लोग क्यों अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं पूजा ?

1328

बिना सिर-पैर के मुद्दों में उलझे इस देश को पूजा सिंघल के मुद्दे पर विमर्श की फुरसत नहीं है.इस देश में हर आदमी का सपना अपने बच्चे को पढ़ा-लिखकर पूजा सिंघल बनाने का होता है. पूजा सिंघल यानि नोट छापने की मशीन यानि भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनाना . प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हाल ही में मारे गए छापे में पूजा के घर से अकूत बेनामी सम्पत्ति ही नहीं बल्कि नगद रुपयों का भण्डार मिला है .

जैसा कि मैंने कहा कि पूजा सिंघल एक ऐसा नाम है जो कुछ दिन पहले तक संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी करने वालों के लिए नजीर माना जाता था. हर स्टूडेंट्स की ख्वाहिश होती थी कि वह पूजा सिंघल की तरह कम उम्र में ही आईएएस बन जाए. पूजा सिंघल पर भ्रष्टाचार के आरोप पहले भी लगते रहे लेकिन इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया.लेकिन कभी आईएएस से शादी फिर उससे तलाक और फिर एक बिजनेसमैन से विवाह की वजह से वह हमेशा सुर्खियों में बनी रहीं. उनकी छवि एक तेजतर्रार और महात्वाकांक्षी अधिकारी के रूप में बनी रही. सरकारें आती जाती रहीं लेकिन उन्हें महत्वपूर्ण पद मिलते रहे. हर कोई पूजा की पूजा करता रहा क्योंकि वो जाने-अनजाने नोट छपने की मशीन बन चुकी थी .

Dl7ep92XcAApDYZ

मै अपने इकलौते बेटे से अक्सर भाप्रसे की नौकरी के लिए तैयारी करने को कहता था,मै भी अपने घर में नोट छपने की एक छोटी सी मशीन चाहता था,लेकिन मेरे बेटे ने आईएएस बनने से साफ़ इंकार कर दिया और हवाला दिया हमारे ही प्रदेश के एक ऐसे आईएएस अफसर का जिसके घर से छापे में तीन सौ करोड़ रूपये की बेनामी सम्पत्ति निकली थी. बेटे की नजरों में आईएएस इस देश में भ्र्ष्टाचार और नेताओं के लिए चापलूसी का सबसे बड़ा औजार था .मुझे तब मेरे बेटे की बात समझ में नहीं आई थी लेकिन पूजा सिंघल प्रकरण ने मुझे सब कुछ समझा दिया .मेरा बेटा आईएएस नहीं बनना था सो नहीं बना लेकिन वो अपनी मेहनत और ईमानदारी से किसी आईएएस से ज्यादा सुकून और स्वाभिमान के साथ परदेश में नौकरी कर रहा है .मुझे अब लगता है की मेरे बेटे का फैसला सही था .

Also Read: ED Got 25 Crore Cash from IAS Pooja Singhal’s House;IAS के ठिकानों से ED को 25 करोड़ नकद मिले

बहरहाल बात पूजा सिंघल की हो रही थी. देश सेवा का जज्बा लेकर भाप्रसे में आयी प्रतिभाशाली पूजा को भ्र्ष्टाचार की मशीन आखिर किसने और कब बना दिया ,इस पर कोई विमर्श नहीं हुआ.हो भी नहीं सकता क्योंकि पूजा यानि भाप्रसे के अधिकारी और नेताओं के बीच जो दुरभि संधि है वो ही भ्र्ष्टाचार की गंगोत्री बनाती है .इस देश के हर प्रदेश में एक न एक पूजा सिंघल हैं .सरकारें उन्हें तब तक संरक्षण देती हैं जब तक कि वे उनके लिए खुद परेशानी का सबब न बन जाएँ .आखिर भाप्रसे में ऐसा कौन सा चोर दरवाजा है जहां एक बार झाँकने के बाद ईमानदार से ईमानदार व्यक्ति महाभरषट हो जाता है ?

भारत के महा भ्रष्ट केवल आईएएस अफसर ही होते तो भी बात थी,यहां तो पूरे कुएं में भांग घुली पड़ी है .आईपीएस,और आईएफएस ,आईआरएस,आईईएस यानि सभी अखिल भारतीय सेवाओं में महाभरषट अफसर भरे पड़े हैं .लेकिन सरकार इक्का-दुक्का को छोड़कर किसी का कुछ नहीं बिगड़ सकती .आपको याद होगा कि 2016 में आंध्र प्रदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो की छापेमार कार्रवाई में ईस्ट गोदावरी जिले के परिवहन उपायुक्त ए. मोहन के पास कई राज्यों में 800 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति का पता चला।

dc92ce2b a4bb 4c7c 911c 1c7a05c37872 1616866975

भारत में आईएएस अफसरों का नाम चाहे पूजा सिंघल हो या अरविंद जोशी ,इससे कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि सरकार इस सेवा में पवित्रता लेन के लिए तैयार ही नहीं है. किसी भी सूबे की सरकार हो या केंद्र की सरकार कभी भी किसी पूजा सिंघल के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार नहीं होती .

मुझे याद है कि साल 1996 में उत्तर प्रदेश आईएएस एसोसिएशन के एक सर्वेक्षण में अखंड प्रताप सिंह को कथित रूप से प्रदेश का सबसे भ्रष्ट अफ़सर बताया गया था ,उनकी सारी संपत्ति की जाँच कराने की माँग की गई थी, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने नामंज़ूर कर दिया था.केंद्र सरकार ने अखंड प्रताप सिंह के ख़िलाफ़ सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति मांगी थी जिसे राजनाथ सिंह सरकार ने अस्वीकार कर दिया था.इसके बाद आई मायावती सरकार ने न केवल सीबीआई जांच की एक और मांग ठुकराई बल्कि सिंह के ख़िलाफ़ विजिलेंस के मामले भी वापस ले लिए.

Also Read: Kissa-A-IAS: अति महत्वाकांक्षा ने इस प्रतिभाशाली IAS को गर्त में धकेला! 

मायावती के बाद आए मुलायम सिंह यादव एक कदम आगे गए और उन्होंने अखंड प्रताप सिंह को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया और बाद में केंद्र सरकार की सहमति से उन्हें सेवा विस्तार भी दिया.चार अलग-अलग पार्टियों के मुख्यमंत्रियों का अखंडप्रताप सिंह को लगातार बचाना अपने आप में बड़ी बात थी लेकिन ये इस बात की पुष्टि भी थी कि खुद अखंड प्रताप सिंह अलग अलग राजनीतिक आक़ाओं को साधने में कितना माहिर थे.मध्य्प्रदेश में महाभरषट अधिकारीयों में शुमार अनेक पूर्व और वर्तमान आईएएस अधिकारी आज भी मौज कर रहे हैं .किसी भी पार्टी की सर्कार को उनसे कोई तकलीफ नहीं है .

POOJA JI

भ्रष्टाचार कोई नई बीमारी नहीं है. 1981 में पूजा की ही तरह संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में टॉपर रहे प्रदीप शुक्ला भी महाभ्रस्ट अधिकारियों की सूची में भी टॉप पर पहुंचे .अपने बैच के टॉपर रहे आईएएस प्रदीप शुक्ल का नाम जब दस हजार करोड़ क एनआरएचएम घोटाले में नाम आया और उनकी गिरफ्तारी हुई तो देश की सबसे प्रतिष्ठित कही जाने वाली भारतीय प्रशासनिक सेवा का सिर शर्म से झुक गया । हमेशा प्रथम श्रेणी में पास होने वाले और भौतिकी में एमएससी ,आईएएस टॉपर प्रदीप शुक्ला एक वक्त इलाहाबाद में रहकर सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों के आदर्श हुआ करते थे ,लेकिन अब उनकी वजह से शहर और सिविल सेवा दोनों शर्मिंदा होते हैं.

Also Read: Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: केंद्र में बढ़ता एमपी के IAS अफसरों का दबदबा 

सवाल यही है कि हमारे देश कि अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों को महाभ्रष्ट बनाने के लिए कौन जिम्मेदार है ?क्या देश में किसी भी सरकार ने इन महाभ्रस्ट अफसरों की सम्पत्तियाँ राजसात कीं.? क्या किसी को भ्रष्टाचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई ? क्या किसी महाभ्रस्ट नौकरशाह का घर बुलडोजर के निशाने पर आया ? शायद नहीं. मध्यप्रदेश में एक पत्रकार रविंद्र जैन एक महाभ्रस्ट आईएएस अफसर के भ्र्ष्टाचार को लगातार उजागर कर रहे हैं लेकिन आजतक सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है ,इसलिए लगता नहीं है कि इस बीमारी से भारत की नौकरशाही को निजात मिल पाएगी .