्गजों की धड़कन

भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजयसिंह जामवाल की बढ़ती सक्रियता ने भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की धड़कन बढ़ा दी है। सबसे संवाद में भरोसा रखने वाले जामवाल मंडल स्तर पर पहुंच कार्यकर्ताओं से सीधी बात कर रहे हैं। कार्यकर्ता और मंडल व जिला स्तर के पदाधिकारी भी उनके सामने अपनी पीड़ा का इजहार करने से परहेज नहीं कर रहे हैं।

4441281506 1660595423

जामवाल के रुतबे का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके जिले में पहुंचने की भनक लगते ही वे प्रभारी मंत्री भी शरणागत हो रहे हैं, जो सामान्यत: कार्यकर्ताओं के लिए दुर्लभ से हो गए हैं। जामवाल के आदिवासी क्षेत्रों के दौरे के बाद देखना यह है कि संगठन के किस पुरोधा की सेहत पर असर पड़ता है।

वीडी ने रवानगी दी तो शिवराज ने साध लिया

वीडी शर्मा जब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने थे, तो उनके निशाने पर सबसे पहले राजेन्द्र सिंह आए थे। राजेन्द्र सिंह यानि भाजपा कार्यालय की वह कड़ी, जिसकी सालों तक तूती बोलती थी, जो भी प्रदेशाध्यक्ष या मुख्यमंत्री रहता था, राजेन्द्र सिंह सीधा उन्हीं को रिपोर्ट करते थे।

बाकी पदाधिकारियों की तो उनके आगे कोई बिसात ही नहीं थी। लोगों को भले ही लग रहा हो कि भाजपा कार्यालय से रवानगी के बाद वे भले ही गुमनामी हैं, लेकिन हकीकत यह है कि वे इन दिनों शिवराजसिंह चौहान के कोर ग्रुप में होकर बड़ी अहम भूमिका निभा रहे हैं। पुराने संबंध तो काम आते ही हैं ना।

भाजपा का पुराना भवन यानि कुशाभाऊ ठाकरे का स्मारक

भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को लिखा पत्र एक तरह से मध्यप्रदेश के हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं की भावना का प्रतिनिधित्व कर गया। भोपाल में पुराने भाजपा कार्यालय को तोड़कर नया भवन बनाने के मुद्दे पर जिस अंदाज में शर्मा ने विरोध दर्ज करवाया है, उसको पार्टी के एक बड़े वर्ग ने हाथों-हाथ लिया है।

शर्मा ने यह कहकर मामले को अलग रंग दे दिया है कि यह भवन कुशाभाऊ ठाकरे का स्मारक है और इसकी नींव में छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं का परिश्रम है। वैसे पुराना भवन तोड़कर नया बनाने के मामले में बात इतनी आगे बढ़ गई है कि शर्मा की चिट्ठी नक्कारखाने में तूती जैसी ही लग रही है।

कांग्रेस के पीसीसी डेलीगेट यानि एडजस्टमेंट का नया अंदाज

कांग्रेस के संगठन चुनाव कैसे हो रहे हैं, इसकी एक बानगी देखिए। 17 सितंबर को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस के डेलीगेट्स की बैठक आयोजित की गई थी। प्रदेश के किस ब्लॉक से किसे डेलीगेट बनाया गया है, इसकी सूची सार्वजनिक न करते हुए जिन-जिन को डेलीगेट बनाया गया, उसकी सूचना फोन पर देते हुए भोपाल पहुंचने के लिए कहा गया था।

इतना जरूर है कि प्रदेश के सारे बड़े नेता इस सूची में स्थान पा गए हैं, भले ही उन्हें अपने जिले से मौका नहीं मिला हो। सूची का खुलासा इसलिए नहीं किया, क्योंकि जो लोग डेलीगेट बनने से वंचित रह गए, वे अच्छा-खासा बखेड़ा खड़ा कर सकते थे। हां कुछ लोग अभी भी जोड़-तोड़ में तो लगे हैं।

कैसे निपटेंगे कमलनाथ, बड़ी विचित्र स्थिति है इंदौर में कांग्रेस की

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के लिए इंदौर के कई विधानसभा क्षेत्रों को लेकर पशोपेश की स्थिति है। जैसे पांच नंबर में किसे आगे बढ़ाया जाए। सत्यनारायण पटेल को या स्वप्निल कोठारी को।

दोनों की जड़ें वहां कितनी मजबूत हैं यह कमलनाथ को अच्छे से मालूम है। इसलिए निर्णय लेने में भी उन्हें परेशानी हो रही है। तीन नंबर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। अश्विन जोशी के बजाय वे पिंटू जोशी को प्राथमिकता देना चाहते हैं, पर नगर निगम चुनाव के नतीजे के बाद अब असमंजस में हैं। चार नंबर में उनकी पसंद गोलू अग्निहोत्री अब पीछे सरकते दिख रहे हैं।

लूलू मॉल इंदौर आएगा, तो कइयों को घर बैठे काम मिल जाएगा

लूलू मॉल की इंदौर में भी एंट्री की तैयारी हो गई है। दुबई में अपनी अलग पहचान रखने वाले एनआरआई ने अपने ग्रुप का पांचवां मॉल इंदौर में लाने की तैयारी कर ली है।

यह मॉल स्कीम नं. 140 के सामने एक स्कूल की जगह पर आकार लेगा। स्कूल यहां से कहीं ओर ले जाने की तैयारी है। यह सौदा इंदौर के रियल इस्टेट सेक्टर का इस साल का सबसे बड़ा सौदा होगा। देखना यह है कि इसकी शुरुआत कब होती है।

रीना मित्रा पर ममता बनर्जी का भरोसा, अब पीएससी में मौका दिया

म.प्र. कॉडर की सीनियर आईपीएस अफसर रहीं रीना मित्रा पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष बन गई हैं। मित्रा ने मध्यप्रदेश पुलिस में भी कई अहम पदों पर सेवाएं दी और बाद में वे केंद्रीय पुलिस संगठनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहीं। बाद में वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सलाहकार हो गई थीं। उन्हें बनर्जी के बहुत भरोसेमंद लोगों में माना जाता था। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति ने बनर्जी के भरोसे पर स्वीकृति की मोहर और लगा दी थी।

मनोज गोविल को दिल्ली के लिए रवानगी मिली, अब पल्लवी की बारी

सीनियर आईएएस अफसर मनोज गोविल को मध्य प्रदेश सरकार ने आखिरकार केंद्र में प्रतिनिधि पर जाने की अनुमति दे दी। गोविल को यह अनुमति बड़ी मुश्किल से मिल पाई और वह भी मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की नजरें इनायत होने के बाद। अब देखना यह है कि उनकी पत्नी सीनियर आईएएस पल्लवी जैन गोविल के मामले में सरकार क्या निर्णय लेती है।

चलते-चलते

भाजपा के दिग्गज भी यह समझने में लगे हैं कि आखिर जीतू जिराती को बार-बार महत्वपूर्ण जिम्मेदारी क्यों मिल जाती है। जिराती को अब गुजरात के 40 विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी बना दिया गया है। उन्होंने वहां काम भी शुरू कर दिया है। चौंकाने वाला यह है कि मध्यप्रदेश के पार्टी के कई बड़े नेता गुजरात चुनाव के लिए जहां एक-एक विधानसभा क्षेत्रों तक सीमित कर दिए गए हैं, वहीं जिराती सात जिलों की 40 सीटों के प्रभारी बनाए गए।

भारत जोड़ो यात्रा के खरगोन जिला समन्वयक पद से अर्जुन ठाकुर को हटाने के बाद महेश्वर के कांग्रेसियों के एक धड़े ने डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ के खिलाफ एक अलग अंदाज में मोर्चा खोला। ये लोग विधानसभा सत्र के तीसरे दिन उनका पुतला लेकर भोपाल पहुंच गए और प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने उसे फूंकने की चेतावनी दे डाली। सज्जन वर्मा की समझाइश के बाद वे बड़ी मुश्किल से माने। इनके तेवर आने वाले समय में और तीखे हो सकते हैं।

पुछल्ला

रमेश मैंदोला इस बार अनन्त चतुर्दशी चल समारोह में कैलाश विजयवर्गीय के साथ सुर मिलाते नजर नहीं आए। आखिर ऐसा क्यों हुआ यह तो दोनों में से कोई एक ही बता सकता है, लेकिन मैंदोला की इस अनुपस्थिति ने तरह-तरह की चर्चाओं को जन्म तो दे ही दिया है।

बात मीडिया की

दैनिक भास्कर के संपादकों का सालाना शिखर सम्मेलन इस बार श्रीनगर में हुआ। इसमें सुधीर अग्रवाल और पवन अग्रवाल भी मौजूद थे। रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा के लिए हुए इस समागम के बाद भास्कर में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

नईदुनिया इंदौर में आने वाले समय में बड़े बदलाव की आहट हैं। इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई।

भास्कर डिजिटल के उत्तर प्रदेश हेड जनार्दन पाण्डे ने समूह को गुडबॉय कर दिया है। उन्हें कुछ महीने पहले ही यह दायित्व सौंपा गया था। उनके अचानक यह निर्णय लेने के पीछे का कारण समझ नहीं आ रहा है। वैसे भास्कर डिजिटल के साथी तो इसे प्रसुन्न मिश्रा से उनकी नाराजगी को जोड़कर देख रहे हैं।

क्राइम रिपोर्टिंग में अलग पहचाने रखने वाले दैनिक भास्कर के स्टार रिपोर्टर राघवेंद्र बाबा ने अब फिल्म प्रोडक्शन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया है। क्राइम स्टोरी पर केंद्रित उनकी इस फिल्म की इन दिनों बहुत चर्चा है।