रतलाम शहर के विधायक चेतन काश्यप इन दिनों कुछ खफा-खफा चल रहे हैं। उनकी नाराजगी का कारण शायद यह है कि गत दिनों प्रदेश के मंडल और आयोग में कई नेताओं को एडजस्ट किया गया लेकिन उसमें चेतन का नाम नदारद था। बता दें कि शिवराज की पूर्ववर्ती सरकार में चेतन योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे और उन्हें मंत्री का दर्जा प्राप्त था लेकिन इस बार उनका नाम शिवराज की नजर से कैसे छूट गया यह चर्चा का विषय है।
एक बात और रतलाम जिले के लोगों को अखरती है कि उनका प्रतिनिधित्व करने वाला कोई राजनेता दमदार पद पर नहीं है। कहने को तो पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी भी हैं, चेतन काश्यप सहित अन्य विधायक भी हैं लेकिन पद पर नहीं होने से उनकी आवाज बुलंद नहीं हो पाती है। रतलाम के पास के जिले मंदसौर से दो मंत्री और नीमच और धार जिले में एक- एक मंत्री आसीन हैं। ऐसे में यह सहज सोचा जा सकता है कि रतलाम जो कि ज्यादा सक्रिय और असरदार जिला है, से भले ही मंत्रिपरिषद में ना हो, निगम मंडल में तो एडजस्ट किया ही जाना चाहिए था और चेतन काश्यप से भला फिट कौन हो सकता है जो अन्य तरीके से भी पार्टी की मदद करते रहते हैं।
कलेक्टर की एक्शन से जैन समाज में हर्ष
रतलाम शहर में जैन मंदिर की 35 करोड़ से भी अधिक की 36 बीघा जमीन साथ ही सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की कार्रवाई से समूचे जैन समाज में हर्ष व्याप्त है। दरअसल पिछले कई सालों से रतलाम जिले के ग्राम सनवदा में फोरलेन बायपास के पास महिंद्रा शोरूम के सामने श्री रखबदेव जैन मंदिर (लालचंद्र जी का मंदिर) की लगभग 35 करोड़ रुपयों की लगभग 36 बीघा शासकीय भूमि को जिला प्रशासन ने जहूर खां पिता मोहम्मद खां,सिराज खां पिता अयूब खां,मसरूफ खां पिता अब्दुल हमीद के अवैध कब्जे से मुक्त कराकर भूमि का कब्जा जैन मंदिर के ट्रस्टियों को सौंपा।
रतलाम शहर में जैन समाज का बहुतायत है इसे देखते हुए कलेक्टर की इस कार्यवाही की ना सिर्फ जैन समाज में वरन पूरे शहर में सराहना की जा रही है। कलेक्टर से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि इसी प्रकार अन्य समाजों की जमीन पर अगर किसी का कब्जा हो तो उसे भी हटाने की मुहिम शुरू की जाए।
माफियाओं को नेस्तनाबूद करने के साथ ही शहर की समस्याओं को भी देखे कलेक्टर एसपी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप रतलाम के कलेक्टर और एसपी माफियाओं,गुंडों और सटोरियों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं और उसका असर भी नागरिकों को दिख रहा है लेकिन नागरिक यह भी चाहते हैं कि इसी के साथ-साथ शहर की आमजन से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए भी प्रशासन आगे आए और ठोस कार्रवाई करें।
शहर की जनता को कलेक्टर और एसपी से यह भी अपेक्षा है कि बिगड़ती यातायात व्यवस्था और सड़कों की बिगड़ी स्थिति को भी दुरुस्त करवाने की और ध्यान दें। शहर की जनता को परेशानियों से निजात मिलें।शहर के हर क्षेत्रों में जाम लग जाना, एकांगी मार्ग का कहीं भी पालन नहीं किया जाना।बदस्तूर यातायात और बेतरतीब वाहनों की आवाजाही ने शहर में कहीं भी यातायात व्यवस्था सुधारने में पुलिस की रुचि नहीं होना,सड़कों के किनारे खड़े वाहनों,सब्जी भाजी बेचने वालों और हाथ ठेला लगाने वालोें ने सड़कों की चौड़ाई को सकरी कर देना।
शहर को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सिवरेज लाइन का कार्य क्या चला कि बस शहर की सारी सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। पिछले चार सालों से शहर की सड़कें नदारद हों चुकी है, बस गड्डै ही गड्ढे दिखाई देते हैं। ऐसे में दुर्धटना होना निश्चित है।
राजवाड़ा कब तक अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता रहेगा
शहर का राजवाड़ा धीरे धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है जिसके बारे में न तो शहर के जनप्रतिनिधि और न ही जवाबदार अधिकारी इसके कायाकल्प को लेकर गंभीर हैं।
राजवाड़ा में लगने वाले सरकारी कार्यालयों को स्थानांतरित कर इस एतिहासिक विरासत की धरोहर की हिफाजत वक्त की दरकार है।बसंत पंचमी पर्व पर शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने राजवाड़ा द्वार और वहां लगी घड़ी के कायाकल्प को लेकर 25 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की थी।विधायक चेतन्य काश्यप शहर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि है उन्हें इस समूची धरोहर का कायाकल्प करने का संकल्प लेकर शीध्र इस खंडहर में तब्दील होती एतिहासिक विरासत को सहेजने की जुगत लगाने से महलवाड़ा के स्वरूप में चार चांद लग सकते हैं।
इंजिनियर पर कलेक्टर क्यों हुए नाराज?
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम 27 जनवरी को जिले के सैलाना पहुंचे थे।वहां एकलव्य आवासीय परिसर स्कूल परिसर में 1 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किए जा रहे ऑडिटोरियम निर्माण का निरीक्षण किया जहां निर्माण की गुणवत्ता को लेकर,घटिया निर्माण पर सख्त नाराज हुए कलेक्टर ने तत्काल उज्जैन पदस्थ इंजीनियर चौधरी को कॉल किया और बोले कि इतना घटिया निर्माण कर रहे हो? शासन के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है? यदि क्वालिटी ऐसी ही बनी रही तो निलंबित हो जाओगे।कलेक्टर ने इंजीनियर को तत्काल रतलाम आने और गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए।